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Kalam acedmy Sikar all notes

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हेतु अधीनस्थ बोर्ड के फेवरेट टॉपिक (Second grade,EO, RAS, )✅ 👉राजस्थान के आधुनिक साहित्यकार (1) सूर्यमल्ल मीसण - 🔺 ● जन्म स्थान - बूंदी ● किस राजा का दरबारी - बूंदी के रामसिंह II ● प्रमुख पुस्तके - वंश भास्कर , वीर सतसई ● वीर सतसई किस भाषा में है - डिंगल (2) कन्हैया लाल सेठिया - 🔺 ● राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित है। ● प्रमुख पुस्तके - पाथल पीथळ , लीलटांस ,धरती धोरां री (3) विजय दान देथा - 🔺 ● किस उपनाम से जाने जाते है - बिज्जी ● पुस्तके - बातां री फुलवारी , अलेखू हिटलर व तीडोराव , दुविधा , चरण दास चोर ● इन्हें राजस्थान रत्न प्राप्त हुआ है। (4) लक्ष्मी बाई चुण्डावत -🔺 ● किस वर्ष राजस्थान रत्न प्राप्त हुआ - 2012 ● यह राज्य विधानसभा और राज्यसभा की सदस्य रही है । ● पुस्तके - मांझल रात और मूमल (5) शिवचन्द्र भरतीया - 🔺 ● आधुनिक राजस्थानी साहित्य के पहले विद्वान् ● पुस्तके - कनक सुन्दर , विश्रांत प्रवास व केसर विलास , फाटका जंजाल (6) मणि मधुकर- 🔺 ● पुस्तके - पगफेरों और सोजती गेट (7) विश्वेश्वर नाथ रेउ - 🔺 ● पुस्तके - विश्वेशर स्मृति , कोइन्स ऑफ़ मारवाड़ , हिस्ट्री ऑफ़ राष्ट्रकूट्स (8) चंद्र सिंह बिरकाली - बादळी और लू (9) सत्यप्रकाश जोशी- बोल भारमली व राधा (10) नाथू सिंह महियारिया - करणी शतक , चूंडा शतक और हाड़ी शतक शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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वीर तेजाजी (राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता) 🔰 ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ 1. जाट वंश में जन्म हुआ। जन्म तिथि- माघ शुक्ला चतुर्दशी वि.स. 1130 को। 2. जन्म स्थान खरनाल (नागौर) है। माता -राजकुंवर, पिता - ताहड़ जी 3. कार्यक्षेत्र हाडौती क्षेत्र रहा है। 4. तेजाजी अजमेर क्षेत्र में लोकप्रिय है। 5. इन्हें जाटों का अराध्य देव कहते है। 6. उपनाम - कृषि कार्यो का उपकारक देवता, गायों का मुक्ति दाता, काला व बाला का देवता। 7. अजमेर में इनको धोलियावीर के नाम से जानते है। 8. इनके पुजारी घोडला कहलाते है। 9. इनकी घोडी का नाम लीलण (सिंणगारी) था। 10. परबत सर (नागौर) में " भाद्र शुक्ल दशमी " को इनका मेला आयोजित होता है। 11. भाद्र शुक्ल दशमी को तेजा दशमी भी कहते है। 12. सैदरिया- यहां तेजाजी का नाग देवता ने डसा था। 13. सुरसरा (किशनगढ़ अजमेर) यहां तेजाजी वीर गति को प्राप्त हुए। 14. तेजाजी के मेले के साथ-साथ राज्य स्तरीय वीरतेजाजी पशु मेला आयोजित होता है। 15. इस मेले से राज्य सरकार को सर्वाधिक आय प्राप्त होती है। 16. लाछां गुजरी की गायों को मेर के मीणाओं से छुडाने के लिए संघर्ष किया व वीर गति को प्राप्त हुए। 17. प्रतीक चिन्ह - हाथ में तलवार लिए अश्वारोही। 18. अन्य - पुमुख स्थल - ब्यावर, सैन्दरिया, भावन्ता, सुरसरा। शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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🔻 देवनारायण जी (राजस्थान के प्रमुख लोकदेवता) 1. जन्म - आशीन्द (भीलवाडा) में हुआ। 2. गुर्जर जाति के आराध्य देव है। 3. गुर्जर जाति का प्रमुख व्यवसाय पशुपालन है। 4. देवनारायण जी विष्णु का अवतार माने जाते है। 5. मुख्य मेंला भाद्र शुक्ल सप्तमी को भरता हैं। 6. देवनारायण जी के घोडे़ का नाम लीलागर था। 7. प्रमुख स्थल- 1. सवाई भोज मंदिर (आशीन्द ) भीलवाडा में है। 2. देव धाम जोधपुरिया (टोंक) में है। 8. उपनाम - चमत्कारी लोक पुरूष 9. जन्म का नाम उदयसिंह थान 10. देवधाम जोधपुरिया (टोंक) - इस स्थान पर सर्वप्रथम देवनारायणजी ने अपने शिष्यों को उपदेश दिया था। 11. इनकी फंड राज्य की सबसे लम्बी फंड़ है। 12. फंड़ वाचन के समय "जन्तर" नामक वाद्य यंत्र का उपयोग किया जाता है। 13. देवनारायण जी के मंदिरों में एक ईंट की पूजा होती है। 14. राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे से इनका विवाह हुआ। शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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🔻 राजस्थान के प्रमुख नृत्य का परिचय 1. क्षेत्रिय नृत्य 1. बम नृत्य, 2. ढोल नृत्य 3. डांडिया नृत्य, 4. डांग नृत्य 5. बिन्दौरी नृत्य 6. अग्नि नृत्य 7. चंग नृत्य ​8. ढफ नृत्य 9. गीदड़ नृत्य 2. जातिय नृत्य (अ) भीलों के नृत्य 1. गैर 2. गवरी/ राई, 3. द्विचकी, 4. घुमरा नृत्य, 5. युद्ध 6. हाथीमना (ब) गरासियों के नृत्य 1. वालर, 2. कूद 3 मांदल 4. गौर, 5. मोरिया 6. जवारा 7. लूर (स) कथौड़ी जाति के नृत्य 1. मावलिया, 2. होली (द) मेव जाति के नृत्य 1. रणबाजा 2. रतवई (य) गुर्जर जाति के नृत्य 1. चरी नृत्य (र) सहरियों के नृत्य 1.शिकारी 3. सामाजिक नृत्य/धार्मिक नृत्य 1. धूमर नृत्य 2. घुडला नृत्य 3. गरबा नृत्य, 4. गोगा नृत्य 5. तेजा नृत्य 4. व्यावसायिक नृत्य 1. भवाई नृत्य 2. तेरहताली नृत्य 3. कच्छी घोड़ी नृत्य 4. चकरी नृत्य 5. कठपुतली नृत्य 6. कालबेलियों के नृत्य 7. भोपों के नृत्य शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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♣️ पंचायती राज परिचय ▪️पंचायती राज शब्द - ग्रामीण स्थानीय स्वशासन ▪️73वें सीएए के माध्यम से संवैधानिक, ▪️1992 पंचायती राज का विकास 1. बलवंत राज मेहता समिति ▪️लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के लिए अनुशंसित योजना ▪️राजस्थान पंचायती राज स्थापित करने वाला पहला राज्य था – 1959। ▪️इसके बाद आंध्र प्रदेश-1959 2. अशोक मेहता समिति ▪️गिरती हुई पीआर प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए 132 बदलावों की सिफारिश की गई ▪️पीआर की तीन स्तरीय प्रणाली - दो स्तरीय प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित - जिले में जिला परिषद और उसके नीचे मंडल पंचायत। ▪️विकेंद्रीकरण के लिए जिला पहला बिंदु होना चाहिए। ▪️पीआर संस्थाओं के पास कराधान और वित्त प्रबंधन की अनिवार्य शक्तियां हैं न्याय पंचायतों को अलग निकाय रखा जाएगा – योग्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में। ▪️जनसंपर्क मंत्री की नियुक्ति की जाएगी तथा मंत्रियों को राज्य स्तर पर जवाब देना होगा। ▪️जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित ▪️जनता सरकार के पतन के कारण लागू नहीं किया जा सका। 3. जीवीके राव समिति 4. एलएम सिंघवी समिति 5. थुंगोन समिति 6. गाडगिल समिति ▪️1988 में गठित – “सर्वोत्तम पीआर संस्थाओं को कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है” ▪️पीआर को संवैधानिक दर्जा दिया गया। त्रिस्तरीय प्रणाली – गांव, ब्लॉक और जिला स्तर। ▪️सदस्यों के लिए पांच वर्ष का निश्चित कार्यकाल – सीधे निर्वाचित – एससी/एसटी/महिला के लिए आरक्षण ▪️प्रबंधन के लिए राज्य वित्त आयोग, राज्य चुनाव आयोग ▪️73वां सीएए 1992 ▪️संविधान का भाग 9 – पंचायतें – अनुच्छेद 243 से 243O ▪️जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के विकास में मील का पत्थर। 🔷 मुख्य विशेषताएं क. ग्राम सभा ख. त्रिस्तरीय प्रणाली ग. सदस्यों और अध्यक्ष का चुनाव घ. सीटों का संस्करण. ई. पंचायत की अवधि निश्चित की गई। च. अयोग्यता निर्धारित। छ. राज्य चुनाव आयोग। ज. वित्त आयोग - लेखापरीक्षा और लेखा। ▪️पेसा अधिनियम, 1996 पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 के प्रावधान - उद्देश्य : ▪️कुछ संशोधनों के साथ भाग 9 के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना। ▪️अधिकांश जनजातीय आबादी के लिए स्वशासन। ▪️जनजातीय समुदायों की परंपराओं और रीति-रिवाजों की सुरक्षा और संरक्षण करना। ▪️जनजातीय आवश्यकताओं के लिए पंचायतों को सशक्त बनाना ▪️सहभागी लोकतंत्र के साथ ग्राम शासन प्रदान करना ▪️अप्रभावी प्रदर्शन के कारण 1. पर्याप्त हस्तांतरण। 2. नौकरशाही पर अत्यधिक नियंत्रण। 3. निधियों की बंधी हुई प्रकृति. 4. सरकारी वित्तपोषण पर अत्यधिक निर्भरता। 5. ग्राम सभा की स्थिति। 6. समान्तर निकायों का निर्माण. 7. खराब बुनियादी ढांचा शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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♣️ राजस्थान की प्रमुख औद्योगिक नीतियां  💎 1. प्रथम औद्योगिक नीति 24 जून 1978 2. द्वितीय औद्योगिक नीति अप्रैल 1991 3. तृतीय औद्योगिक नीति 15 जून 1994 4. चतुर्थ औद्योगिक नीति 4 जून 1998 5. पाँचवी नई औद्योगिक व निवेश नीति अगस्त, 2010 6. छठी नई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नीति • 20 नवम्बर 2015 7. सातवीं नई औद्योगिक विकास नीति 1 जुलाई 2019 शेयर करें टेलीग्राम चैनल👇👇 https://t.me/kalamallnotes
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