cookie

Ми використовуємо файли cookie для покращення вашого досвіду перегляду. Натиснувши «Прийняти все», ви погоджуєтеся на використання файлів cookie.

avatar

RAMANSHU G.S. CLASSES OFFICIAL

👉🏻For-UPSC, UPPCS,UKPCS, RPSC,MPPSC,CGPSC,BPSC,JPSC,सचिवालय SSC,RLY,CDS,CPF,CDPO,UPSI,UPSSC,Bihar Daroga। 👉🏻Opp:-Rimjhim hotel ,bhikhna pahari , Patna - 800004 👉🏻CONTACT:-8873290666,8809657903 YOUTUBE:-https://youtube.com/c/RamanshuGsclasses

Більше
Рекламні дописи
26 002
Підписники
+724 години
+217 днів
+5030 днів

Триває завантаження даних...

Приріст підписників

Триває завантаження даних...

Фото недоступнеДивитись в Telegram
मतदान बने मौलिक अधिकार मुद्दा
Показати все...
🙏 7👍 5
Фото недоступнеДивитись в Telegram
👍 5
Document from Ramanshu Mishra
Показати все...
🙏 7
शिक्षा से संबंधित विभिन्न आयोग
आयोग -  (वर्ष) 
चार्ल्सवुड डिस्पैच -  1854
हंटर कमीशन - 1882
रैले कमीशन  - 1902
सैडलर कमीशन - 1917
हॉर्टोग कमीशन - 1929
वर्धा योजना - 1937
सार्जेंट कमीशन - 1944
राधाकृष्णन कमीशन - 1948
Показати все...
𝐁𝐏𝐒𝐂 𝐈𝐍𝐂𝐋𝐔𝐒𝐈𝐕𝐄

#Bpscinclusive_official अन्य महत्वपूर्ण ग्रुप :- 📍 @Bpscinclusive_official (मुख्य ग्रुप /चैनल ) 📍 @Bpscinclusive_Biharspecial (बिहार स्पेशल) 📍 @Bpscinclusive_science (साइंस स्पेशल ) 📍 @Bpscinclusive_PDFs (पीडीऍफ़ के लिए) 📍 @Bpscinclusive_MCQs (MCQs )

सारांश📌 •शीर्षक: मतदान बने मौलिक अधिकार मुख्य मुद्दे:- -भारत में कम मतदान एक चिंता का विषय है। - 2022 में अमेरिका में मतदान प्रतिशत 66%, ब्रिटेन में 67% और भारत में 78% था। - प्रवासी श्रमिकों के लिए मतदान करना मुश्किल होता है क्योंकि उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्रों में वापस जाना होता है। - कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि मतदान को मौलिक अधिकार बना दिया जाए। - अन्य विशेषज्ञ अनिवार्य मतदान का समर्थन करते हैं, लेकिन वे इसके व्यावहारिक पहलुओं की अनदेखी करते हैं। - भारत में अनिवार्य मतदान लागू करना मुश्किल होगा क्योंकि देश बहुत बड़ा है। - मतदान बढ़ाने के लिए अन्य तरीके भी हैं, जैसे कि रिमोट वोटिंग और प्री-वोटिंग। चर्चा:- भारत में कम मतदान एक गंभीर समस्या है। 2022 में, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे अन्य लोकतंत्रों की तुलना में भारत में मतदान प्रतिशत कम था। इसका मतलब है कि बहुत से लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को चुनने की प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं। कम मतदान के कई कारण हैं। एक कारण प्रवासी श्रमिकों की बड़ी संख्या है, जिन्हें अपने लोकसभा क्षेत्रों में वापस जाने के लिए यात्रा करनी पड़ती है। एक अन्य कारण मतदाता सूची में त्रुटियां हैं, जिसमें मृत, डुप्लीकेट और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम शामिल हैं। कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि मतदान को मौलिक अधिकार बना दिया जाए। इसका मतलब यह होगा कि हर नागरिक को वोट देने का अधिकार होगा, और सरकार को मतदान को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने होंगे। अन्य विशेषज्ञ अनिवार्य मतदान का समर्थन करते हैं। इसका मतलब यह होगा कि सभी नागरिकों को वोट देना होगा, और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उन्हें जुर्माना या अन्य दंडों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अनिवार्य मतदान के कई व्यावहारिक पहलू हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, यह सुनिश्चित करना मुश्किल होगा कि सभी लोग वोट दें, और यह अन्यायपूर्ण भी हो सकता है उन लोगों के लिए जो मतदान नहीं करना चाहते हैं। भारत में अनिवार्य मतदान लागू करना भी मुश्किल होगा क्योंकि देश बहुत बड़ा है। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशाल बुनियादी ढांचा स्थापित करना होगा कि सभी लोग वोट दे सकें। मतदान बढ़ाने के लिए अन्य तरीके भी हैं। एक तरीका रिमोट वोटिंग की व्यवस्था करना है, जिससे लोग इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से वोट दे सकें। एक अन्य तरीका प्री-वोटिंग की व्यवस्था करना है, जिससे लोग चुनाव के दिन से पहले मतदान कर सकें। भारत में मतदान बढ़ाने के लिए कोई आसान समाधान नहीं है। सरकार को विभिन्न कारकों पर विचार करने की आवश्यकता होगी और एक ऐसा दृष्टिकोण विकसित करना होगा जो सभी नागरिकों के लिए सुलभ और निष्पक्ष हो।   •भारत में 30 करोड़ से 45 करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं जो अपने गांवों से काम की तलाश में शहरों में गए हैं।   •ये श्रमिक अपने गांवों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, लेकिन वे वहां वापस मतदान करने के लिए नहीं जा सकते हैं।   •इसका मतलब है कि भारत में लाखों लोग अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।   •इस समस्या को दूर करने के लिए, प्रवासी श्रमिकों को रिमोट वोटिंग या पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए।   •भारत को मतदान को मौलिक अधिकार बनाने पर भी विचार करना चाहिए, जैसा कि कई अन्य देशों में है। विवरण:- भारत में, मतदान एक संवैधानिक अधिकार है। इसका मतलब है कि हर नागरिक को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर वोट देने का अधिकार है। हालांकि, लाखों प्रवासी श्रमिक इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इन श्रमिकों को अपने गांवों में मतदान करने के लिए वापस जाना पड़ता है, जो अक्सर बहुत महंगा और समय लेने वाला होता है। नतीजतन, कई लोग मतदान नहीं करते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, कई समाधान प्रस्तावित किए गए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि प्रवासी श्रमिकों को रिमोट वोटिंग या पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए। दूसरों का मानना है कि भारत को मतदान को मौलिक अधिकार बनाने पर विचार करना चाहिए। रिमोट वोटिंग एक ऐसी प्रणाली है जिसमें मतदाता इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके घर से ही वोट दे सकते हैं। पोस्टल बैलेट एक ऐसी प्रणाली है जिसमें मतदाता को मतपत्र मेल द्वारा भेजा जाता है, जिसे वे भरकर वापस भेजते हैं। दोनों प्रणालियों के अपने फायदे और नुकसान हैं। रिमोट वोटिंग अधिक सुविधाजनक होगी, लेकिन इसमें धोखाधड़ी की संभावना भी अधिक होगी। पोस्टल बैलेट कम सुविधाजनक होगा, लेकिन यह धोखाधड़ी के लिए कम संवेदनशील होगा।
Показати все...
👍 24
🔥🔥🔥🔥Live @6:30PM ON RAMANSHU GS CLASSES YOUTUBE CHANNEL🔥🔥🔥🔥🔥
Показати все...
👍 3
🔥🔥🔥🔥Live @6:30Pm🔥🔥🔥🔥🔥
Показати все...
👍 3