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हिन्दी साहित्य / Hindi Literature

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🙇‍♂ कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे। • जादुई यथार्थवाद शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया था - फ्रेंज रोह ने • "वस्तुतः हमारी खोज पद्मावती की नहीं, पद्मावत की होनी चाहिए"...उत्कृष्ट कथन किस विद्वान का है - विजयदेवनारायण साही • "अपनी मूल प्रकृति में पद्मावत एक त्रासदी है...शायद हिंदुस्तान या सम्भवतः एशिया की धरती पर लिखा हुआ एकमात्र ग्रन्थ है जो यूनानियों की ट्रेजडी के काफी निकट है"...किसका कथन है - विजयदेव नारायण साही • "जायसी का प्रस्थान-बिंदु न ईश्वर है, न कोई अध्यात्म है । उनकी चिंता का मुख्य ध्येय मनुष्य है - मनुष्य"...किस विद्वान का कथन है - विजयदेव नारायण साही • "शमशेर की मूल मनोवृत्ति एक इम्प्रेशनिस्टिक चित्रकार की है" कथन किसका है - मुक्तिबोध • "प्रत्येक शब्द का प्रत्येक समर्थ उपयोक्ता उसे नया संस्कार देता है" कथन किसका है - अज्ञेय जी • "मुझ पर चढ़ने से रहा, राम!दूसरा रंग"...पंक्ति किसकी और कहां से ली गई है - मैथिली शरण गुप्त/द्वापर • "कान्ह के बोल पे कान न दीन्हीं, सुगेह को देहरि पै धरि आई"...पंक्ति मतिराम की है।
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"उन्होंने दोनो के विद्वेष भाव को दूर करके साधना का एक सामान्य मार्ग निकलने की संभावना समझी थी और वे उसका संस्कार अपनी शिष्य परम्परा में छोड़ गए थे।" गोरखनाथ के संबंध में यह कथन किसके द्वारा कहा गया हैAnonymous voting
  • Dr नगेंद्र
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी
  • रामविलास शर्मा
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⏰ वन लाइनर स्पेशल : हिन्दी सहित्य ⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉⑉ 1- "व्यक्तिवादी काव्य" या "वैयक्तिक कविता" के नाम से जाना जाता है ? -- हालावाद 2- "इस काव्य में समग्रतः एवं संपूर्णतः वैयक्तिक चेतनाओं को ही काव्यमय स्वरों और भाषा में संजोया गया है।" यहाँ किस काव्य के बारे में कहा गया है ? -- हालावादी काव्य के बारे में 3- "नव्य-स्वछंदतावाद" के नाम से जाना जाता है ? -- हालावाद 4- "उन्मुक्त प्रेमकाव्य" या "प्रेम व मस्ती के काव्य" के नाम से जाना जाता है ? -- हालावादी काव्य 5- "इसमें अपनी ही मस्ती, अल्हड़ता एवं अक्खड़ता है।" किसमें ? -- हालावादी काव्य में 6- हालावादी काव्य पर किसका प्रभाव है ? -- फारसी साहित्य का / उमरखैयाम का 7- "क्षयी रोमांस का कवि" कहा जाता है ? -- हरिवंश राय बच्चन को 8- "प्रेम और रोमांस का कवि" कहा जाता है ? -- रामेश्वर शुक्ल अंचल को 9- मांसलवाद के प्रवर्तक माने जाते है ? -- रामेश्वर शुक्ल अंचल 10- "इनके काव्य में रोमांस तो है लेकिन निराशा और दुःख जनित।" किसके बारे में कहा गया है ? -- नरेन्द्र शर्मा के
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सिद्ध और नाथो की निम्नलिखित एक सामान विशेषताओं में से आसमान विशेषता कोनसी है अथवा सिद्धों और नाथो विषयक असंगत विकल्प कोनसा हैAnonymous voting
  • नाद और बिंदु से जगत की उत्पत्ति नाथ वी सिद्ध दोनो मानते थे
  • सदगुरु का महात्म्य दोनो में था
  • जाती पांति का खंडन दोनो ने किया
  • तीर्थाटन के सम्बन्ध में जो भाव सिद्धों के थे वे ही हठयोगियों के भी
  • संसारिक जीवन के प्रति नकारात्मकता दोनो में थी
  • दोनो ने अपने अपने मत का प्रचार देश के पूर्वी भाग में किया
  • निर्वाण/मोक्ष प्राप्ति दोनो का लक्ष्य समान था
  • अंतस्साधना पर जोर व पंडितो को फटकार
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🙇‍♂ कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे। ■ "जहां बहुत कला होगी, परिवर्तन नहीं होगा" कथन किसका है - रघुवीर सहाय ■ "सूरदास सुधारक नहीं थे, ज्ञानमार्गी भी नहीं थे, किसी को कुछ सिखाने का मान उन्होंने भी किया ही नहीं...वे केवल श्रद्धालु और विश्वासी भक्त थे"। कथन किसका है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी ■ "समूचा साहित्य जन्म लेते ही प्रतिष्ठान की विकराल दाढ़ों में समाने लगता है" पंक्ति किस निबन्ध से है - साहित्य क्यों ■ "जो नर दुःख में दुःख नहिं माने..." पंक्ति किसकी है - गुरु नानक ■ "पांव रखते ही, बांस का पुल चरमराता डोलता है/कहीं नीचे बहुत गहरे, अतल खाई है"...पंक्ति किसकी है - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
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