cookie

Utilizamos cookies para mejorar tu experiencia de navegación. Al hacer clic en "Aceptar todo", aceptas el uso de cookies.

avatar

कहानियाँ जो जिंदगी बदल दे

💎 इस चैनल में प्रेरणादायक कहानियां 💎 धार्मिक और सामाजिक कहानियां 💎 ग्रुप में प्रेरणादाई पुस्तकें नमस्कार साथियों 💐🙏 💎 इस चैनल में अापको सुविचार, अनमोल विचार, प्रेरणादायक विचार और सफलता के मूल मंत्र आदि प्राप्त होंगे।

Mostrar más
Publicaciones publicitarias
202
Suscriptores
Sin datos24 horas
Sin datos7 días
Sin datos30 días

Carga de datos en curso...

Tasa de crecimiento de suscriptores

Carga de datos en curso...

एक बार अर्जुन ने कृष्ण से पूछा- माधव.. ये 'सफल जीवन' क्या होता है ? कृष्ण अर्जुन को पतंग उड़ाने ले गए।अर्जुन कृष्ण को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था। थोड़ी देर बाद अर्जुन बोला- माधव.. ये धागे की वजह से पतंग अपनी आजादी से और ऊपर की ओर नहीं जा पा रही है,क्या हम इसे तोड़ दें?ये और ऊपर चली जाएगी. कृष्ण ने धागा तोड़ दिया .. पतंग थोड़ा सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आयी और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई... तब कृष्ण ने अर्जुन को जीवन का दर्शन समझाया,पार्थ..'जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं, हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं जैसे :- घर-परिवार,अनुशासन,माता-पिता गुरू-और समाज और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं... वास्तव में यही वो धागे होते हैं - जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं. इन धागों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे परन्तु बाद में हमारा वो ही हश्र होगा, जो बिन धागे की पतंग का हुआ.. "अतः जीवन में यदि तुम ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो, कभी भी इन धागों से रिश्ता मत तोड़ना.." धागे और पतंग जैसे जुड़ाव के सफल संतुलन से मिली हुई ऊंचाई को ही 'सफल जीवन' कहते हैं..!! जय श्री कृष्ण.👏
Mostrar todo...
ठोकरें अपना काम करेंगी, तू अपना काम करता चल ... वो गिराएंगी बार बार, तू उठकर फिर से चलता चल ... हर वक्त, एक ही रफ्तार से, दौड़ना कतई जरुरी नहीं तुम्हारा ... मौसम की प्रतिकूलता हो, तो बेशक थोड़ा सा ठहरता चल ... अपने से भरोसा न हटे, बस ये ध्यान रहे तुम्हें सदा ... नकारात्मक ख्याल दूर रहे तुझसे, उनसे थोड़ा संभलता चल ... पसीने की पूंजी लूटाकर, दिन रात मंजिल की राह में ... दिल के ख़्वाबों को, जमीनी हकीकत में बदलता चल ... एक दिन में नहीं लगते, किसी भी पेड़ पर फल कभी भी ... पड़ाव दर पड़ाव ही सही, अपनी मंजिल की ओर सरकता चल॥
Mostrar todo...
. 🌐"मन को छूने वाला प्रसंग"🌐 एक बार मेरे शहर में एक प्रसिद्ध बनारसी विद्वान् "ज्योतिषी" का आगमन हुआ..!! माना जाता है कि उनकी वाणी में सरस्वती विराजमान है। वे जो भी बताते है वह 100% सच होता है। . 501/- रुपये देते हुए " प्रेमचंद जी" ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए ज्योतिषी को कहा.., "महाराज, मेरी मृत्यु कब, कहॉ और किन परिस्थितियों में होगी?" . ज्योतिषी ने प्रेमचंद जी की हस्त रेखाऐं देखीं, चेहरे और माथे को अपलक निहारते रहे। स्लेट पर कुछ अंक लिख कर जोड़ते-घटाते रहे। बहुत देर बाद वे गंभीर स्वर में बोले.., "प्रेमचंद जी, आपकी भाग्य रेखाएँ कहती है कि जितनी आयु आपके पिता को प्राप्त होगी उतनी ही आयु आप भी पाएँगे। जिन परिस्थितियों में और जहाँ आपके पिता की मृत्यु होगी, उसी स्थान पर ओर उसी तरह, आपकी भी मृत्यु होगी।" . यह सुन कर "प्रेमचंद जी" भयभीत हो उठे और वहां से चल पडे.. एक घण्टे बाद ... प्रेमचंद जी" वृद्धाश्रम से अपने वृद्ध पिता को साथ लेकर घर लौट रहे थे..!! नोट :- आप को वही मिलेगा..जैसे अपने माँ-बाप से साथ सलूक करोगे ! यहीं विधि का विधान है !!
Mostrar todo...
!! कर भला तो हो भला !! ~~~~ एक प्रसिद्ध राजा हुआ करते थे जिनका नाम रामधन था। अपने नाम की ही तरह प्रजा सेवा ही उनका धर्म था। उनकी प्रजा भी उन्हें राजा राम की तरह सम्मान देती थी। राजा रामधन सभी की निष्काम भाव से सहायता करते थे फिर चाहे वो उनके राज्य की प्रजा हो या अन्य किसी और राज्य की। उनकी ख्याति सर्वत्र फैल गई थी, उनके दानी स्वभाव और व्यवहार के गुणगान उनके शत्रु राजा तक करते थे। उन राजाओं में एक राजा था भीम सिंह, जिसे राजा रामधन की इस ख्याति से ईर्ष्या हुआ करती थी। उस ईर्ष्या के कारण भीम सिंह ने राजा रामधन को हराने की एक रणनीति बनाई और कुछ समय बाद रामधन के राज्य पर आक्रमण कर दिया। भीम सिंह ने छल से युद्ध जीत लिया और रामधन को अपनी जान बचाने के लिए जंगल में जाकर छुपना पड़ा। इतना होने पर भी रामधन की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई। हर जगह प्रजा उन्हीं की चर्चा करती रहती थी। जिससे भीम सिंह परेशान हो गया और उसने राजा रामधन को मृत्युदंड देने का फैसला किया। उसने ऐलान किया कि जो राजा रामधन को पकड़कर लायेगा, वे उसे दस हज़ार सोने के दिनार देगा। दूसरी ओर राजा रामधन जंगलों में ही भटकते रहे। तब उन्हें एक राहगीर मिला और उसने कहा; भाई! तुम इस प्रान्त के लग रहे हो, क्या मुझे राजा रामधन के राज्य का रास्ता बता सकते हो ? राजा रामधन ने पूछा: तुम्हें क्या काम है राजा से ? तब राहगीर ने कहा, मेरा बेटा बहुत बीमार है, उसके इलाज़ में मेरा सारा धन चला गया। सुना है राजा रामधन सभी की मदद करते हैं, सोचा उन्हीं के पास जाकर याचना करूँ। यह सुनकर राजा रामधन राहगीर को अपने साथ लेकर भीम सिंह के पास पहुँचा। उन्हें देख दरबार में सभी अचंभित थे। राजा रामधन ने कहा– हे राजन ! आपने मुझे खोजने वाले को दस हजार दिनार देने का वादा किया था। मेरे इस मित्र ने मुझे आपके सामने पेश किया है, अतः इसे वो दिनार दे दें। यह सुनकर राजा भीम सिंह को अहसास हुआ कि राजा रामधन सच में कितने महान और दानी हैं। उसने अपनी गलती को स्वीकार किया। साथ ही राजा रामधन को उनका राज्य लौटा दिया और सदा उनके दिखाये रास्ते पर चलने का फैसला किया। दोस्तों इसी को कहते हैं “कर भला तो हो भला।” कहाँ एक तरफ भीम सिंह राजा रामधन को मारना चाहता था और कहाँ राजा रामधन की करनी देख वो लज्जित हुआ और उन्हें उनका राज्य लौटा दिया और स्वयं को उनके जैसा बनाने में जुट गया। महान लोग सही कहते हैं “कर भला तो हो भला।” रामधन की करनी का ही फल था जो वो हारने के बाद भी जीत गया। उसने जिस तरह सभी की मदद की उसकी मदद अंत में उसी के काम आई। शिक्षा:- मनुष्य को अपनेर्मों का ख्याल करना चाहिये। अगर आप अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा। माना कि शुरू शुरू में कष्ट होता है लेकिन अंत सदैव अच्छा होता है..!!
Mostrar todo...
🔥विद्यार्थी मोबाइल की लत से कैसे बचें?🔥 (Part-1) प्यारे साथियों जैसा कि आप सभी बहुत अच्छे से जानते है कि आज मोबाइल बिना हम एक दिन की भी कल्पना नही कर सकते। क्योंकि चाहे वो हमारी पढ़ाई से जुड़ी ऑनलाइन classes हो, या कोई movies देखनी हो, या परिवार की कुछ बीती यादों की तस्वीर हो या फिर वर्तमान की location बतानी हो, या फिर किसी अपने प्रियजनों से बात करनी हो । अर्थात हर एक काम मे आज मोबाइल हमारी मुख्य ज़रूरत बन गया है। बिना इसके आप खुद  2 मिनट विचार कीजिये। कि आपके दिनचर्या कैसी होगी?🤔 हम जानते है कि मोबाइल हमारी अनिवार्य ज़रूरत बन गया है वर्तमान समय में। लेकिन सोचिये यदि हम इसके गुलाम ही बन जाए तो क्या यह बात आप स्वीकार कर पाएंगे? लेकिन यह एक कड़वा सच है। की आज देश की बहुत बड़ी आबादी जिनमें विद्यार्थी और युवा भी शामिल है मोबाइल से distract हो रही है ✅ एक रिसर्च के अनुसार लगभग 85 प्रतिशत माता पिता इस बात से दुःखी है। कि उनके बच्चे छुट्टियों में मोबाइल में ही लगे रहते है। 📝आज हम इस मोबाइल की बुरी लत के दुष्प्रभाव को जानने के साथ यह भी जानेंगे कि हम उनसे कैसे बच सकते है? इससे पहले हम कुछ ऐसे लक्षणों को समझने का प्रयास करेंगे। जिससे हम हमारा अंदाज़ा लगा सकेंगे। कि कहीं हम  भी मोबाइल के दास नही🤔 तो आइए अब देखते है कुछ लक्षण:- 1) यदि हम हर 15-20 मिनट में बेवजह मोबाइल चेक करते है। या उसे स्क्रॉल करते है। 2)यदि हम ऑनलाइन पढ़ते हुए किसी अलग जगह  entertain करने चले जाते है। ऑनलाइन दुनिया में। 3) रात को हम यदि मोबाइल कुछ देर के लिये चलाते है, लेकिन हमें यह पता ही नही चले कि कब हमारे 2-3 घण्टे उसमें निकल गए। 4) अगर हम इंस्टाग्राम, फेस बुक, व्हाट्सएप्प पर जितना सोचते है उससे बहुत ज़्यादा समय फ़िज़ूल कामो में खर्च कर देते है। 5) यदि हम किसी virtual गेम में इतना डूब जाते है। कि हमें बाहरी दुनिया से कोई मतलब नही होता। 6)  यदि  छोटे छोटे या गैरजरूरी नोटिफिकेशन को भी हम इग्नोर नही कर पाते है। तो यह भी मोबाइल addiction का ही लक्षण है। सृजन क्षमता मिट रही उनकी आँखों पर पड़ गए काले घेरे है जो गर बिगड़ गया बच्चा तुम्हारा तब समझ लेना ज़िंदगी में सिर्फ "अँधेरे" है....❤️‍🔥 यदि इनमें से एक भी लक्षण आपमे है, तो सम्भलने की ज़रूरत है। क्योंकि इसके कई नुकसान है, जो आपको हो रहे है और आगे बढ़ सकते है, जैसे:- 1) आपकी नींद disturb होना शुरू होती है। और यदि नींद आती भी है, तो उसकी quality घट चुकी होती है। जिस कारण आप सुबह उठकर फ्रेश फील नही करते है। और आँखों मे लालपन बना रहता है। 2) दिनभर आपको नींद या सुस्ती जैसी स्थिति बनी रह सकती है। जिससे  किसी भी काम मे और  पढ़ाई में भी आपका मन एकाग्र नही होता है 3) मन में एक बेचैनी बनी रहती है। और सूचनाएं ज़्यादा इकट्ठा होने के कारण मन तनाव भी महसूस कर सकता है। 4) इससे आपकी Memory down होती है। आप चीज़ों को जल्दी जल्दी भूलने लगते है। 5) वास्तविक दुनिया और आभासी दुनिया में अंतर लगने लगता  है। यह काफी बड़ी समस्या है। रील लाइफ में इतना मत डुबो कि रियल लाइफ में 🔥तुम मर जाओ🔥 6) मोबाइल से Electro Magnetic Radiation निकलती है, जिससे व्यक्ति में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। 7) एक रिसर्च के अनुसार:10 वर्षों से ज़्यादा मोबाइल का use करने वाले व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर का खतरा लगभग 33 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। 8) डॉ डेविस डेबरा के अनुसार मोबाइल से निलकने वाली radiations से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होकर नपुसंकता भी आ सकती है। साथ ही गर्भवती महिला और उनके बच्चे के लिये यह बहुत घातक है। 9) Mental हेल्थ:- लगभग 18 से 24 वर्ष के युवाओं में यह अत्यधिक घातक साबित हो रहा है। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर संकट खड़ा हो रहा है। 10) मोबाइल के अनियंत्रित use से स्टूडेंट्स को मायोपिया(दूर का धुंधला दिखता है) कि समस्या बढ़ती जा रही है। आँखे लगातार कमज़ोर होती जा रही है 11) एक शोध के अनुसार Social मीडिया पर ज़्यादा समय बिताने से बच्चे satisafction लेवल खोते जा रहे है 12) मोबाइल में थर्मल व मैग्नेटिक radiation होता है। जिससे शरीर की गर्मी बढ़ती है व बच्चे हाइपर एक्टिव हो सकते है। 14)Radiation खुन कि गुणवत्ता व bloodcells को प्रभावित करते है। साथ ही depression, अल्जाइमर व दिल की बीमारियों की समस्या बढ़ जाती है 15) मोबाइल पर ज़्यादा समय देने से व्यक्ति का सोशल इंटरेक्शन बहुत कम हो जाता है। और परिवार के साथ भी न्यूनतम समय दे पाता है। आशा है मोबाइल की लत छुड़ाने के लिये इतने  सारे दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हो जाना पर्याप्त होगा...👍                 🌻🌻🌻
Mostrar todo...
📝The Poem: सरकारी नौकरी♥️✨ सोच तेरी यह भौतिकवाद की इक दिन तुझे खाक में मिलाएगी देह अभिमानि न कर विलास ज्ञान तू यह भी इक दिन चिता में जल जाएंगी... कितने बच्चों को तुमने नोच डाला है इस कलुषित मानसिकता ने मासूम सपनों को , बड़ा खरोंच डाला है.. क्यों तुलना अपनी औलाद की दुनिया से करते हो सरकारी नौकर और धन की ही बस क्यों जी हुज़ूरी करते हो..? सरकारी सेवा अच्छी बात है कोशिश कर रहे है  आपके बच्चे यह भी सच्ची बात है तब भी क्यों तुम  इतने ताने देते हो हर छोटी गलती पर दस बातें कहते हो क्या बस यही पैमाना है जीने का विकल्प एक यही है अब विष पीने का.. जिन्हें न मिली जॉब वो मर जाये क्या दुनिया के तानों से डर जाएं क्या...? आखिर तुम चाहते क्या हो दुसरो को देख उनमें आखिर पाते क्या हो...? अनमोल का मोल समझे नही  तुम तो गलती किसकी समय के सामने नतमस्तक है वो यहाँ नही चलती उसकी... 📝तुम्हे  हीरा नायाब मिला है रेगिस्तान में जैसे कोई गुलाब खिला है दुनिया के दिल  की भांति है वो राजस्थान का जैसे अजमेर जिला है... काल के आगे इंसान का ज़ोर नही चलता है कौन  है यहाँ संघर्ष जिसका कभी नही फलता है... स्वयं को थोड़ा तो अब जानो तुम क्या खास है तुझमें उस खूबी को अब पहचानो तूम...👌 जिन्हें करना है, वो कर जाएंगे जो बुद्ज़िल होंगे, वो मर जाएंगे.. पर तुमको  जीना होगा गरल है तो भी, इन नयन नीर को पीना होगा... सच है वक़्त लगता है वक़्त बदलने में पर हकीकत यही है,. वक्त  तो ज़रूर बदलता है.. निगल जाओ इन तानों के विष को प्यारों विश्व विजेताओं का यौवन कुछ ऐसे ही पलता है...🔥 कुछ ऐसे ही पलता है....🔥               धन्यवाद Inspired From 🔥Taunts🔥 माध्यम:(कृतान्त अनन्त नीरज... 📝शिक्षा:- प्यारे युवा साथियों आज हर एक युवा विद्यार्थी जो अभी सरकारी नौकरी नही कर रहा है या नही प्राप्त कर सका है वह, बहुत काबिलियत या टैलेंट के बावजूद भी समाज और परिवार के तीक्ष्ण तानों की रडार में आ ही जाता है। यह स्थिति हममें से अनेकों की हो सकती है। बेशक सरकारी नौकरी की चाह बुरी नही है, लेकिन यह भी सत्य है कि एक बहुत बड़ी संख्या तो इससे वंचित ही रहेगी। क्योंकि सफलता का प्रतिशत बहुत कम ही रहता है। 🥇ऐसे में हम यदि उन निराश, हताश और नाखुश युवाओं को प्रोत्साहन नही दे सकते है, तो कम से कम मानवता के नाते उन्हें Demotivate तो कतई नही करना चाहिए। यह हम सभी का सामाजिक कर्तव्य  है। संभावनाएं असीम है, कौन जानता है कि आजका बेरोज़गार ,कल  का प्रधानमंत्री हो....✅ अतः हमें होप नही छोड़नी चाहिए, परिवर्तन संसार का नियम है... बस अपना Best देते रहिये, झंडे तो गढ़ने तय है....👌                      🏐🏐🏐                   
Mostrar todo...
तीन उत्तम विचार- 1)प्रथम विचार : रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो, उन्हें कभी भी तोड़ना नहीं क्योकि; पानी चाहे कितना भी गंदा क्यों न हो, वो प्यास नहीं बुझा सकता किंतु आग तो अवश्य बुझा सकता है। 2)द्वितीय विचार : एक छोटी सी चींटी आपको पैर में काट सकती है, पर आप उसके पैर में नहीं काट सकते। अतः जीवन में किसी को छोटा ना समझे क्योंकि वह जो कर सकता, शायद आप ना कर पाये। 3)तृतीय विचार : जब कुछ सेकंड की मुस्कराहट से तस्वीर अच्छी आ सकती है, तो हमेशा मुस्करा कर जीने से जीवन अच्छा क्यों नहीं हो सकता। अतः सदैव प्रसन्न रहिये और मुस्कुराते रहिये। 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫
Mostrar todo...
सफलता पाने के लिए सबसे अच्छी प्रेरणादायक कहानी (एक बार जरूर पढे) ये कहानी है एक गांव की। जो की शहर से दूर एक बड़े से जंगल के बीचों बीच में बसा था। उस गांव के लोग हमेशा से उसी जंगल में रहते थे। वो जानते ही नही थे की उस जंगल के बाहर भी एक अलग दुनिया है। उन्होंने ना कभी शहर के बारे में सोचा और ना ही उस जंगल से बाहर निकलने की। उस गांव के लोग अपनी जरूरत की हर चीज उस बड़े से जंगल से ही पूरी कर लेते थे। उसी गांव में एक व्यक्ति था जिसके पास बहुत से गधे थे। दूर जंगल से समान लाने का काम वही करते। उन सब में एक गधा था जो सबसे छोटा था। जिसका काम करने बिल्कुल मन नही लगता था। उसका मालिक उस गधे से बहुत काम करवाता और जब जरूरत नहीं होती तो वो उस गधे से काम करवाने के लिए उसे दूसरों को भी दे देता। वो गधा अपनी इस जिंदगी से काफी परेशान था और हमेशा उस जंगल से बाहर निकलने की सोचता। लेकिन गांव वालों की तरह उसे भी जंगल से बाहर निकलने का रास्ता नहीं पता था। वो गधा धीरे धीरे बड़ा हुवा तो उस पर काम का बोझ भी बड़ गया। इस सबसे परेशान होकर एक दिन उसने मन बना लिया की चाहे कुछ भी हो जाए वो अब इस गांव में नही रहेगा। और उसी रात वो गधा चुपचाप उस गांव से भाग गया। गधा सारी रात चलता रहा लेकिन उसे घने जंगल के अलावा कुछ नजर ही नहीं आ रहा था। उसने कई बार वापिस गांव जाने की भी सोची लेकिन उसका मन नही माना। आंखिरकार गधे की मेहनत रंग लाई और पूरा एक दिन बीतने के बाद वो जंगल से बाहर निकल गया। जंगल के बाहर उसे एक सड़क दिखी और वो उस सड़क से होते हुवे शहर पहुंच गया। उधर गांव में सब गधे को ढूंढ रहे थे लेकिन गधे का कहीं पता नही चला। कुछ लोगों को लगा की गधा जंगल में कही लापता हो गया है या फिर वो इस जंगल से ही बाहर निकल गया है। ये सब बातें गांव के कुत्ते भी सुन रहे थे। जब उन्होंने सुना की गधा गांव से बाहर निकल गया है तो वो सोचने लगे की जब एक गधा गांव से बाहर जा सकता है तो हम भी इस गाँव से बाहर निकल सकते हैं। ऐसा सोचकर वो कुत्ते उस गधे की गंध का पीछा करते हुवे जंगल की तरफ भाग गए और वो भी जंगल बाहर निकल गए। धीरे धीरे कुत्ते रोज शहर से गांव में आते और गांव से शहर चले जाते। ऐसा करते करते उन्होंने एक रास्ता बना दिया। उस रास्ते के जरिए अब गांव वाले भी शहर जाने लगे। लेकिन वो रास्ता इतना लंबा था की गांव से शहर पहुंचने में इंसानों को दो दिन लग जाते। इस समस्या को सुलझाने के लिए गांव वालों ने शहर के बड़े अधिकारियों से मदद मांगी और एक सड़क बनाने की मांग रखी। कुछ दिन बाद शहर से कुछ इंजीनियर गांव की जमीन का परीक्षण करने आए। वो लोग रोड बनाने का एक map बनाने लगे जिसमे उनका सारा दिन लग गया। ये देखकर गांव का मुखिया उनके पास आया और बोला, “ये सब आप लोग क्या कर रहें जिस रास्ते से हम लोग आते जाते हैं आप उसी में सड़क क्यों नही बना देते। इतनी लिखाई पढ़ाई करने की क्या जरूरत है।” मुखिया की बात सुनकर एक इंजीनियर ने पूछा, “एक बात बताइए ये रास्ता सबसे पहले किसने बनाया?” मुखिया बोला, “सबसे पहले तो एक गधा इस रास्ते से निकला था और उसी ने ये रास्ता बनाया है।” इंजीनियर हंसा और बोला, “मुझे यकीन था की ये रास्ता एक गधा ही बना सकता है क्योंकि ये इस गांव से निकलने का सबसे लंबा रास्ता है और जो रास्ता हम बनाएंगे उसकी मदद से आप सिर्फ कुछ ही घंटों में इस जंगल से निकलकर शहर में आ जा सकते हैं।” वो मुखिया चुप हो गया और वहां से चला गया। सीख जो हमें इस short hindi story for success से मिलती है सीधी सी बात ये कहानी हमे सीखती है की हमें हमेशा दूसरों के बनाएं रास्तों पर नही चलना चाहिए बल्कि अपने रास्ते खुद बनाने चाहिए। दूसरों के बनाए रास्ते पर चलना भले आसान होता है लेकिन वो रास्ते आपको उस अनुभव से दूर कर देते हैं जो आप खुद के बनाए रास्ते से सीखते हैं। जिंदगी में आप सफल तभी होंगे जब आप अपनी सोच से खुद कुछ करेंगे। दूसरों की देखा देखी करके जरूरी नहीं है की आपको भी सफलता मिल ही जाए। इसलिए अपना लक्ष्य खुद बनाएं। उस लक्ष्य अपने तरीके से पूरा करें। दूसरों से सीखें लेकिन बिलकुल वैसा ना करें जैसा दूसरों ने किया हो। खुद के रास्ते खुद बनाएं और उन रास्तों पर चलने की पूरी हिम्मत रखें। सफलता आपको जरूर मिलेगी।
Mostrar todo...
📝The Poem: सूनी कलाई♥️💫 अपने से लगते हुए भी कुछ लोग अपने होते नही मुश्किल हालातों में टूट जाए जो वो सपने होते नही... अच्छा इंसान होने के लिये मन का सच्चा होना ज़रूरी है नियत साफ और मासूम हो इसलिये दिल का बच्चा होना ज़रूरी है... बच्चों सा साफ दिल था उसका जो तुझसे मिलने आया था रिश्ता बहुत पवित्र है उस भाई का जो बहना के चेहरे पर खिलने आया था होते है भाई फूलों की भांति कलियों सी बहन संग जो महकते है जब करती है बहन चिड़िया बनकर शरारत तो संग संग भैया भी चहकते है... फूलों का क्या है फूल तो झड़ जाते है मासूम लोगो के जीवन में म्रत्यु के पग जल्दी पड़ जाते है पर जाने वाला चला गया उसका एहसास हमेशा हममें ज़िन्दा है जो बहन अपने भाई को प्यार नही जता सकी वो मन ही मन शर्मिंदा है... वो मन ही मन शर्मिंदा है... रोने से कोई वक़्त बदल नही जाता धीरज बिना कुछ सम्भल नही पाता किसीको खोया है मगर ,शिक्षा भी पाई है बहुत तड़पते है वो भाई सूनी जिनकी कलाई है...🔥 सूनी जिनकी कलाई है...🔥 मिल जाए कोई सूनी कलाई तो तुम पवित्रता की एक डोरी बन जाना हर भाई को बहन बहुत प्यारी लगती है तुम भी किसी भैया के जीवन में खुशियों की तिजोरी बन जाना♥️💫 खुशियों की तिजोरी बन जाना♥️💫                 धन्यवाद🌻 माध्यम:(कृतान्त अनन्त नीरज...    📝शिक्षा:- प्यारे युवा साथियों हम बहुत भाग्यशाली है, की हमारे जीवन मे हमें बहनें मिली है। क्योंकि हर किसी को यह सौभाग्य नही मिलता है। अतः इसी तरह वे बहने भी बहुत खुशनसीब है, जिन्हें मस्ती करने और महत्वपूर्ण बातों पर समझाने के लिये या माता- पिता की डांट से बचाने के लिये प्यारे प्यारे भाई मिले है। लेकिन जीवन अनिश्चित है, म्रत्यु की गोद मे कौन कब जाएगा। यह कोई नही जानता है। अतः अपने प्यारे रिश्तों को मरने ने दे। इन्हें हमेशा खुशनुमा बनाये रखें। और सदा प्रसन्न रहें... भाई अपनी बहन को, और बहने अपने भाई को छोटे छोटे तोहफ़े देना न भूलें। क्योंकि उपहार तो दोनो को ही बहुत पसंद है... है न😊                🏐🏐🏐
Mostrar todo...
📝मैं वो हूँ  जो मैं नही हूँ, और जो मैं  नही  हूँ,  वही तो  मुझे  होना  है♥️💫 प्यारे साथियो एक बार फिर पढ़िए ऊपर लिखी लाइन को। यह हमारा असली परिचय है । एक ही बार  में पूरा कैसे समझ  आ सकता है? हम सभी इतने साधारण तो है नही । वास्तव में यह पंक्ति हमारे जीवन के विविध पहलुओं से जुड़ी है। यह हमारे बहुआयामी व्यक्तित्व से जुड़ी है। क्योंकि हम सभी के भीतर अंदर ऐसी अनेक क्षमताएं है, जिन्हें जाग्रत किया जा सकता है। लेकिन अभी वे शान्त और सुप्त है। आइए अब इस विचार के पीछे का दर्शन समझने का प्रयास करते है... यहाँ सिर्फ इसके मूल पक्ष पर केंद्रित रहने का हम प्रयास करेंगे । वही है  हमारी पहचान । आखिर वास्तव में हम क्या है?? 📝मैं वो हूँ, जो मैं नही हूँ👈 अर्थात हम अपने आप को सिर्फ यह शरीर मान बैठे है। इससे जुड़े सम्बन्ध ही हमे सच्चे लगते है। इसका रूप, रंग आकर्षण हमे भाता है। इसके दुःख अब हमें दुःखी करते है। इसकी इच्छाएं हमें नचाती है। क्योंकि हम तो खुद को body मान बैठे है। जो की हम है नही वास्तव में ✅ (Distraction भी इसी शरीर से जुड़ी इंद्रियों के विषय होते है.. पुछिये खुद से क्या सिर्फ हम शरीर है? 🤔 जो कि रक्त, मांस आदि का नश्वर पिंड है। क्या इसका अंत होने पर हमारा भी अंत हो जाएगा?? नही न, जवाब दीजिये खुद को । आप जानते है,की आपके शरीर का अंत आपका अंत नही है। क्योंकि आप अनन्त है। अर्थात हम अजर, अमर, अविनाशी आत्मा है। जिसे हम स्मरण में नही रखते। और बार बार भूल जाते है। इसी कारण बार बार दुःखी और निराश हो जाते है... "अर्जुन को दुविधा से मुक्त करने के लिये भगवान श्री कृष्ण" ने भी भगवद्गीता में अपने इसी सत्य अस्तित्व की पहचान करायी थी। और कहा था,कि हे अर्जुन तुम तो आत्मा हो न कि यह नश्वर शरीर. ये तो एक वस्त्र की भांति आज है, कल नही। अतः किसी की भी म्रत्यु, दुःख, और भय का शोक त्याग कर वीर की भांति कर्म करो। ☀️नेनम छिंदन्ती शस्त्राणि, ☀️नेनम दहति पावकः..  ☀️न चेनम क्लेदन्तयापो ☀️न शोषयति मारुतः💫 अर्थात न तो इसे शस्त्रों से काटा जा सकता है, न पानी मे गलाया जा सकता है, न हवा में सुखाया जा सकता है और न ही आग में जलाया जा सकता है।✅ यही हमारा सत्य है। की हम यही अविनाशी आत्मा है। जो हर बुराई से मुक्त है। जो हर विकार से स्वतंत्र है। जिसमे असीम सम्भावनाए छिपी हुई है। 📝अब इसे समझते है, जो मैं नही हूँ, वही मुझे होना है💫 अर्थात अब तक हम अपनी पहचान से अनजान थे। या फिर उसे भुला बैठे थे। की हम भी सर्वशक्तिमान परमात्मा की सन्तान आत्मा ही है। जिसका कभी अंत नही हो सकता। जिसकी क्षमताएं भी अनन्त है। हम जब भी कुछ करने की ठान लेते है,तो कभी ये नही कहते है,की मुझे अपने शरीर पर विश्वास है। इसलिये मैं यह कर सकता हूँ। बल्कि  सदा यही कहते  रहे है की,मैं आत्मविश्वास युक्त हूँ। मैं सबकुछ कर सकता हूँ। यहाँ जो विश्वास है, वह आत्मा की शक्ति पर है, जिसकी कोई सीमा नही। क्योंकि आत्मा , परम आत्मा का ही अंश है । यही विश्वास वास्तव में हमें आगे बढ़ाता है। अब इसी स्थिति में रहकर हमे आगे बढ़ना है। हम जीवन के हर क्षेत्र को इसके द्वारा सफल बना सकते है। चाहे जीवन मे आप परेशान हो, या समय थोड़ा मुश्किल भी है तो भी यह मत भूलिए की आपका Existence क्या है?? यदि  Existence  पर यानी ,हमारे अस्तित्व पर हमें पूर्ण विश्वास है, तो distractions फिर हम पर ज़्यादा हावी नही हो सकेंगे... 🌻प्यारे साथियों Existence और Experience दोनो अलग अलग चीज़े है। आप जब यह समझ जाएंगे। तब आप बहुत समझदारी से निर्णय ले सकेंगे। क्योंकि जो भी हम अनुभव कर रहे है, चाहे मुश्किल हो या पीड़ा । वो सब शरीर से ज़्यादा attach होने के कारण है। लेकिन जब हम खुद को आत्मा रूप में देखकर उस हालात को समझेंगे। तब हम  पाएंगे, की मैं हर situation से अलग हूँ। कोई भी परिस्थिति हमारे मन की शांति को प्रभावित नही कर सकती। अर्थात हम  सदैव दिव्य, पवित्र और शांत स्वरूप प्रसन्न आत्मा है। It means You are limitless🌻भगवान श्री कृष्ण इसी समझ के कारण महाभारत के इतने विनाशकारी युद्ध मे भी हर पल शान्त और स्थिर रहे थे।अतः आप भी इस सत्य में अब स्थिर होना सीखिये।  हमे भी सदैव इसी सत्य के साथ जीना है। यह पॉजिटिव सन्कल्प दोहराते रहे । इससे हमारा आत्मबल पुष्ट होगा.. 🥇I am very Powerful soul...💫 🥇I am very Peaceful soul..💫 🥇I am very Pure soul..💫 यही है हमारी सत्य पहचान ।  अब इस पर विश्वास कर आगे बढ़िए। धीरे धीरे यह हमारे व्यवहार में अभिव्यक्त होने लगेगा।            धन्यवाद😊 माध्यम:-(कृतान्त अनन्त नीरज...)                       🏐🏐🏐
Mostrar todo...
Elige un Plan Diferente

Tu plan actual sólo permite el análisis de 5 canales. Para obtener más, elige otro plan.