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#स्कूल_व्याख्याता_(भूगोल), स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार Personal ac.- @TRCGeography (School lecturer Geography)
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🌀 असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम में बैठने वाले सभी साथियों को शुभकामनाएं 💐
✍️ @TRDogiyal
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यह पत्र उनके लिए संजीवनी की तरह है जो लगे हुए हैं बिना किसी इंतजार के.....💐
#School lecturer , #Second Grade ✌️
✍️ @TRDogiyal
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🌾 गहन कृषि जिला कार्यक्रम Intensive Agriculture District Programme (IADP-1960):-
इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य कृषि उत्पादन, विशेषकर खाद्यान्नों के लिए गहन दृष्टिकोण की रणनीति तैयार करना था। तीसरी पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम को नियोजित विकास प्रक्रिया में शामिल किया गया।
📜इस कार्यक्रम में उन्नत बीज, सिंचाई, उर्वरक, पौध संरक्षण, उपकरण, ऋण आदि की सभी सुविधाओं के सामूहिक और एक साथ अनुप्रयोग के कारण देश भर में "पैकेज प्रोग्राम" नाम लोकप्रिय हुआ।
📜यह कार्यक्रम जुलाई 1960 में सात राज्यों के सात चयनित जिलों में शुरू किया गया था। वे थे (I) आंध्र प्रदेश में पश्चिम गोदावरी, (ii) बिहार में शाहाबाद, (iii) तमिलनाडु में तंजौर, (iv) मध्य प्रदेश में रायपुर, (v) पंजाब में लुधियाना, (vi)राजस्थान में पाली और (vii) उत्तर प्रदेश में अलीगढ़।
📜इन जिलों का चयन कम समय में उपज बढ़ाने की उच्च क्षमता के आधार पर किया गया। इन चयनित जिलों में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति, अच्छी तरह से विकसित सहकारी समितियाँ, अच्छे भौतिक बुनियादी ढांचे और न्यूनतम खतरों की गारंटी थी।
✍️ @TRDogiyal
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🌾 उच्च उपज विविधता कार्यक्रम || High Yielding variety Programme (HYVP - 1966):-
उच्च उपज विविधता कार्यक्रम 1966 में शुरू किया गया था जिसने देश को खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर बनाने करने में मदद की साथ ही तकनीकी विकास को उच्च उपज वाली फसलों के साथ साथ उच्च विश्लेषण और संतुलित उर्वरक, सिंचाई, पौधों की सुरक्षा, उन्नत उपकरणों आदि अनुप्रयोगों के साथ जोड़ा गया जिससे देश में हरित क्रांति संभव हो सकी।
📜इस कार्यक्रम में उच्च उपज वाली प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रभाव कृषि उत्पादन के अन्य क्षेत्रों जैसे पशु उत्पादन, मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, सामाजिक वानिकी आदि तक फैल गया।
📜इस कार्यक्रम की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से पंजाब, हरियाणा और यूपी के पश्चिमी हिस्सों से की गई।
📜1966-67 से HYV की खेती के परिणामस्वरूप खाद्यान्न उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। गेहूँ का उत्पादन दोगुना हो गया तथा चावल के उत्पादन में भी पर्याप्त वृद्धि हुई....
📜चौथी पंचवर्षीय योजना के तहत अनाज और बाजरा के HYV के तहत 2.5 करोड़ हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र का लक्ष्य पार कर कर चार करोड़ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर कर लिया गया था।
✍️ @TRDogiyal
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🌾 गहन कृषि क्षेत्र कार्यक्रम || Intensive agriculture area programme (IAAP -1964):-
IADP कार्यक्रम से भारत में खाद्यान्न उत्पादन में 30% बढ़ोतरी हुई जिससे पैकेज प्रोग्राम भारत में बहुत ही पोपुलर हुआ जिसके परिणामस्वरूप IAAP प्रोग्राम की शुरुआत हुई जो IADP से कम गहन व कम लागत का प्रोग्राम था।
📜1964 में इस कार्यक्रम के तहत भारत के 114 जिलों का चयन किया गया जिसे बाद विस्तारित करते हुए 150 जिलों तक बढ़ाया गया...|
📜इस कार्यक्रम के तहत देश के 20-25% खेती योग्य क्षेत्र को गहन कृषि विकास के अधीन लाया गया..
📜इस कार्यक्रम की अनुशंसा तीसरी पंचवर्षीय योजना मध्यावधि मूल्यांकन समिति द्वारा की गई थी।
✍️ @TRDogiyal
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📌पैकेज प्रोग्राम का पहला पायलट प्रोजेक्ट.....
📜 School lecturer Geography Paper 2022
✍️ @TRDogiyal
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पी सेनगुप्ता तथा जी सदास्युक द्वारा भारत के आर्थिक प्रदेशो का वर्गीकरण....
📜 School lecturer Geography Paper 2022
व्याख्या:- ✍️ @TRDogiyal
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🌀 दाब प्रवणता बल:-
यह उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर लगता है जिसके कारण हवाएँ भी उच्च दाब से निम्न दाब की और चलती हैं दो स्थानों के बीच वायुदाब में अंतर जितना अधिक होता है दाब प्रवणता बल भी उतना ही अधिक होता है ।
हवाओं की गति इस दाब प्रवणता बल के समानुपाती होती है, दाब प्रवणता जितनी अधिक होगी हवाओं की गति भी उतनी ही तीव्र होगी।
दाब प्रवणता को बैरोमीट्रिक ढाल कहा जाता है।
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🌊शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात:-
जे. बर्कनीज़ तथा वी बर्कनीज़ ने शीतोष्ण चक्रवात की उत्पति हेतु ध्रुवीय वाताग्र सिद्धांत दिया है जिसमें वाताग्र जनन द्वारा शीतोष्ण चक्रवात के जीवन चक्र को 6 अवस्थाओं से समझाया है।
✍️ @TRDogiyal
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