भविष्य मालिका संशोधन | Bhavishya Malika Research
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पुरी जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित नील चक्र के ऊपर लगने वाले पतितपाबन बाना (ध्वजा) जिसे नियम अनुसार रोज बदला जाता है, उसे कल अर्थात 12 जुलाई को सेवायतों के आपसी विवाद की वजह से बदला नहीं जा सका, यह संकेत इस बात को दर्शाता है की जो सम्पूर्ण जगत के नाथ है यदि उनकी ध्वजा परिवर्तन का कार्य तय समय पर नहीं हो पाया तो यह आने वाले महा विपत्ति का संकेत है। निकट भविष्य में मानव सभ्यता का सामना ऐसी-ऐसी भयानक परिस्थितियों से होने वाली है जिसकी कल्पना करना भी संभव नहीं है।
https://youtu.be/_BizhqtEjzs
जय श्री माधव🙏
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The largest sadhu gathering of Sanatan Dharma
India's largest sadhu conference is going to be organized on 15, 16, 17 September 2024 in the holy land of Odisha, Sri Lingaraj Kshetra Bhubaneswar.
In Jagannath culture, the Nitya Pancha Sakhas of Golok Baikunth of Lord Chaitanya Mahaprabhu Lord Shri Krishna composed the Bhavishya Malika texts 600 years ago, which contain the composition of profound facts and elements about the incarnation of Lord Kalki at the end of Kaliyuga, the establishment of religion and the salvation of human civilization.
In this Mahasabha of Sanatan Dharma, the grave secret of how human civilization can be protected from Mahavinash will be revealed for the salvation of human civilization.
Therefore, being a Sanatani, you are humbly requested to become a partner in this divine work to illuminate the secrets of Sanatan Dharma in the world.🌹
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The largest sadhu sabha of Sanatan Dharma
India's largest sadhu conference is going to be organized on 15, 16, 17 September 2024 in the holy land of Odisha, Sri Lingaraj Kshetra Bhubaneswar.
In Jagannath culture, the Nitya Pancha Sakhas of Golok Baikunth of Lord Chaitanya Mahaprabhu Lord Shri Krishna composed the Bhavishya Malika texts 600 years ago, which contain the composition of profound facts and elements about the incarnation of Lord Kalki at the end of Kaliyuga, the establishment of religion and the salvation of human civilization.
In this Mahasabha of Sanatan Dharma, the grave secret of how human civilization can be protected from Mahavinash will be revealed for the salvation of human civilization.
Therefore, being a Sanatani, you are humbly requested to become a partner in this divine work to illuminate the secrets of Sanatan Dharma in the world.🌹
In Kannada, English, Gujarati and Tamil
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सनातन धर्म का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन
उड़ीसा की पावन धरती श्री लिंगराज क्षेत्र भुवनेश्वर में 15, 16, 17 सितंबर 2024 को भारत का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।
जगन्नाथ संस्कृति में भगवान चैतन्य महाप्रभु भगवान श्री कृष्ण के गोलोक बैकुंठ के नित्य पंच सखाओं ने आज से 600 साल पहले भविष्य मालिका ग्रंथों की रचना की जिसमें कलियुग अंत भगवान कल्कि का अवतार धर्म संस्थापना और मानव सभ्यता के उद्धार के विषय में गूढ़ तथ्य और तत्व की रचना है।
सनातन धर्म की इस महासभा में महाविनाश से मानव सभ्यता की रक्षा कैसे की जा सकती है इस गुरूत्वपूर्ण रहस्य को मानव सभ्यता के उद्धार के लिए उजागर किया जाएगा।
अतः एक सनातनी होने के नाते आपसे विनम्र अनुरोध है सनातन धर्म के रहस्यों को दुनिया में प्रकाश के लिए आप इस देव कार्य के सहयोगी बनें।🌹
Sanatan Sadhu Sammelan.mp473.47 MB
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अखिल_भारतीय_साधु_सम्मेलन_में_सभी_साधु_संतो_को_सादर_आमंत्रण_पूज्य.mp427.82 MB
मालिका की वाणी -
"जेतेबेले हेब उदय काल,
भकत बुलिबे माल कु माल।
सर्ब भक्तों रिती एमतं,
पद मानंकु करि देबे ख्यात।
नियम मानंकु डरिबे नाहीं,
मूर्ख कं आगरे एमतं कहि।"
तत्वबोधिनी, ५म अध्याय, महापुरूष श्री अच्युतानंद दास, पृष्ठा–१८)
भावार्थ:
महापुरुष श्री अच्युतानंद दास वर्णन करते हैं कि जब महाप्रभु श्री श्री सत्य अनंत माधव का प्रकटीकरण समय आएगा, उस समय भक्तगण एकत्रित होंगे, एकजुट होंगे। मालिका के पद को सर्वसाधारण में प्रकाशित करेंगे। मालिका को न छिपाकर सबके सामने प्रकट करेंगे।
आज भी विभिन्न स्थानों में मालिका सभा आयोजित हो रही है और भक्तों का मेल हो रहा है। इस मेल में सभी भक्तगण बिना किसी की आलोचना या अपमान के डर से मालिका की चर्चा कर रहे हैं। जो लोग मालिका के बारे में अनभिज्ञ हैं, उन्हें भी मालिका के सभी पदों को बताकर भविष्य की बातें सूचित की जा रही हैं।
जो मालिका के 600 वर्ष पुराने लेख को प्रमाणित कर रहा है।
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सनातन धर्म का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन
उड़ीसा की पावन धरती श्री लिंगराज क्षेत्र भुवनेश्वर में 15, 16, 17 सितंबर 2024 को भारत का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।
जगन्नाथ संस्कृति में भगवान चैतन्य महाप्रभु भगवान श्री कृष्ण के गोलोक बैकुंठ के नित्य पंच सखाओं ने आज से 600 साल पहले भविष्य मालिका ग्रंथों की रचना की जिसमें कलियुग अंत भगवान कल्कि का अवतार धर्म संस्थापना और मानव सभ्यता के उद्धार के विषय में गूढ़ तथ्य और तत्व की रचना है।
सनातन धर्म की इस महासभा में महाविनाश से मानव सभ्यता की रक्षा कैसे की जा सकती है इस गुरूत्वपूर्ण रहस्य को मानव सभ्यता के उद्धार के लिए उजागर किया जाएगा।
अतः एक सनातनी होने के नाते आपसे विनम्र अनुरोध है सनातन धर्म के रहस्यों को दुनिया में प्रकाश के लिए आप इस देव कार्य के सहयोगी बनें।🌹
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सनातन धर्म का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन
उड़ीसा की पावन धरती श्री लिंगराज क्षेत्र भुवनेश्वर में 15, 16, 17 सितंबर 2024 को भारत का सबसे बड़ा साधु सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।
जगन्नाथ संस्कृति में भगवान चैतन्य महाप्रभु भगवान श्री कृष्ण के गोलोक बैकुंठ के नित्य पंच सखाओं ने आज से 600 साल पहले भविष्य मालिका ग्रंथों की रचना की जिसमें कलियुग अंत भगवान कल्कि का अवतार धर्म संस्थापना और मानव सभ्यता के उद्धार के विषय में गूढ़ तथ्य और तत्व की रचना है।
सनातन धर्म की इस महासभा में महाविनाश से मानव सभ्यता की रक्षा कैसे की जा सकती है इस गुरूत्वपूर्ण रहस्य को मानव सभ्यता के उद्धार के लिए उजागर किया जाएगा।
अतः एक सनातनी होने के नाते आपसे विनम्र अनुरोध है सनातन धर्म के रहस्यों को दुनिया में प्रकाश के लिए आप इस देव कार्य के सहयोगी बनें।🌹
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