࿗ भारतवर्ष 🚩 Bharatvarsh 🚩
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It's "Aum" not "OM" please learn the difference 🙏
"Aum" 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩
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मंत्र जप से पहले "मुख- शोधन" शास्त्रीये विधि
मन्त्रशास्त्रीय नियम यह भी है कि मन्त्र का जप करने के पूर्व मुखशोधन नामक क्रिया भी सम्पन्न कर लेनी चाहिए।
जिहा की भौतिक अशुद्धि के अतिरिक्त मिथ्या भाषण, विवाद, कलह, पैशुन्य आदि के मल से भी जिह्वा अशुद्ध होने के कारण मन्त्र जप की पात्रता से वञ्चित हो जाती है । जप के पूर्व मुख-शोधन क्रिया में देवता-सम्बद्ध उस मन्त्र का जप के पहले १० बार जप कर लेना चाहिए-
देवता/देवी मंत्र
लक्ष्मी श्रीं
धुमावती ॐ
तारा ह्रीं हूँ ह्रीं
गणेश ॐ गं
विष्णु ॐ हूँ
बगलामुखी ऐं ह्रीं ऐं
दुर्गा ऐं ऐं ऐं
मातंगी ॐऐं ॐ
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🌸🌸 *चिंतन* 🌸🌸
*_देखने का मतलब है, सामान्य देखना, जो हम दिनभर कुछ ना कुछ देखते रहते हैं।_*
*_किन्तु दर्शन का अर्थ होता है– जो हम देख रहे है 'उसके पीछे छुपे तथ्य और सत्य को जानना'_*
*_देखने से मनोरंजन हो सकता है, परिवर्तन नहीं किन्तु दर्शन से मनोरंजन हो ना हो लेकिन परिवर्तन अवश्यम्भावी है!_*
नारायण! नारायण!!! नारायण!!!
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अजेयस्त्वं त्रिभिर्लोकैः सदेवासुरमानुषैः। शिवाय विष्णुरूपाय विष्णवे शिवरूपिणे॥ दक्षियज्ञविनाशाय हरिरूपाय ते नमः। ललाटाक्षाय शर्वाय मीढुषे शूलपाणये॥देवता, असुर और मनुष्यों सहित तीनो लोक भी आपको पराजित नहीं कर सकते। आप ही विष्णु रूप शिव तथा शिव स्वरूप विष्णु है, आपको नमस्कार है। दक्ष यज्ञ का विनाश करने वाले हरिहर रूप आप भगवान् को नमस्कार है। आपके ललाट में तृतीय नेत्र शोभा देता है। आप जगत् का संहारक होने के कारण शर्व कहलाते है। भक्तों की अभीष्ट कामनाओं की वर्षा करने के कारण आपका नाम मीढ्वान् (वर्षणशील) है। अपने हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले आपको नमस्कार है।
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राम व कृष्ण मंदिरों में मुख्य व प्रधान पूजन दिव्य चतुर्भुज विष्णु रूप का ही पूजन होना उचित है.
रामायण व भागवत अनुसार राम व कृष्ण अवतार के समय भगवान अपने दिव्य चतुर्भुज रूप में ही प्रकट हुए थे. 🌺🚩
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