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T20GK/श्री राम कोचिंग

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नई शिक्षा नीति 2020 - CTET Special 💯
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🧶 18वीं लोकसभा के शैडो प्रधानमंत्री बने राहुल गांधी 🤩 ▪️ चूंकि विपक्ष के नेता को शैडो पीएम की भी संज्ञा दी जाती है, अतः राहुल गांधी अब शैडो कैबिनेट बनाके अपनी पीएम बनने की अधूरी ख्वाहिशें पूरी करने जा रहे है 😎 👨‍💻 दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को वर्ष 1977 में वैधानिक मान्यता दी गई थी और वे कैबिनेट मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं। 🥰 ▪️ विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख संविधान में नहीं बल्कि संसदीय संविधि में है, अतः यह एक संवैधानिक पद नहीं है। ☹️ 🙌 राहुल गांधी के पास होंगी ये शक्तियां🤞 🗣 नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद वो उस कमिटी का हिस्सा बन जाएंगे, जो सीबीआई के डायरेक्टर, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ती करती है. 💪 ▪️ इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां पीएम मोदी बैठेंगे और पहली बार ऐसा होगा, जब इन फैसलों में पीएम को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी उनकी सहमति लेनी होगी। 🥳
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संविधान का अनुच्छेद 93 यह व्यवस्था करता है कि लोकसभा अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में दो सदस्यों का चयन करेगी
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लोकसभा अध्यक्ष का निर्वाचन
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नीलम संजीव रेड्डी:- 17 मार्च 1967 में चौथी लोकसभा के लिए अध्यक्ष चुने गए। 19 जुलाई 1969 को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था, परंतु चुनाव हार गए26 मार्च 1977 को उन्हें छठी लोकसभा के लिए अध्यक्ष सर्वसहमति से चुन लिया गया था। 4 महीने बाद (1977) राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए पुनः अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था और इस बार राष्ट्रपति बन ही गए थे। @Krchaudharysir
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व्याख्या:- आजादी के बाद से, केवल एम ए अय्यंगार, जी एस ढिल्लों, बलराम जाखड़ और जी एम सी बालयोगी ने अगली लोकसभाओं में इस प्रतिष्ठित पद को बरकरार रखा है। जाखड़ सातवीं और आठवीं लोकसभा के अध्यक्ष थे और उन्हें दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र पीठासीन अधिकारी यानी स्पीकर होने का गौरव हासिल है, बलराम जाखड़ ने ही साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।
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ओम बिरला बने स्पीकर.pdf2.06 KB
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Q. स्वतंत्र भारत में लोकसभा स्पीकर पद के लिए कितनी बार चुनाव हुए-Anonymous voting
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  • 2 बार
  • 4 बार
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व्याख्या:- स्वतंत्र भारत में लोकसभा स्पीकर पद के लिए केवल 4 बार 1952, 1967 और 1976 तथा 2024 में चुनाव हुए।
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Q. इनमें से किस स्पीकर को दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र पीठासीन अधिकारी यानी स्पीकर होने का गौरव हासिल है-Anonymous voting
  • एम ए अयंगार
  • एस ढीलो
  • बलराम जाखड़
  • बलिराम भगत
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