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Bhakti Marg

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🆎🆎🆎🆎🚨🆎🆎🆎🆎     🔽 🔤🔤🔤🔤🔤🔽 ✨✨✨✨✨✨ 📺𝟏𝟓𝟎𝟎𝟎➡️𝗟𝗶𝘃𝗲 𝗰𝗵𝗮𝗻𝗻𝗲𝗹𝘀✔️ 📺𝟔𝟎𝟎𝟎𝟎➡️𝗠𝗼𝘃𝗶𝗲𝘀✔️ 📺𝟕𝟎𝟎𝟎 ➡️𝗪𝗲𝗯𝘀𝗲𝗿𝗶𝗲𝘀✔️ 😍🔞𝗟𝗶𝘃𝗲 𝗰𝗵𝗮𝗻𝗻𝗲𝗹𝘀&𝗩𝗼𝗱𝘀👌 ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 👨‍💻𝗢𝗡 𝗧𝗩,𝗠𝗼𝗯𝗶𝗹𝗲,𝗜𝗼𝘀,𝗣𝗖,𝗜𝗽𝗮𝗱 👀𝗖𝗼𝗻𝘁𝗲𝗻𝘁𝘀 𝗳𝗿𝗼𝗺 𝗮𝗹𝗹 𝗢𝗧𝗧 𝗮𝗽𝘀𝘀😍📺📺 🆓🅣🅔🅢🅣 🅐🅥🅐🅘🅛🅐🅑🅛🅔 ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨   💲🔠🔠🔠🔠🔠🔠 💲 📣𝟏 🅜🅞🅝🅣🅗 ➡️𝟭𝟵𝟵₹/𝟮.𝟵$ ✅  📣𝟑 🅜🅞🅝🅣🅗 ➡️𝟱𝟰𝟵₹/𝟳.𝟵$ ✅ 📣𝟔 🅜🅞🅝🅣🅗 ➡️𝟵𝟵𝟵₹/𝟭𝟰$  ✅  📣𝟏 🅨🅔🅐🅡 ➡️𝟭𝟳𝟵𝟵₹/𝟮𝟱$✅ ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 💲𝐏𝐀𝐘𝐌𝐄𝐍𝐓➡️𝗨𝗣𝗜,𝗖𝗥𝗬𝗣𝗧𝗢💲      🩹𝔼𝕊ℂℝ𝕆𝕎 𝔸ℂℂ𝔼ℙ𝕋𝔼𝔻🩹       ✅𝐆𝐞𝐧𝐮𝐢𝐧𝐞 𝐓𝐫𝐮𝐬𝐭𝐞𝐝 💯✅
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 24 सितम्बर 2023* *⛅दिन - रविवार* *⛅विक्रम संवत् - 2080* *⛅शक संवत् - 1945* *⛅अयन - दक्षिणायन* *⛅ऋतु - शरद* *⛅मास - भाद्रपद* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - नवमी सुबह 10:23 तक तत्पश्चात दशमी* *⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा* *⛅योग - शोभन शाम 06:40 तक तत्पश्चात अतिगण्ड* *⛅राहु काल - शाम 05:04 से 06:34 तक* *⛅सूर्योदय - 06:29* *⛅सूर्यास्त - 06:34* *⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक* *⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:56 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - श्री रामदेव पीर नवरात्रि समाप्त* *⛅विशेष - नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹त्रिकाल संध्या : (भाग -2)🔹* *👉 ११] जैसे आत्मज्ञानी महापुरुष का चित्त आकाशवत व्यापक होता है, वैसे ही उत्तम प्रकार से त्रिकाल संध्या और आत्मज्ञान का विचार करनेवाले साधक का चित्त विशाल होंते – होते सर्वव्यापी चिदाकाशमय होने लगता है ।* *👉 ऐसे महाभाग्यशाली साधक-साधिकाओं के प्राण लोक – लोकांतर में भटकने नहीं जाते । उनके प्राण तो समष्टि प्राण में मिल जाते हैं और वे विदेहमुक्त दशा का अनुभव करते हैं ।* *👉 १२] जैसे पापी मनुष्य को सर्वत्र अशांति और दुःख ही मिलता है, वैसे ही त्रिकाल संध्या करनेवाले साधक को सर्वत्र शांति, प्रसन्नता, प्रेम तथा आनंद का अनुभव होता है ।* *👉 १३] जैसे सूर्य को रात्रि की मुलाकात नहीं होती, वैसे ही त्रिकाल संध्या करनेवाले में दुश्चरित्रता टिक नहीं पाती ।* *👉 १४] जैसे गारुड़ मंत्र से सर्प भाग जाते हैं, वैसे ही गुरुमंत्र से पाप भाग जाते हैं और त्रिकाल संध्या करनेवाले शिष्य के जन्म-जन्मान्तर के कल्मष, पाप – ताप जलकर भस्म हो जाते हैं ।* *👉 आज के युग में हाथ में जल लेकर सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से भी अच्छा साधन मानसिक संध्या करना है । इसलिए जहाँ भी रहें, तीनों समय थोड़े – से जल से आचमन करके त्रिबंध प्राणायाम करते हुए संध्या आरम्भ कर देनी चाहिए तथा प्राणायाम के दौरान अपने इष्टमंत्र, गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।* *👉 १५] त्रिकाल संध्या व त्रिकाल प्राणायाम करने से थोड़े ही सप्ताह में अंत:करण शुद्ध हो जाता है । प्राणायाम, जप, ध्यान से जिनका अंत:करण शुद्ध हो जाता है उन्हींको ब्रह्मज्ञान का रंग जल्दी लगता है ।* *स्रोत – ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१६ से* *🔹 रविवार विशेष🔹* *🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)* *🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)* *🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)* *🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।* *🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।* *🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।* *🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।* *🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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