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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 17 जून 2024* *⛅दिन - सोमवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी* *⛅नक्षत्र - चित्रा दोपहर 01.50 तक तत्पश्चात स्वाति* *⛅योग- परिघा रात्रि 09:35 तक तत्पश्चात शिव* *⛅राहु काल - प्रातः 07:36 से प्रातः 09:17 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:27* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 18 से रात्रि 01:02 जून 18 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि* *⛅विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🌹निर्जला एकादशी महिमा🌹* *🌹वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है ।* *🌹एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते ।* *🌹स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है ।* *🌹जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता है ।* *🌹मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है ।* *🌹 जिन्होंने निर्जला एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।* *🌹जो ‘निर्जला एकादशी’ के दिन ब्राह्मण को पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा सन्तुष्ट करता है उन्हें भगवान श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं ।* *🌹जिन्होंने भगवान श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है ।* *🌹जो निर्जला एकादशी के दिन श्रेष्ठ ब्राम्हण को अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु, जोता तथा छाता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है ।* *🌹जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है ।* *🌹चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है ।* *🔸 निर्जला एकादशी आसानी से कैसे करें ?🔸* *🔹सुबह सूर्योदय से पहले-पहले भरपेट पानी पी लें ।* *🔹अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी ।* *🔹सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी ।* *🔹दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।* *🔹अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें, सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 16 जून 2024* *⛅दिन - रविवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी* *⛅नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात चित्रा* *⛅योग- वरीयान रात्रि 09:03 तक तत्पश्चात परिघा* *⛅राहु काल - शाम 05:45 से शाम 07:27 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:27* *⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:08 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 17 से रात्रि 01:01 जून 17 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा* *⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹 गंगा दशहरा (समाप्त) - 16 जून 2024 🔹* *🔸 गंगा स्नान का फल 🔸* *🔸 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)* *- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012* *🔸गंगा स्नान का मंत्र🔸* *🔸गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..* *ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा* *🔸ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...* *🔹नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :🔹* *🔸शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I* *🔸नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I* *🔸विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I* *🔸कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I* *🔸गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I* *🔸सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*
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👍 14🙏 8
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 15 जून 2024* *⛅दिन - शनिवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - नवमी रात्रि 02:32 जून 16 तक तत्पश्चात दशमी* *⛅नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी प्रातः 08.14 तक तत्पश्चात हस्त* *⛅योग- व्यतिपात रात्रि 08:11 तक तत्पश्चात वरीयान* *⛅राहु काल - प्रातः 09:17 से प्रातः 10:59 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:27* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 16 से रात्रि 01:01 जून 16 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - महेश नवमी, षडशीति संक्रांति* *⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹मुलतानी मिट्टी 🔹* *🔸मुलतानी मिट्टी से स्नान करने पर रोमकूप खुल जाते हैं । इससे रगड़कर स्नान करने पर जो लाभ होते हैं, साबुन से उसके एक प्रतिशत भी लाभ नहीं होते । स्फूर्ति और निरोगता चाहनेवालों को साबुन से बचकर मुलतानी मिट्टी से नहाना चाहिए ।* *🔸जिसको भी गर्मी हो, पित्त हो, आँखों में जलन होती हो वह मुलतानी मिट्टी का घोल बना के लगाये , थोड़ी देर बैठ जाय, फिर नहाये तो शरीर की गर्मी निकल जायेगी, फायदा होगा ।* *🔸मुलतानी मिट्टी और आलू का रस मिलाकर चेहरे को लगाओ, चेहरे पर सौदर्य और निखार आयेगा ।* *🔹शनिवार विशेष🔹* *🔸ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')* *🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')* *🔸हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
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👍 4🙏 1
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 14 जून 2024* *⛅दिन - शुक्रवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - अष्टमी रात्रि 12:03 जून 15 तक तत्पश्चात नवमी* *⛅नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक* *⛅योग- सिद्धि शाम 07:08 तक तत्पश्चात व्यतिपात* *⛅राहु काल - प्रातः 10:59 से दोपहर 12:40 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:26* *⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 15 से रात्रि 01:01 जून 15 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी* *⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔷स्वास्थ्य प्रदायक स्नान विधि🔷* *👉स्नान सूर्योदय से पहले ही करना चाहिए।* *👉मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर स्नान करें।* *👉स्नान करते समय स्तोत्रपाठ, कीर्तन या भगवन्नाम का जप करना चाहिए।* *👉स्नान करते समय पहले सिर पर पानी डालें फिर पूरे शरीर पर, ताकि सिर आदि शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों से निकल जाय।* *👉'गले से नीचे के शारीरिक भाग पर गर्म (गुनगुने) पानी से स्नान करने से शक्ति बढ़ती है, किंतु सिर पर गर्म पानी डालकर स्नान करने से बालों तथा नेत्रशक्ति को हानि पहुँचती है।' (बृहद वाग्भट, सूत्रस्थानः अ.3)* *👉स्नान करते समय मुँह में पानी भरकर आँखों को पानी से भरे पात्र में डुबायें एवं उसी में थोड़ी देर पलके झपकायें या पटपटायें अथवा आँखों पर पानी के छींटे मारें। इससे नेत्रज्योति बढ़ती है।* *👉निर्वस्त्र होकर स्नान करना निर्लज्जता का द्योतक है तथा इससे जल देवता का निरादर भी होता है।* *👉किसी नदी, सरोवर, सागर, कुएँ, बावड़ी आदि में स्नान करते समय जल में ही मल-मूत्र का विसर्जन नही करना चाहिए।* *👉प्रतिदिन स्नान करने से पूर्व दोनों पैरों के अँगूठों में सरसों का शुद्ध तेल लगाने से वृद्धावस्था तक नेत्रों की ज्योति कमजोर नहीं होती।* *🔷स्नान के प्रकारः मन:शुद्धि के लिए-🔷* *👉ब्रह्म स्नानः ब्राह्ममुहूर्त में ब्रह्म-परमात्मा का चिंतन करते हुए।* *👉देव स्नानः सूर्योदय के पूर्व देवनदियों में अथवा उनका स्मरण करते हुए।* *🔷समयानुसार स्नानः🔷* *👉ऋषि स्नानः आकाश में तारे दिखते हों तब ब्राह्ममुहूर्त में।* *👉मानव स्नानः सूर्योदय के पूर्व।* *👉दानव स्नानः सूर्योदय के बाद चाय-नाश्ता लेकर 8-9 बजे।* *👉करने योग्य स्नानः ब्रह्म स्नान एवं देव स्नान युक्त ऋषि स्नान।* *👉रात्रि में या संध्या के समय स्नान न करें। ग्रहण के समय रात्रि में भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के पश्चात तेल आदि की मालिश न करें। भीगे कपड़े न पहनें।। (महाभारत, अनुशासन पर्व)* *👉दौड़कर आने पर, पसीना निकलने पर तथा भोजन के तुरंत पहले तथा बाद में स्नान नहीं करना चाहिए। भोजन के तीन घंटे बाद स्नान कर सकते हैं।* *👉बुखार में एवं अतिसार (बार-बार दस्त लगने की बीमारी) में स्नान नहीं करना चाहिए।* *👉दूसरे के वस्त्र, तौलिये, साबुन और कंघी का उपयोग नहीं करना चाहिए।* *👉त्वचा की स्वच्छता के लिए साबुन की जगह उबटन का प्रयोग करें।* *👉स्नान करते समय कान में पानी न घुसे इसका ध्यान रखना चाहिए।* *👉स्नान के बाद मोटे तौलिये से पूरे शरीर को खूब रगड़-रगड़ कर पोंछना चाहिए तथा साफ, सूती, धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए। टेरीकॉट, पॉलिएस्टर आदि सिंथेटिक वस्त्र स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं।* *👉जिस कपड़े को पहन कर शौच जायें या हजामत बनवायें, उसे अवश्य धो डालें और स्नान कर लें।*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 13 जून 2024* *⛅दिन - गुरुवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - सप्तमी रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात अष्टमी* *⛅नक्षत्र - पूर्वफाल्गुनी प्रातः 05:08 जून 14 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी* *⛅योग- वज्र शाम 06:06 तक तत्पश्चात सिद्धि* *⛅राहु काल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:58 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:25* *⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से  दोपहर 01:07 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 14 से रात्रि 01:00 जून 14 तक* *⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है एवं शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹करोडो गौ दान का फल🔹* *सात धामों में द्वारका धाम । मोक्षदायी नगरियों में अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवन्तिका पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायका:||* *और पश्चिम की तरफ सिर करके जो द्वारका का सुमिरन करते हुये स्नान करता है तो उसे करोडो गोदान फल मिलता है |* *-पूज्य बापूजी द्वारका 23 अगस्त 2012* *🔹बुरे व विकारी सपनों से बचाव🔹* *रात्रि को सोने से पूर्व 21 बार 'ॐ अर्यमायै नमः' मंत्र का जप करने से तथा तकिये पर अपनी माँ का नाम लिखने से (स्याही-पेन से नहीं, केवल उँगली से) व्यक्ति बुरे एवं विकारी सपनों से बच जाता है।* *🔹सर्वनेत्ररोगनिवारक, मेधा व दृष्टिशक्तिवर्धक त्रिफला रसायन कल्प* *🔸यह रसायन त्रिदोषशामक, इंद्रिय बलवर्धक विशेषतः नेत्रोः के लिए हितकर है ।* *इसके सेवन से दृष्टिमांद्य, रतौंधी, मोतियाबिंदू, काँचबिंदू आदि नेत्ररोगों से रक्षा होती है ।* *🔸सेवन विधिः त्रिफला रसायन 11ग्राम मिश्रण सुबह-शाम गुनगुना पानी के साथ लें (बालकों के लिए मात्राः 6 ग्राम) । दिन में केवल एक बार सात्त्विक, सुपाच्य व अल्प लवणयुक्त भोजन करें । साधारण नमक की जगह सैंधव नमक का उपयोग करें । सुबह-शाम गाय का दूध ले सकते हैं । दूध व रसायन के सेवन में 2 घंटे का अंतर रखें । कल्प के दिनों में खट्टे, तले हुए, मिर्च-मसालेयुक्त व पचने में भारी पदार्थ निषिद्ध हैं केवल दूध-चावल अथवा दूध-रोटी का सेवन अधिक गुणकारी है ।*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 12 जून 2024* *⛅दिन - बुधवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - षष्ठी शाम 07:16 तक तत्पश्चात सप्तमी* *⛅नक्षत्र - मघा रात्रि 02:12 जून 13 तक तत्पश्चात पूर्वफाल्गुनी* *⛅योग-    व्याघात शाम 05:16 तक तत्पश्चात वज्र* *⛅राहु काल -  दोपहर 12:38 से दोपहर 02:18 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:25* *⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से  दोपहर 01:07 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 13 से रात्रि 01:00 जून 13 तक* *⛅️व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी* *⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन मिटाने का मंत्र* *🔹अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन साधक की शक्ति को निगल जाते हैं | इनको मिटाने के लिए एक सुंदर मंत्र योगी गोरखनाथजी ने बताया है | इसमें कोई विधि – विधान नहीं है | रात को सोते समय इस मंत्र का जप करो, संख्या का कोई आग्रह नहीं है | इस मंत्र से आपके चित्त की चिंता, तनाव, खिंचाव, दिक्कतें जल्दी शांत हो जायेगी और साधन – भजन में बरकत आयेगी | मंत्र उच्चारण में थोडा कठिन जैसा लगेगा लेकिन याद रह जाने पर आसान हो जायेगा | बाहर के रोग तो बाहर की औषधि से मिट सकते हैं लेकिन भीतर के रोग बाहर की औषधि से नहीं मिटेंगे और इस मंत्र से टिकेंगे नहीं |* *🔹हमारी जो जीवनधारा है, जीवनीशक्ति है, चित्तशक्ति है उसीको उद्देश्य करके यह मंत्र है ।* *🔹ॐ चित्तात्मिकां महाचित्तिं चित्तस्वरूपिणीं आराध्यामि चित्तजान रोगान शमय शमय ठं ठं ठं स्वाहा ठं ठं ठं स्वाहा |* *🔹‘हे चित्तात्मिका, महाचित्ति, चित्तस्वरूपिणी ! मैं तेरी आराधना करता हूँ | जगत – शक्तिदात्री भगवती ! मेरे चित्त के रोगों का तू शमन कर |’* *🔹‘ठं’ बीजमंत्र है, यह बड़ा प्रभाव करता है | किसीमें लोभ, किसीमें मोह, किसीमें शराब पीने का, किसीमें अहंकार का, किसीमें शेखी बधारने का दोष होता है | चित्त में दोष भरे है इसलिए तो चिंता, भय, क्रोध, अशांति है और जन्म – मरण होता है |* *🔹इसके जप से आद्यशक्ति चेतना चित्त के दोषों को दूर कर देती है, चित्त को निर्मल कर देती है | सीधे लेट गये, यह जप किया | जब तक निद्रा न आये तब तक इसका प्रयोग करें | निद्रा आने पर अपने – आप ही छूट जायेगा | रात को जप करके सोने से सुबह तुम स्वस्थ, निर्भय, प्रसन्न होकर उठोगे |* *🔹भगवान के मंत्र हों और भगवान को अपना मानकर प्रीतिपूर्वक जप करें तो चित्त भगवदाकार होकर भगवदरस से पावन हो जाता है | भगवदरस के बिना नीरसता नहीं जाती |* *स्रोत – ऋषि प्रसाद –जुलाई २०१६ से* *🔸वायु के सर्वरोग🔸* *👉🏻 काली मिर्च का 1 से 2 ग्राम पाउडर एवं 5 से 10 ग्राम लहसुन को बारीक पीसकर भोजन के समय घी-भात के प्रथम ग्रास में हमेशा सेवन करने से वायु रोग नहीं होता।* *👉🏻 5 ग्राम सोंठ एवं 15 ग्राम मेथी का चूर्ण 5 चम्मच गुडुच (गिलोय) के रस में मिश्रित करके सुबह एवं रात्रि को लेने से अधिकांश वायु रोग समाप्त हो जाते हैं।* *👉🏻यदि वायु के कारण मरीज का मुँह टेढ़ा हो गया हो तो अच्छी किस्म के लहसुन की 2 से 10 कलियों को तेल में तलकर शुद्ध मक्खन के साथ मिलाकर, बाजरे की रोटी के साथ थोड़ा नमक डालकर खाने से मरीज का मुँह ठीक हो जाता है।*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 11 जून 2024* *⛅दिन - मंगलवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - पंचमी शाम 05:27 तक तत्पश्चात षष्ठी* *⛅नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात मघा* *⛅योग- व्याघात शाम 04:47 तक तत्पश्चात हर्षण* *⛅राहु काल - शाम 04:02 से शाम 05:44 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:25* *⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:07 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 12 से रात्रि 01:00 जून 12 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी* *⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔸आहार-सम्बन्धी कुछ आवश्यक नियम🔸* *🔹१-सदैव अपने कार्य के अनुसार आहार लेना चाहिये। यदि आपको कठोर शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो अधिक पौष्टिक आहार लेवें। यदि आप हलका शारीरिक परिश्रम करते हैं तो हलका सुपाच्य आहार लेवें।* *🔷२-प्रतिदिन निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिये।* *🔷३-भोजन को मुँह में डालते ही निगले नहीं, बल्कि खूब चबाकर खायें, इससे भोजन शीघ्र पचता है।* *🔷४-भोजन करने में शीघ्रता न करें और न ही बातों में व्यस्त रहें।* *🔷५-अधिक मिर्च-मसालों से युक्त तथा चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थ न खायें। इससे पाचन-तन्त्र के रोग विकार उत्पन्न होते हैं।* *🔷६-आहार ग्रहण करने के पश्चात् कुछ देर आराम अवश्य करें।* *🔷७-भोजन के मध्य अथवा तुरंत बाद पानी न पीयें। उचित तो यही है कि भोजन करने के कुछ देर बाद पानी पिया जाय, किंतु यदि आवश्यक हो तो खाने के बाद बहुत कम मात्रा में पानी पी लेवें और इसके बाद कुछ देर ठहर कर ही पानी पीयें।* *🔷८-ध्यान रखें, कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत गरम या बहुत ठंडा न खायें और न ही गरम खाने के साथ या बाद में ठंडा पानी पीयें।* *🔷९-आहार लेते समय अपना मन-मस्तिष्क चिन्तामुक्त रखें।* *🔷१०-भोजन के बाद पाचक चूर्ण या ऐसा ही कोई भी अन्य औषध-पदार्थ सेवन करने की आदत कभी न डालें। इससे पाचन-शक्ति कमजोर हो जाती है।* *🔷११-भोजनोपरान्त यदि फलों का सेवन किया जाय तो यह न केवल शक्तिवर्द्धक होता है, बल्कि इससे भोजन शीघ्र पच भी जाता है।* *🔷१२-जितनी भूख हो, उतना ही भोजन करें। स्वादिष्ठ पकवान अधिक मात्रा में खाने का लालच अन्ततः अहितकर होता है।* *🔷१३-रात्रि के समय दही या लस्सी का सेवन न करें।*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 10 जून 2024* *⛅दिन - सोमवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - चतुर्थी शाम 04:14 तक तत्पश्चात पंचमी* *⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात अश्लेषा* *⛅योग- ध्रुव शाम 04:48 तक तत्पश्चात व्याघात* *⛅राहु काल - प्रातः 07:35 से प्रातः 09:16 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:25* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:06 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:18 जून 11 से रात्रि 01:00 जून 11 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस* *⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔷सिर व बालों की समस्याओं से बचने हेतु🔷* *🔸सर्वांगासन ठीक ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, बाल झड़ने बंद हो जाते हैं और जल्दी सफेद नहीं होते अपितु काले, चमकीले और सुंदर बन जाते हैं । आँवले का रस कभी – कभी बालों की जड़ों में लगाने से उनका झड़ना बंद हो जाता है । ( सर्वांगासन की विधि आदि पढ़े आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन’ के पृष्ठ १५ पर । )* *🔸युवावस्था से ही दोनों समय भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर दो – तीन मिनट तक लकड़ी की कंघी सिर में घुमाने से बाल जल्दी सफेद नहीं होते तथा बाल और मस्तिष्क की पीड़ा संबंधी रोग नहीं होते । सिरदर्द दूर होकर मस्तिष्क बलवान बनता है । बालों का जल्दी गिरना, सिर की खुजली व गर्मी आदि रोग दूर होने में सहायता मिलती है । गोझरण अर्क में पानी मिलाकर बालों को मलने से वे मुलायम, पवित्र, रेशम जैसे हो जाते हैं । घरेलू उपाय बाजारू चीजों से सात्त्विक, सचोट और सस्ते हैं ।* *स्त्रोत – ऋषिप्रसाद –जून २०१६ से* *🔹प्यास व भूख लगने पर..* *प्यास लगे तो जल पियें, भूख तो भोजन खायें ।* *भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जायें ।।* *जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते, अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है ।* *ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०२० से*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 9 जून 2024* *⛅दिन - रविवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - तृतीया दोपहर 03:44 तक तत्पश्चात चतुर्थी* *⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पुष्य* *⛅योग- वृद्धि शाम 05:21 तक तत्पश्चात ध्रुव* *⛅राहु काल - शाम 05:43 से शाम 07:25 तक* *⛅सूर्योदय - 05:53* *⛅सूर्यास्त - 07:24* *⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:06 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:18 जून 10 से रात्रि 01:00 जून 10 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - महाराणा प्रताप जयंती, छत्रसाल जयंती, रविपुष्यअमृत योग* *⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹गर्मियों में खरबूजा सेवन से स्वास्थ्य लाभ* *🔸खरबूजा गर्मियों का एक गुणकारी फल है। यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है और उसे तरोताजा बनाये रखता है। खरबूजा सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है। यह विटामिन्स का अच्छा स्रोत है।* *🔸आयुर्वेद के अनुसार खरबूजा स्निग्ध, शीतल, बल-वीर्यवर्धक, पेट एवं आंतों की शुद्धि करनेवाला तथा वायु व पित्त शामक होता है। इसके बीज शीतल, मूत्रजनक व बलवर्धक होते हैं।* *🔸खरबूजा हृदयरोग, उच्च रक्तचाप (हाई बी.पी.) और रक्त-संचारसंबंधी रोगों में लाभकारी है। शारीरिक श्रम के बाद इसे खाने से थकान दूर होती है और तृप्ति मिलती है । खरबूजे के सेवन से पेशाब खुलकर आता है व पेशाब की मात्रा भी बढ़ती है। अतः यह पथरी व गुर्दे संबंधी रोगों को ठीक करने में मदद करता है। आंतों में चिपके मल को बाहर निकालता है। आँखों व त्वचा को स्वस्थ रखता है। यह नेत्रज्योति व रोगप्रतिरोधकता को बढ़ाता है।* *🔸खरबूजे के छिलके रहित बीजों को बारीक पीस के देशी घी में भून लें। इसमें मिश्री मिला के खाने से चक्कर आना, पागलपन, सुस्ती, आलस्य आदि विकारों में लाभ होता है।* *🔸सावधानियाँ : 1. खरबूजे को ठंडा करके संतुलित मात्रा में खायें। ज्यादा मात्रा में सेवन हानिकारक है।* *2. खरबूजे को किसी अन्य आहार के साथ न खायें। खट्टे, खारे रसवाले तथा रासायनिक ढंग से पके खरबूजे का सेवन न करें।* *3. सुबह खाली पेट खरबूजा न खायें । इसे खाने के बाद तुरंत पानी न पियें।* *🔹घरेलु सात्त्विक शिशु आहार (Baby Food)* *🔸आजकल बालकों को दूध के आलावा बाजारू बेबीफूड (फँरेक्स आदि) खिलाने की रीति चल पड़ी है। बेबीफूड बनाने की प्रक्रिया में अधिकांश पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं, कई बार कृत्रिम रूप से वापस मिलाये जाते हैं, जिसे बालकों की आंतें अवशोषित नही कर पाती। बेबीफूड का मुख्य घटक अतिशय महीन पिसा हुआ गेहूँ का आटा है, जो चिकना होने के कारण आंतों में चिपक जाता है। आटा पीसने के बाद एक हप्ते में ही गुणहीन हो जाता है जबकि बेबीफूड तैयार होने के बाद हाथ में आने तक तो कई हफ्ते गुजर जाते हैं। ऐसे हानिकारक बेबीफूड की अपेक्षा शिशुओं के लिए ताजा, पौष्टिक व सात्त्विक खुराक परम्परागत रीति से हम घर में ही बना सकते हैं।* *🔸विधि : १ कटोरी चावल (पुराने हो तो अच्छा), २ - २ चम्मच मूँग की दाल व गेंहूँ – इन सबको साफ करके धोकर छाँव में अच्छी तरह से सुखा लें। धीमी आँच पर अच्छे – से सेंक लें। मिक्सर में महीन पीस के छान लें। ३ – ४ माह के बालक के लिए शुरुआत में आधा कप पानी में आधा छोटा चम्मच मिलाकर पका लें। थोडा–सा सेंधा नमक डालकर पाचनशक्ति अनुसार दिन में एक या दो बार दे सकते हैं। धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाते जायें। बालक बड़ा होने पर इसमें उबली हुई हरी सब्जियाँ, पिसा जीरा, धनिया भी मिला सकते हैं। हर ७ दिन बाद ताजा खुराक बना लें।* *🔸यह स्वादिष्ट व पचने में अतिशय हल्का होता है। साथ ही शारीरिक विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन्स, खनिज व कार्बोहाइड्रेटस की उचित मात्रा में पूर्ति करता है।* *लोक कल्याण सेतु – नवम्बर २०१३*
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 8 जून 2024* *⛅दिन - शनिवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - द्वितीया दोपहर 03:55 तक तत्पश्चात तृतीया* *⛅नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 07:42 तक तत्पश्चात पुनर्वसु* *⛅योग- गण्ड शाम 06:27 तक तत्पश्चात वृद्धि* *⛅राहु काल - प्रातः 09:16 से प्रातः 10:58 तक* *⛅सूर्योदय - 05:53* *⛅सूर्यास्त - 07:24* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:11 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:06 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:18 जून 9 से रात्रि 01:00 जून 9 तक* *⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🌹बल, बुद्धि व पुष्टि दायक कद्दू के बीज* *पका हुआ कद्दू (कुम्हड़ा या पेठा) त्रिदोषशामक एवं अमृत के समान है । इसके बीज बादाम के समान गुणकारी है । ये पौष्टिक, बल-वीर्यवर्धक, धारणाशक्ति बढ़ानेवाले, मस्तिष्क को शांत करनेवाले व कृमिनाशक है । इनमें जिंक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इन्हें धीमी आँच पर सेंककर अथवा मिठाई, ठंडाई, सब्जी या अन्य व्यंजनों में डाल के भी खा सकते है ।* *इनको पीस के दूध में एक चम्मच मिला के भी सेवन कर सकते हैं ।* *🔹कद्दू-बीज के ढेरों लाभ🔹* *👉 (१) हृदय के लिए : कद्दू के बीज का प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में मैग्नेशियम की कमी पूरी होती है । इससे हृदय तंदुरुस्त रहता है और रक्तचाप (B.P.) भी नियंत्रण में रहता है ।* *👉 (२) रोगप्रतिकारक शक्तिवर्धक : इनमें पाया जानेवाला जिंक रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है ।* *👉 (३) वीर्य वृद्धि के लिए : कद्दू के बीज वीर्यवर्धक होने से पुरुषों के लिए इनका सेवन लाभकारी है ।* *👉 (४) नींद लाने हेतु : नींद न आने की समस्या हो तो सोने से पहले कद्दू के बीज दूध के साथ सेवन करने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है ।* *👉 (५) बल-बुद्धि बढ़ाने के लिए : कद्दू को उबालकर घी में सेंक के हलवा बनायें । इसमें कद्दू के सेंके हुए बीज डालकर खायें ।* *🔹विशेष : प्राय: सूखे मेवे गर्म तासीर के होते हैं जबकि कद्दू के बीज की तासीर ठंडी होती है । अतः इन्हें सभी ऋतुओं में खाया जा सकता है ।* *🔹सेवन-मात्रा : १५ से २० बीज अथवा बीजों का १-२ ग्राम चूर्ण । कद्दू के बीज पचने में भारी होने से इन्हें अधिक मात्रा में न लें ।*
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