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Rajasthan GK Baba

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हिन्दी व्याकरण 9 to 12 📚📚 ✅✅✅✅✔️✔️✔️✔️✅✅✅✅
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✅ कुछ महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति। 1. ब्रह्म समाज – राजाराममोहन राय 2. आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती 3. प्रार्थना समाज – आत्माराम पांडुरंग 4. दीन-ए-इलाही, मनसबदारी प्रथा – अकबर 5. भक्ति आंदोलन – रामानुज 6. सिख धर्म – गुरु नानक 7. बौद्ध धर्म – गौतमबुद्ध 8. जैन धर्म – महावीर स्वामी 9. इस्लाम धर्म की स्थापना, हिजरी सम्वत – हजरत मोहम्मद साहब 10. पारसी धर्म के प्रवर्तक – जर्थुष्ट 11. शक सम्वत – कनिष्क 12. मौर्य वंश का संस्थापक – चन्द्रगुप्त मौर्य 13. न्याय दर्शन – गौतम 14. वैशेषिक दर्शन – महर्षि कणाद 15. सांख्य दर्शन – महर्षि कपिल 16. योग दर्शन – महर्षि पतंजली 17. मीमांसा दर्शन – महर्षि जैमिनी 18. रामकृष्ण मिशन – स्वामी विवेकानंद 19. गुप्त वंश का संस्थापक – श्रीगुप्त 20. खालसा पन्थ – गुरु गोविन्द सिंह 21. मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर 22. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – हरिहर व बुक्का 23. दिल्ली सल्तनत की स्थापना – कुतुबुद्दीन ऐबक 24. सतीप्रथा का अंत – लॉर्ड विलियम बेंटिक 25. आंदोलन : असहयोग,सविनय अवज्ञा, खेडा, चम्पारन, नमक, भारत छोडो – महात्मा गाँधी 26. हरिजन संघ की स्थापना – महात्मा गाँधी 27. आजाद हिंद फ़ौज की स्थापना – रास बिहारी बोस 28. भूदान आंदोलन – आचार्य विनोबा भावे 29. रेड क्रॉस – हेनरी ड्यूनेंट 30. स्वराज पार्टी की स्थापना – पंडित मोतीलाल नेहरु 31. गदर पार्टी की स्थापना – लाला हरदयाल 32. ‘वन्देमातरम्’ के रचियता – बंकिमचन्द्र चटर्जी 33. स्वर्ण मंदिर का निर्माण – गुरु अर्जुन देव 34. बारदोली आंदोलन – वल्लभभाई पटेल 35. पाकिस्तान की स्थापना – मो० अली जिन्ना 36. इंडियन एसोशिएशन की स्थापना – सुरेन्द नाथ बनर्जी 37. ओरुविले आश्रम की स्थापना- अरविन्द घोष 38. रुसी क्रांति के जनक – लेनिन 39. जामा मस्जिद का निर्माण – शाहजहाँ 40. विश्व भारती की स्थापना – रवीन्द्रनाथ टैगोर 41. दास प्रथा का उन्मूलन – अब्राहम लिंकन 42. चिपको आंदोलन – सुंदर लाल बहुगुणा 43. बैकों का राष्ट्रीकरण – इंदिरा गाँधी 44. ऑल इण्डिया वीमेन्स कांफ्रेंस की स्थापना – श्रीमती कमला देवी 45. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना – एम०एन० राय 46. नेशनल कांफ्रेंस की स्थापना – शेख अब्दूल्ला 47. संस्कृत व्याकरण के जनक – पाणिनी 48. सिख राज्य की स्थापना – महाराजा रणजीत सिंह
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🍎🍅🌶सब्जियों में कड़वाहट🌶🍅🍎 1. टमाटर का लाल रंग -- लाइकोपीन 2. मूली का तीखापन -- आइसोसाइनेट 3. आलू का हरा रंग -- सोलेन 4. दूध का सफेद रंग -- केसीन 5. हल्दी का पीला रंग -- कुरकुमिन 6. तिलहनो के तेल में पीला रंग कैराटिनाइज्ड 7. बादाम में कड़वाहट -- एमाइलेडिन 8. गाजर का नारंगी रंग -- कैरोटीन 9. सेब का लाल रंग -- एंथोसायनिन 10. प्याज में लाल रंग -- एन्थोसाइनिन 11. प्याज का पीला रंग -- कवेरसिटीन 12. मिर्च का लाल रंग -- केप्सेसीन 13. मिर्च का तीखापन -- केप्सेथिन 14. खीरे का कड़वाहट -- कुकर बीटेसीन 15. पपीता का पीला रंग -- केरिकांजेथीन
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‼️ राजस्थान के अवतारी लोक देवता‼️ (1) रामदेव जी --- कृष्ण जी (2) पाबूजी। --- लक्ष्मण जी (3) देवनारायण जी --- विष्णु जी (4) कल्लाजी --- शेषनाग
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राजस्थान का एकीकरण प्रथम चरण 1.प्रथम चरण (मत्स्य संघ):- राजस्थान के एकीकरण के प्रथम चरण में 18 मार्च, 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली रियासते और नीमराणा ठिकाने को मिलाकर मत्स्य संघ का निर्माण किया गया । मत्स्य संघ की राजधानी अलवर को बनाया गया । धौलपुर रियासत के राजा उदयभान सिंह को मत्स्य संघ का राजप्रमुख पद प्रदान किया गया । मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री अलवर के श्री शोभाराम कुमावत को बनाया गया । के.एम.मुंशी ने मत्स्य संघ का नामकरण किया था। राजस्थान के एकीकरण के प्रथम चरण के रुप में मत्स्य संघ का उद्घाटन एन.वी.गॉडविल ने किया था।
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ऊंट 🐪( Camel )संबंधित विस्तृत विश्लेषण ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ ◼ जैसलमेर- ✍ राजस्थान में सर्वाधिक ऊँटों वाला जिला जैसलमेर है। ◼ प्रतापगढ़- ✍ राजस्थान में सबसे कम ऊँटों वाला जिला प्रतापगढ़ है। 👉 राजस्थान में ऊँटों की नस्लें- ◼गोमठ ऊँट- ✍ विशेषता- ✍ राजस्थान में गोमठ ऊंट सर्वाधिक जोधपुर की फलोदी तहसिल में पाया जाता है। ✍ गोमठ ऊँट सवारी हेतु प्रसिद्ध माना जाता है। ◼नाचना ऊँट- ✍ विशेषता- ✍ राजस्थान में नाचना ऊँट सर्वाधिक जैसलमेर में पाया जाता है। ✍ यह ऊँट सबसे सुन्दर ऊँट माना जाता है। ✍ यह ऊँट राजस्थान में नाचने हेतु प्रसिद्ध है। ◼जैसलमेरी ऊँट- ✍ विशेषता- ✍ राजस्थान में जैसलमेरी ऊँट सर्वाधिक जैसलमेर में पाया जाता है जिसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है। 👉 राजस्थान में ऊँटों की अन्य नस्लें- 1. अलवरी ऊँट 2. सिंधी ऊँट 3. कच्छी ऊँट 4. बीकानेरी ऊँट 👉 ऊँटों से संबंधित अन्य तथ्य- ◼ मोहम्मद बिन कासिम- ✍ भारत में सर्वप्रथम ऊंट मोहम्मद बिन कासिम लेकर आया था इसीलिए भारत में ऊंट लाने का श्रेय मोहम्मद बिन कासिम को दिया जाता है। ◼ पाबूजी- ✍ राजस्थान में ऊंट सर्वप्रथम ऊंट पाबूजी लेकर आये थे इसीलिए राजस्थान में ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी महाराज को दिया जाता है। ✍ पाबूजी को ऊंटो का देवता भी कहते है। ◼ 30 जून 2014- ✍ राजस्थान सरकार ने 30 जून 2014 को ऊँट को राजस्थान के राज्य पशु का दर्जा दिया था जिसकी घोषणा बीकानेर जिले में की गई थी। ◼ रेबारी जाति या राईका जाति- ✍ राजस्थान में ऊँट पालने के लिए रेबारी जाति प्रसिद्ध है। ◼सारणेश्वर महादेव मंदिर- 👉 स्थित- सिरोही (राजस्थान) ✍ इस मंदिर में भाद्रपद शुक्ला द्वादशी के दिन रेबारी जाति का सबसे बड़ा मेला लगता है। ◼ उस्ता कला- ✍ राजस्थान में ऊँट की खाल के उपर की जाने वाली मिनाकारी को उस्ता कला कहते है। ✍ उस्ता कला के लिए राजस्थान के बीकानेर जिले का हिसामुद्दीन उस्ता का परिवार प्रसिद्ध है। ◼ काॅपी- ✍ राजस्थान में ऊंट की खाल से बनाये जाने वाले ठण्डे पानी के जलपात्रों को काॅपी कहा जाता है। ◼ गंगा रिसाला- ✍ बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने एक ऊँट सेना तैयार की थी जिसे गंगा रिसाला के नाम से जाना जाता है। ◼ उरमूल डेयरी- ✍ स्थित- बीकानेर (राजस्थान) ✍ यह भारत की एकमात्र ऊँटनी के दूध की डेयरी है। ✍ ऊंटनी के दूध में भरपुर मात्रा में विटामीन सी पाया जाता है। ◼ गोरबंद- ✍ यह राजस्थान का एक ऊँट श्रृंगार गीत है। ◼ गिरबाण- ✍ यह ऊँट के नाक में डाले जाने वाला आभूषण है। ✍ गिरबाण मुख्यतः लकड़ी का बना होता है। ◼ ऊँट अनुसंधान केन्द्र- 👉 स्थित- जोहड़बीड़, बीकानेर (राजस्थान)
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वीर तेजाजी (राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता) ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ 1. जाट वंश में जन्म हुआ। जन्म तिथि- माघ शुक्ला चतुर्दशी वि.स. 1130 को। 2. जन्म स्थान खरनाल (नागौर) है। माता -राजकुंवर, पिता - ताहड़ जी 3. कार्यक्षेत्र हाडौती क्षेत्र रहा है। 4. तेजाजी अजमेर क्षेत्र में लोकप्रिय है। 5. इन्हें जाटों का अराध्य देव कहते है। 6. उपनाम - कृषि कार्यो का उपकारक देवता, गायों का मुक्ति दाता, काला व बाला का देवता। 7. अजमेर में इनको धोलियावीर के नाम से जानते है। 8. इनके पुजारी घोडला कहलाते है। 9. इनकी घोडी का नाम लीलण (सिंणगारी) था। 10. परबत सर (नागौर) में " भाद्र शुक्ल दशमी " को इनका मेला आयोजित होता है। 11. भाद्र शुक्ल दशमी को तेजा दशमी भी कहते है। 12. सैदरिया- यहां तेजाजी का नाग देवता ने डसा था। 13. सुरसरा (किशनगढ़ अजमेर) यहां तेजाजी वीर गति को प्राप्त हुए। 14. तेजाजी के मेले के साथ-साथ राज्य स्तरीय वीरतेजाजी पशु मेला आयोजित होता है। 15. इस मेले से राज्य सरकार को सर्वाधिक आय प्राप्त होती है। 16. लाछां गुजरी की गायों को मेर के मीणाओं से छुडाने के लिए संघर्ष किया व वीर गति को प्राप्त हुए। 17. प्रतीक चिन्ह - हाथ में तलवार लिए अश्वारोही। 18. अन्य - पुमुख स्थल - ब्यावर, सैन्दरिया, भावन्ता, सुरसरा। ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
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राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता गोगाजी ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ 1. जन्म स्थान - ददरेवा (जेवरग्राम) राजगढ़ तहसील (चुरू)। 2. समाधि - गोगामेड़ी, नोहर तहसील (हनुमानगढ) 3. उपनाम - सांपों के देवता, जाहरपीर (यह नाम महमूद गजनवी ने दिया) 4. इनका वंश - चैहान वंश था। 5. गोगा जी ने महमूद गजनवी से युद्ध लडा। 6. प्रमुख स्थल:-श्शीर्ष मेडी ( ददेरवा),घुरमेडी - (गोगामेडी), नोहर मे। 7. गोगा मेंडी का निर्माण "फिरोज शाह तुगलक" ने करवाया। 8. वर्तमान स्वरूप (पुनः निर्माण) महाराजा गंगा सिंह नें कारवाया। 9. मेला भाद्र कृष्ण नवमी (गोगा नवमी) को भरता है। 10. इस मेले के साथ-साथ राज्य स्तरीय पशु मेला भी आयोजित होता है। 11. यह पशु मेला राज्य का सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाला पशु मेला है। 12. हरियाणवी नस्ल का व्यापार होता है। 13. गोगा मेडी का आकार मकबरेनुमा हैं 14. गोगाजी की ओल्डी सांचैर (जालौर) में है। 15. इनके थान खेजड़ी वृक्ष के नीचे होते है। 16. गोरखनाथ जी इनके गुरू थे। 17. घोडे़ का रंग नीला है। 18. गोगाजी हिन्दू तथा मुसलमान दोनों धर्मो में समान रूप से लोकप्रिय थे। 19. धुरमेडी के मुख्य द्वार पर "बिस्मिल्लाह" अंकित है। 20. इनके लोकगाथा गीतों में डेरू नामक वाद्य यंत्र बजाया जाता है। 21. किसान खेत में बुआई करने से पहले गोगा जी के नाम से राखड़ी "हल" तथा "हाली" दोनों को बांधते है।
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