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Ras Notes Omii....✍️🍍🍊

UPSC एवं RPSC से लेकर केन्द्र व राज्य सरकार की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शीलं परम भूषणम्

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🚨दिल्ली को कटक क्यों कहा जाता है? 👉अरावली पर्वतमाला का उत्तरी विस्तार दिल्ली के 'हरे फेफड़ों' के रूप में कार्य करता है। ✌️विशेषताएं: चट्टानी क्षेत्रों, घने जंगल, समृद्ध जैव विविधता, शहरी दिल्ली में प्रमुख हरित स्थान। 👉पारिस्थितिक समस्याएं: अतिक्रमण और शहरीकरण से वनस्पतियों, जीवों और वायु की गुणवत्ता को खतरा है। 👉प्रबंधनः सख्त भूमि उपयोग नियम, वनीकरण कार्यक्रम और संरक्षित वन स्थिति। ❤️Best For Next Exam
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02
Admit Card for Asst. Prof,Librarian and PTI (College Education) 2023 (Ex. Dated - 16.05.2024) 👇👇 https://rpsc.rajasthan.gov.in/admitcardnew?Pie=APROF_SUBJ3_2023
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03
आज की स्थिति खाली पद ......
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04
https://cbseresults.nic.in/
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International politics
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06
अच्छा प्रश्न......❤️👍 ◾️ एकीकरण का प्रथम चरण 🔹नाम :–मत्स्य संघ 🔹 नामकरण:– के. एम.मुंशी द्वारा 🔹राजप्रमुख:–धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह 🔹 प्रधानमंत्री:– शोभाराम कुमावत 👍🏻
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07
🪷पंचायतीराज🪷 🪷भारत में सर्वप्रथम पंचायतीराज की शुरुआत – 2 अक्टूबर 1959 नागौर (राजस्थान) 🪷समिति – बलवंतराय मेहता समिति उद्‌घाटनकर्ता - प. जवाहर लाल नेहरू राजस्थान में पंचायतीराज की शुरुआत द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत की गई। •🪷 राजस्थान के बाद आंध्रप्रदेश में पंचायतीराज व्यवस्था प्रारम्भ 21 अक्टूबर 1959 को की गई। 🪷पंचायतीराज से संबंधित भारत सरकार की समितियाँ •🪷 बलवन्तराय मेहता समिति (1957) 🪷अशोक मेहता समिति (1977) •🪷जीवीके राव समिति (1985) •🪷एल एम सिंघवी समिति (1986) 🪷 पी. के. थूंगन समिति (1988) •🪷गाडगिल समिति (1988) 🪷राजस्थान सरकार की समितियाँ - 🪷• सादिक अली समिति (1964) •🪷 गिरधारी लाल व्यास समिति (1973) •🪷 हरलाल खर्रा समिति (1988) •🪷 गुलाबचन्द कटारिया समिति (2011) 🪷73 वें संविधान संशोधन के बाद सर्वप्रथम पंचायतीराज कर्नाटक (1993) में लागू किया गया। 🪷13 वें संविधान संशोधन के बाद सर्वप्रथम पंचायतीराज चुनाव मध्यपदेश (1994) कराये गए।
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08
🛑 पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 🔰 राजस्थान पद्म श्री पुरस्कार 2024🇮🇳 🔹 अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद ( बीकानेर) को मांड लोक गायन के लिए, एक साथ बंधु पद्म श्री पुरस्कार दिया गया... 🔸 जानकीलाल भांड ( भीलवाड़ा ) को बहरूपिया कला के लिए... 🔹 श्रीमति माया टंडन ( जयपुर) को सड़क सुरक्षा के लिए... 🔸 लक्ष्मण भट्ट तैलंग (जयपुर) हाल ही में निधन जिनको ध्रुवपद गायन के लिए पद्म श्री पुरस्कार दिया गया है!
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09
1311 ईस्वी में जालौर पर आक्रमण करने वाली खिलजी सेना का सेनापति मलिक नाईब कमालुद्दीन गुर्गथा पर प्रारंभ में उसे कोई सफलता नहीं मिली। किंतु कान्हड़दे के सेनापति दहिया बीका ने कान्हड़देव के साथ विश्वासघात किया व दुर्ग की गुप्त सुरंग का रास्ता खिलजी सेना को बता दिया। दहिया के इस विश्वासघात का पता चलने पर उसकी पत्नी हीरादे ने दहिया को मार डाला। कान्हड़दे के नेतृत्व में चौहान सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए तथा जैतालदे के नेतृत्व में किले की स्त्रियों ने जौहर किया। जालौर का नाम अलाउद्दीन ने जलालाबाद रख दिया।
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62.10 प्रतिशत रहा राजस्थान का कुल मतदान (लोकसभा चुनाव 2024)
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International politics
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जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है।
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💎 बीकानेर के मांड कलाकार गनी मोहम्मद व अली मोहम्मद को पद्मश्री 2024 राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया
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🚨महाराणा प्रताप जयंती
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⚔️महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ⚔️ जिसकी तलवार की छलक से दुश्मन का दिल घबराता था वो अजर-अम्र वो शूरवीर तो महाराणा प्रताप कहलाता था #maharanapratap #MaharanaPratapJayanti
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▪️नाम - कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी) ▪️जन्म - 9 मई, 1540 ई. ▪️जन्म भूमि - कुम्भलगढ़, राजस्थान ▪️पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई. ▪️पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी ▪️माता - राणी जीवत कँवर जी ▪️राज्य - मेवाड़ ▪️शासन काल - 1568–1597ई. ▪️शासन अवधि - 29 वर्ष ▪️वंश - सुर्यवंश ▪️राजवंश - सिसोदिया ▪️राजघराना - राजपूताना ▪️धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म ▪️युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध ▪️राजधानी - उदयपुर ▪️पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह ▪️उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह ▪️अन्य जानकारी - ▪️महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,जिसका नाम 'चेतक' था। ▪️राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर,मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। ▪️वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि राणा प्रताप का जन्म हुआ। ▪️महाराणा का नाम इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है। ▪️महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। ▪️महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:- ▪️महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे। ▪️जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए| तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं | ▪️महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था| ▪️कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था। ▪️आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं | ▪️अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी| लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया | ▪️हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए | ▪️महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है | ▪️महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं| इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है| मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को | ▪️हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई। आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था | ▪️महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे | ▪️महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था | ▪️मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे| आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील | ▪️महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है | ▪️राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी की सूंड लगाई जाती थी।यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे | ▪️मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे | ▪️महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में। ▪️महाराणा प्रताप के हाथी की कहानी: मित्रो आप सब ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन उनका एक हाथी भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ। रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल- बदायुनी, जो मुगलों की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
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▪️राज्य में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) का  आधार वर्ष (1999-2000) ▪️उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) - 2012 ▪️औद्योगिक श्रमिको (CPI-IW) - 2016 ▪️कृषि श्रमिको के लिए (CPI-AL) - 1986-87 ▪️ग्रामीण श्रमिकों के लिए (CPI-RL) - 1986-87
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RAS Special ▪️नाम - कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी) ▪️जन्म - 9 मई, 1540 ई. ▪️जन्म भूमि - कुम्भलगढ़, राजस्थान ▪️पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई. ▪️पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी ▪️माता - राणी जीवत कँवर जी ▪️राज्य - मेवाड़ ▪️शासन काल - 1568–1597ई. ▪️शासन अवधि - 29 वर्ष ▪️वंश - सुर्यवंश ▪️राजवंश - सिसोदिया ▪️राजघराना - राजपूताना ▪️धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म ▪️युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध ▪️राजधानी - उदयपुर ▪️पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह ▪️उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह ▪️अन्य जानकारी - ▪️महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,जिसका नाम 'चेतक' था। ▪️राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर,मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। ▪️वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि राणा प्रताप का जन्म हुआ। ▪️महाराणा का नाम इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है। ▪️महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। ▪️महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:- ▪️महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे। ▪️जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए| तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं | ▪️महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था| ▪️कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था। ▪️आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं | ▪️अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी| लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया | ▪️हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए | ▪️महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है | ▪️महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं| इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है| मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को | ▪️हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई। आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था | ▪️महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे | ▪️महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था | ▪️मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे| आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील | ▪️महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है | ▪️राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी की सूंड लगाई जाती थी।यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे | ▪️मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे | ▪️महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में। ▪️महाराणा प्रताप के हाथी की कहानी: मित्रो आप सब ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन उनका एक हाथी भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ। रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल- बदायुनी, जो मुगलों की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
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नवंबर में प्री का एग्जाम हो सकता है ✌️650+ पोस्ट हैं
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If you need ,you can contact on above 🆔☝️
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📌 📌 ⭐ ⭐💫💫💫💫💫💫 ...... Hey! 🙋🙋🙋.... #Dhruv Rathi ...Time management Course ?😊🤔🤔 #Spoken English batch ?🤔       oR #Arawali Batch Complete raj g.k.by ( Booster academy)            OR NEED something else/ इनके अलावा कोई और कोर्स चाहिए?🤔🤔🤔 ।।।।।।। 👇👇👇👇।।।।। Contact... Telegram id 🆔 @Buddhawayy00
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पीएम ई बस योजना ✍✍ 🔯 योजना के तहत प्रदेश को 500 ई बस मिलेंगी ♦️योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा संचालित है योजना में प्रदेश के 8 जिले शामिल है - जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा ,बीकानेर उदयपुर जिले में प्रदूषण मुक्त डिपो बनाया जायेगा
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हाल ही में "localizing the SDGs woman in local governance in India lead the way" शीर्षक कार्यक्रम न्यूयॉर्क आयोजित किया गया भारत का प्रतिनिधित्व राजस्थान के झुंझनू जिले की ( लांबा अहीर पंचायत) की सरपंच नीरू यादव ने किया (हॉकी वाली सरपंच)
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🚨पीएम ई बस योजना 👉योजना के तहत प्रदेश को 500 ई बस मिलेंगी 👉योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा संचालित है 👉योजना में प्रदेश के 8 जिले सामिल है जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा ,बीकानेर 👉उदयपुर जिले में प्रदूषण मुक्त डिपो बनाया जायेगा
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Edit, Sign and Share PDF files on the go. Download the Acrobat Reader app: https://adobeacrobat.app.link/Mhhs4GmNsxb
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🚨Most Important QUESTIONS 🚨 पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा संचालित राजस्थान पहला ट्रस्ट - जसोल धाम ट्रस्ट, बाड़मेर 🚨ऑपरेशन अनामिका 👉राजस्थान में काले शीशे लगी गाड़ियां बिना नंबरी गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑपरेशन अनामिका चलाया जा रहा है
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लिलुड़ी बडली हत्याकांड 💥 वर्ष 1922 में हुए थे रोहिली (सिरोही) के 1800 लोग गोलियों के शिकार    🧣Key Points: 👨‍💻 ▪️ नीमूचाणा हत्याकांड (1925) को महात्मा गांधी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी विभत्स बताया था ▪️ राजस्थान का जलियांवाला बाग़ के नाम से बांसवाड़ा का मानगढ़ गोलीकांड (1913) जाना जाता है।
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भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' के रचयिता हैं रबींद्रनाथ टैगोर। साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे टैगोर। महात्मा गांधी ने दी थी 'गुरुदेव' की उपाधि। रवींद्रनाथ टैगोर जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन।
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दुनिया के एकमात्र नाक से अलगोजा बजाने पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में रामनाथ चौधरी का नाम हुआ दर्ज👍🏻
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जिसने गलती से फॉर्म withdraw कर लिया उनको गलती सुधारने का एक मौका दिया जा रहा हैं
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🚨एक राजस्थान अपडेट ये भी समझो की ▪️लोहा उत्पादन सर्वाधिक जयपुर तथा भंडारण उदयपुर में होता है ▪️नवीन जिलों के पश्चात तांबे की सबसे बड़ी खान खेतड़ी सिंघाना (नीमकाथाना जिले )में स्थित है ▪️तांबा भंडारण की दृष्टि से राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान जबकि उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान
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🚨दिल्ली को कटक क्यों कहा जाता है? 👉अरावली पर्वतमाला का उत्तरी विस्तार दिल्ली के 'हरे फेफड़ों' के रूप में कार्य करता है। ✌️विशेषताएं: चट्टानी क्षेत्रों, घने जंगल, समृद्ध जैव विविधता, शहरी दिल्ली में प्रमुख हरित स्थान। 👉पारिस्थितिक समस्याएं: अतिक्रमण और शहरीकरण से वनस्पतियों, जीवों और वायु की गुणवत्ता को खतरा है। 👉प्रबंधनः सख्त भूमि उपयोग नियम, वनीकरण कार्यक्रम और संरक्षित वन स्थिति। ❤️Best For Next Exam
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Admit Card for Asst. Prof,Librarian and PTI (College Education) 2023 (Ex. Dated - 16.05.2024) 👇👇 https://rpsc.rajasthan.gov.in/admitcardnew?Pie=APROF_SUBJ3_2023
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आज की स्थिति खाली पद ......
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CBSE Exam Results 2024

Central Board of Secondary Education (CBSE) Examination Results ; - Class X11, Class X, PMT, PDT Exam Results : Brought to you by National Informatics Centres (NIC-MIT-INDIA)

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अच्छा प्रश्न......❤️👍 ◾️ एकीकरण का प्रथम चरण 🔹नाम :–मत्स्य संघ 🔹 नामकरण:– के. एम.मुंशी द्वारा 🔹राजप्रमुख:–धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह 🔹 प्रधानमंत्री:– शोभाराम कुमावत 👍🏻
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🪷पंचायतीराज🪷
🪷भारत में सर्वप्रथम पंचायतीराज की शुरुआत – 2 अक्टूबर 1959 नागौर (राजस्थान)
🪷समिति – बलवंतराय मेहता समिति उद्‌घाटनकर्ता - प. जवाहर लाल नेहरू राजस्थान में पंचायतीराज की शुरुआत द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत की गई।
•🪷 राजस्थान के बाद आंध्रप्रदेश में पंचायतीराज व्यवस्था प्रारम्भ 21 अक्टूबर 1959 को की गई।
🪷पंचायतीराज से संबंधित भारत सरकार की समितियाँ
•🪷 बलवन्तराय मेहता समिति (1957) 🪷अशोक मेहता समिति (1977) •🪷जीवीके राव समिति (1985) •🪷एल एम सिंघवी समिति (1986) 🪷 पी. के. थूंगन समिति (1988) •🪷गाडगिल समिति (1988)
🪷राजस्थान सरकार की समितियाँ -
🪷• सादिक अली समिति (1964) •🪷 गिरधारी लाल व्यास समिति (1973) •🪷 हरलाल खर्रा समिति (1988) •🪷 गुलाबचन्द कटारिया समिति (2011)
🪷73 वें संविधान संशोधन के बाद सर्वप्रथम पंचायतीराज कर्नाटक (1993) में लागू किया गया।
🪷13 वें संविधान संशोधन के बाद सर्वप्रथम पंचायतीराज चुनाव मध्यपदेश (1994) कराये गए।
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🛑 पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 🔰 राजस्थान पद्म श्री पुरस्कार 2024🇮🇳 🔹 अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद ( बीकानेर) को मांड लोक गायन के लिए, एक साथ बंधु पद्म श्री पुरस्कार दिया गया... 🔸 जानकीलाल भांड ( भीलवाड़ा ) को बहरूपिया कला के लिए... 🔹 श्रीमति माया टंडन ( जयपुर) को सड़क सुरक्षा के लिए... 🔸 लक्ष्मण भट्ट तैलंग (जयपुर) हाल ही में निधन जिनको ध्रुवपद गायन के लिए पद्म श्री पुरस्कार दिया गया है!
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1311 ईस्वी में जालौर पर आक्रमण करने वाली खिलजी सेना का सेनापति मलिक नाईब कमालुद्दीन गुर्गथा पर प्रारंभ में उसे कोई सफलता नहीं मिली। किंतु कान्हड़दे के सेनापति दहिया बीका ने कान्हड़देव के साथ विश्वासघात किया व दुर्ग की गुप्त सुरंग का रास्ता खिलजी सेना को बता दिया। दहिया के इस विश्वासघात का पता चलने पर उसकी पत्नी हीरादे ने दहिया को मार डाला। कान्हड़दे के नेतृत्व में चौहान सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए तथा जैतालदे के नेतृत्व में किले की स्त्रियों ने जौहर किया। जालौर का नाम अलाउद्दीन ने जलालाबाद रख दिया।
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62.10 प्रतिशत रहा राजस्थान का कुल मतदान (लोकसभा चुनाव 2024)
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