cookie

We use cookies to improve your browsing experience. By clicking «Accept all», you agree to the use of cookies.

avatar

AGRICULTURE 𝐒𝐓𝐔𝐃𝐘 𝐆ROUP @ CHANNEL

All notification updated for competitive exams 👉Daily voice chat with you for Targeted exams 📺10-11 PM for Competitive A to Z

Show more
India160 049The language is not specifiedEducation66 854
Advertising posts
713
Subscribers
No data24 hours
-17 days
-330 days

Data loading in progress...

Subscriber growth rate

Data loading in progress...

Share G1_SG1_G2_SG1_2023_Cutoff.pdf
Show all...
👍 1
Merit Cutoff according to reservation pdf MP RAEO SADO 2023
Show all...
👍 1
भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने का निर्णय लिया है. इसकी घोषणा कर्पूरी ठाकुर की सौवीं जयंती से एक दिन पहले हुई है. राष्ट्रपति भवन की ओर जारी एक वाक्य की प्रेस रिलीज़ में लिखा है - राष्ट्रपति ने श्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की है. 24 जनवरी, 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में जन्में कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे. 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे. 1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया. इस दौर में अंग्रेजी में फेल मैट्रिक पास लोगों का मज़ाक 'कर्पूरी डिविजन से पास हुए हैं' कह कर उड़ाया जाता रहा. अपने दो कार्यकाल में कुल मिलाकर ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे. वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. 1971 में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्होंने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया. बिहार के तब के मुख्यमंत्री सचिवालय की इमारत की लिफ्ट चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए उपलब्ध नहीं थी, मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने चर्तुथवर्गीय कर्मचारी लिफ्ट का इस्तेमाल कर पाएं, ये सुनिश्चित किया. 1977 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुंगेरीलाल कमीशन लागू करके राज्य की नौकरियों आरक्षण लागू कर दिया. मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन आयोग को राज्य में भी लागू करने का काम सबसे पहले किया था.
Show all...
👍 4
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। वह पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। 24 जनवरी को ही उनकी जयंती है। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के CM और एक बार डिप्टी CM रहे। वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव जीता था। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने डिप्टी CM बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में 1904 में सिर्फ 1 व्यक्ति मैट्रिक पास था। 1934 में 2 और 1940 में 5 लोग मैट्रिक पास हुए थे। इनमें एक कर्पूरी जी थे।
Show all...
👍 1
👍 2 2
Budget Hindi.pdf
Show all...
👍 2
Download-68th-BPSC-Mains-General-Hindi-Exam-Question-Paper-held-on-17-05-2023_www.dhyeyaias.com_.pdf
Show all...
Date 30 dec
Show all...
👍 2