Current Nursing PDFs Notes ™
•✆ Contact/Paid Promo 👉 @Erbharat Nursing notes Kota BOOKS FREE ⊙ All Reference Books [Pdf] ⊙ Private Channel of RESONANCE KOTA- RAJASTHAN ⊙ We provide Free IIT JEE Books in Our Telegram Channel • Independent Unofficial Channel •
Больше27 438
Подписчики
-2124 часа
-1527 дней
-57030 дней
- Подписчики
- Просмотры постов
- ER - коэффициент вовлеченности
Загрузка данных...
Прирост подписчиков
Загрузка данных...
Показать все...
👍 1
जो छात्र: छात्रां कोचिंग नहीं ले सकते वह हमारे फ़्री ग्रुप में जुड़ने के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करें
लड़के यहाँ जुड़े लिंक 👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaDms7TCRs1x0xv34X3K/169
लड़कियाँ यहाँ जुड़े लिंक👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaDms7TCRs1x0xv34X3K/167
जो छात्र: छात्रां कोचिंग नहीं ले सकते वह हमारे फ़्री ग्रुप में जुड़ने के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करें
लड़के यहाँ जुड़े लिंक 👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaDms7TCRs1x0xv34X3K/169
लड़कियाँ यहाँ जुड़े लिंक👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaDms7TCRs1x0xv34X3K/167
जो छात्र: छात्रां कोचिंग नहीं ले सकते वह हमारे फ़्री ग्रुप में जुड़ने के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करें
लड़के यहाँ जुड़े लिंक 👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaA4cL2BvvsnMnKMhX3W/420
लड़कियाँ यहाँ जुड़े लिंक👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaA4cL2BvvsnMnKMhX3W/427
जो छात्र: छात्रां कोचिंग नहीं ले सकते वह हमारे फ़्री ग्रुप में जुड़ने के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करें
लड़के यहाँ जुड़े लिंक 👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaA4cL2BvvsnMnKMhX3W/420
लड़कियाँ यहाँ जुड़े लिंक👇👇👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaA4cL2BvvsnMnKMhX3W/427
समाज एवं अर्थव्यवस्था
गुप्त कालीन समाज परंपरागत रूप से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र चार वर्गों में विभाजित था।
गुप्तकाल में स्त्रियों की दशा श्रेष्ठ नहीं थी। उन्हें संपत्ति के अधिकार से अलग कर दिया गया था।
गुप्तकाल में बाल-विवाह के प्रथा को बढ़ावा मिला।
510 ई० के भानुगुप्त के एरण अभिलेख से सती प्रथा का पहला प्रमाण प्राप्त होता है, यह तिथि गुप्तकाल की है।
गुप्तकाल में वेश्याओं को गणिका एवं वृद्ध वेश्याओं को कुट्टनी कहते थे।
याज्ञवल्क्य स्मृति में सर्वप्रथम कायस्थ शब्द उपयोगिता के आधार पर भमि के प्रकार का उल्लेख मिलता है।
जाति के रूप में ‘कायस्थ’ का उल्लेख सर्वप्रथम ओशनम स्मृति में मिलता है।
गुप्तकालीन ‘कृषि’ का विस्तृत वर्णन वृहत्संहिता एवं अमरकोष में मिलता है।
कृषि से संबंधित कार्यों को देखने की जिम्मेदारी महाअक्षपटलिक एवं कारणिक पर थी।
इस काल में सिंचाई के लिए रहत या घटीयंत्र का प्रयोग होता था।
गुप्त काल में कृषकों को कुल ऊपज का 1/6 हिस्सा ‘कर’ के रूप में देना पड़ता था।
दशपुर, बनारस, मथुरा और कामरूप कपड़ा उत्पादन के बड़े केंद्र थे।
वृहत्संहिता में कम से कम 22 रत्नों का उल्लेख है।
रत्नों को परखने की कला इस काल में अत्यंत विकसित थी।
वात्स्यायन के कामसूत्र में इस कला को 64 कलाओं में शामिल किया गया है।
जहाज-निर्माण भी इस काल में एक बड़ा उद्योग था। इससे व्यापार में सहायता मिलती थी।
पाटलिपुत्र, वैशाली एवं ताम्रलिप्ति आदि प्रमुख व्यापारिक केंद्र थे।
इस काल में जल एवं स्थल मार्ग द्वारा मिस्र, फारस, रोम, यूनान, लंका, बर्मा. समात्रा. तिब्बत. चीन एवं पश्चिम एशिया से व्यापार होता था।
गुप्तकाल में वैष्णव-भागवत् धर्म की खूब उन्नति हुई।
गुप्तकाल में अनेक वैष्णव मंदिरों का निर्माण हुआ
गुप्तकाल में वैष्णव धर्म संबंधी सबसे महत्वपूर्ण अवशेष देवगढ़ (झांसी) के दशावतार मंदिर से प्राप्त हुए हैं।
शैव, बौद्ध एवं जैन धर्मों को भी इस काल में प्रोत्साहन मिला।
स्थान विष्णु के 10 अवतारों में वराह एवं कृष्ण की पूजा का प्रचलन इस काल में विशेष रूप से हुआ
श्रेणियाँ (GUILDS)
पेशावर, भड़ौंच, उज्जैयनी, बनारस, प्रयाग, मथुरा, व्यापारियों के निगम एवं शिल्पियों की श्रेणियाँ पूर्ववत् कार्य कर रही थीं।
ये संस्थाएँ बैंकों की तरह भी कार्य करती थी।
इन संस्थाओं का प्रबंध छोटी-छोटी समितियों द्वारा होता था जिनमें 4 से 5 तक सदस्य होते थे।
👍 1
Фото недоступноПоказать в Telegram
क्या आप खान सर {पटना} के ग्रुप मे शामिल होना चाहते हैं?
YES 💯💯
हा जी ⚡️
सिर्फ पढ़ने वाले ही JOIN करे।
Выберите другой тариф
Ваш текущий тарифный план позволяет посмотреть аналитику только 5 каналов. Чтобы получить больше, выберите другой план.