Rajasthan gk by Rajendra sir
🄷ɪɴᴅɪ 🄼ᴇᴅɪᴜᴍ 🅂ᴛᴜᴅʏ 🄿ʟᴀᴛꜰᴏʀᴍ 𝐏𝐫𝐨𝐦𝐨𝐭𝐢𝐨𝐧 @RAJENDRA SIR 𝐑𝐀𝐒, 𝐑𝐏𝐒𝐂, 𝐑𝐒𝐌𝐒𝐒𝐁,REET, POLICE, LDC , PATWAR, VDO, BSTC ALL STATE EXAMS . पतझड़ हुए बिना, पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते. !! कठिनाई और संघर्ष सहे बिना, अच्छे दिन नहीं आते…!!!
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राजस्थान BSTC 2023 का काउंसलिंग कैलेंडर जारी।
जिन विद्यार्थियों के 300++ नंबर है, वह अपनी काउंसलिंग जरूर करवाए कॉलेज नहीं मिलने पर पेमेंट रिफंड हो जाएगा
और हो सकता है कॉलेज भी मिल जाए।
आमेर दुर्ग का इतिहास
●आमेर प्राचीन काल में एक नगर था, जो अंबरीश ऋषि की तपोस्थली था और उसी के नाम पर इसे आमेर कहा गया।
● प्राचीन काल में आंबेर, अंबिकापुर, अंबर, अंबरीशपुर, अंबावती आदि नामों से विख्यात था !
● इतिहास के अनुसार पहले यहाँ सूसावत मीणों का वर्चस्व था ! जिन्हें 11वीं शताब्दी (1150 ई. में) कछवाहा राजा धोलाराय ने हराकर एक छोटे से दुर्ग का निर्माण करवाया !
● आमेर दुर्ग के महलों का निर्माण कार्य राजा मानसिंह ने शुरू करवाया था, जो राजा मिर्जा जयसिंह के काल में पूर्ण हुआ था !
● बिशप हैबर ने आंबेर के महलों की सुंदरता को देखकर लिखा है कि “मैंने क्रेमलिन में जो कुछ देखा है ! और अलब्रह्मा के बारे में जो कुछ भी सुना है, उससे ही बढ़कर ये महल है
#आमेर दुर्ग के प्रमुख ऐतिहासिक महल और स्थल#
●मावठा झील और केसर क्यारी –
● आमेर दुर्ग के नीचे मावठा झील स्थित है उसी के मध्य सुगंधित केसर की क्यारीयाँ बनी हुई थी ! जिससे हवा के साथ-साथ केसर की सुगंधित खुशबु दुर्ग में पहुँचती थी ! इसका निर्माण 1664 ई. में मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था !
● दिलाराम के बाग –इसका निर्माण 1664 ई में मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था |