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बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़
गृह मंत्रालय ने CISF, BSF और RPF में भूतपूर्व अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की
"इसके अतिरिक्त, उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षण में छूट दी जाएगी,"
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जब कभी किसी UPSC एस्पिरेंट से पूछा जाए कि, आप आईएएस क्यों बनना चाहते हो तो उसका जवाब होता है - देश सेवा का भाव हमारे मन में है इसलिए कलेक्टर बनकर जिला की जिम्मेदारी संभालेंगे। जब IAS बन जाते हैं तो तस्वीर कुछ और ही दिखाई देती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है महाराष्ट्र से। यहां प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने इस हद तक पॉवर का गलत उपयोग किया कि, उनका ट्रांसफर ही कर दिया गया।
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योजना: सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाएं, मदद पर मिलेंगे 10 हजार रुपए
सड़क दुर्घटना में घायल किसी अनजान व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचा कर जान बचाने वाले नेक इंसान (गुड सेमेरिटन) को राज्य सरकार अब दस हजार रुपए इनाम भी देगी। मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना में राज्य सरकार ने गुड सेमेरिटन को कानूनी पेचदगियों के बचाने के अलावा सम्मान स्वरूप दस हजार रुपए भी देने का प्रावधान किया है ताकि लोग सड़क दुर्घटना में घायल की बिना किसी डर के तत्काल मदद कर उनकी जान बचाने में मददगार बन सकें। खास बात है कि इस योजना को लेकर जिला पुलिस सोशल मीडिया पर प्रचार कर आमजन से अपील कर रही है।
वहीं ट्रैफिक पुलिस इसके लिए आमजन में पोस्टर वितरित करेगी। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा के अनुसार चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल में पहुंचाता है तो उसे जानकारी नोट करवाने के बाद तुरंत ही अस्पताल से जाने दिया जाएगा। उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं में लोग गंभीर घायल होते हैं। अक्सर आम लोग कानूनी कार्रवाई के डर से सहायता करने से कतराते हैं। कई बार इससे घायल को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती। जबकि शुरुआती समय उसके लिए बेहद खास होता है।अगर घायल की सहायता करने वाले मददगारों की संख्या एक से ज्यादा है तो सबको प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा। दस हजार रुपए राशि विभाजित कर दी जाएगी। पुलिस उनसे सामान्य जानकारी के अलावा अन्य पूछताछ नहीं करेगी एवं न ही पुलिस थाने आने के लिए बाध्य करेगी। अस्पताल घायल को पहुंचाने वालों से घायल के उपचार के लिए पैसों की मांग नहीं करेंगे। उपचार भी तत्काल शुरू करना होगा। इसमें सरकारी एंबुलेंस, निजी एंबुलेंस के कर्मचारी, पीसीआर वैन और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और घायल व्यक्ति के रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
ये करना होगा बेहतर काम तभी मिलेगा पुरस्कार, घायल को अस्पताल लाने वाले से नहीं होगी पूछताछ घायल व्यक्ति को लाने वाला मददगार अपनी जानकारी, नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि अस्पताल स्टाफ को नोट करवा दे। घायल व्यक्ति को इलाज के अनुसार एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि व्यक्ति गंभीर था या नहीं, इस रिपोर्ट के आधार पर ही लाभार्थी को विभाग की सामान्य प्रक्रियाओं के बाद सम्मान राशि दी जाएगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए गुड सेमेरिटन की गाइडलाइन निर्धारित की थी। सुप्रीम कोर्ट की निर्देशानुसार अगर मददगार घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे अनावश्यक पूछताछ नहीं की जाएगी। न ही उसके घायल के बारे बताने के लिए बाध्य किया जा सकेगा।
नोट:- पहले यह मदद राशि पांच हजार रुपए थी जिसे बजट 2024 में बढ़ाकर दस हजार रूपए कर दिया गया है।
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राजस्थान पुलिस विभाग में 5525 नए पद सृजित होंगे तो इतने पदों पर नई भर्तियां होंगी।
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