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Important Exam Facts🤞
गोगाजी के अन्य मुख्य मन्दिर –
‣ गोगामेड़ी – नोहर ( हनुमानगढ़)
‣ सांचौर – ( गोगाजी की ओल्डी) किल्लोरियों की ढाणी
‣ ददरेवा – राजगढ़, चुरू
रामदेवजी के प्रमुख मंदिर –
‣ छोटा रामदेवरा – गुजरात
‣ जैसलमेर,पोखरण (रूणेचा) के मंदिर का निर्माण महाराजा गंगासिंह ने करवाया।
‣ अजमेर ( खुंडियावास) वर्तमान जिला डीडवाना कुचामन– इसको राजस्थान का छोटा रामदेवरा भी कहते है।
‣ जोधपुर – मसूरिया में
‣ चितौड़- सुरता खेड़ा के मंदिर ए भाद्रपद शुक्ल एकम से तृतीय तक मेला भरता है।
‣ ब्यावर– बिराठिया
मियाला - राजसमन्द
कोटडा - ब्यावर
वीर तेजाजी के अन्य पूजा स्थल –
‣ भांवता, नागौर में वर्तमान अजमेर
‣ ब्यावर, अजमेर में
‣ बांसी दुगारी, बूंदी में ( कर्मस्थली )
‣ परबतसर, नागौर में
‣ सुरसुरा, किशनगढ़ ( अजमेर ) में
‣ माड़वालिया, अजमेर में
‣ पनेर, अजमेर में
‣ खड़नाल, नागौर में
परबतसर - डीडवाना कुचामन
तैजा चौक - ब्यावर
देवनारायण आराध्य स्थल –
‣ देवजी की डूंगरी, चित्तौड़गढ़ –
‣ देवधाम, जोधापुरिया, टोंक
‣ देवमाली, ब्यावर ( अजमेर )
‣ गोठ, आसींद, ( भीलवाड़ा )
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🧶भरतपुर के महल🧶 –
डिग महल – भरतपुर
‣ महाराजा सूरजमल इसका निर्माण करवाया था।
‣ इन महलों में मुगल शैली में सुंदर उद्यान लगे गए है।
‣ यह महल जल महल के रूप में प्रसिद्ध है।
गोपाल भवन-डिग – भरतपुर
मृगया महल – बयाना – भरतपुर
डिग के महल – भरतपुर
‣ बदन सिंह ने इन महलों का निर्माण की योजना तैयार की ।
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🏛️हवा महल – जयपुर🏛️
🫡 हवा महल का निर्माण प्रताप सिंह के द्वारा 1799 ई. में करवाया गया ।
‣ प्रताप सिंह ने राजघराने की महिलाओं को तीज वा गणगौर की सवारी देखने के लिए करवाया था ।
‣ इस महल का वास्तुकार लालचंद था।
‣ इस महल को राजस्थान का एयर दुर्ग कहते है ।
‣ इस महल की आकृति को कर्नल जेम्स टॉड ने कृष्ण के मुकुट के समान बताया ।
‣ हवा महल के प्रवेश द्वार को आनन्द पोल कहते है ।
‣ इस महल को 1968 में संरक्षित स्मारक घोषित किया था ।
‣ इस महल में 953 खिड़कियां तथा 365 झरोखे है जिस कारण से इसे खिड़कियों का महल भी कहां जाता है ।
‣ हवामहल की सभी खिड़िकियां पूर्व दिशा में खुलती है।
‣ हवामहल को लाल मंदिर भी कहते है ।
🧶इस महल में पांच मजीलें है 🧶–
‣ शरद मन्दिर
‣ रतन मन्दिर
‣ विचित्र मन्दिर
‣ प्रकाश मन्दिर
‣ हवा मन्दिर
‣ हवा महल के शरद मन्दिर को 1983 में इसे संग्रहालय स्थापित किया गया।
‣ यह महल बिना नींव चुना व बालुआ पत्थर से निर्मित है ।
‣ इसे राजस्थान का टोलामी महल कहां गया है ।
उपनाम –
‣ जयपुर का राजवाड़ी महल
‣ जयपुर का एयर फोर्ट
‣ अर्द्रवृताकार महल
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बार बार परीक्षा में पूछी जाती है।।
🧶राम देव जी से संबंधित शब्दावली 🧶–
‣ नेजा- रामदेवजी की पांच रंग की घ्वज
‣ रिखिया – रामदेवजी के मेघवाल जाति के भक्त
‣
‣ ब्यावले- रामदेवजी के भजन
‣ देवरा/थान – रामदेवजी का मंदिर
‣ जातुरु – रामदेवजी के भक्त/यात्री
‣ पगल्या – रामदेवजी के प्रतीक चिन्ह
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राजस्थान के पंच पीर
याद करने की ट्रिक- पराग मेह
प -पाबूजी
रा-रामदेवजी
ग-गोगाजी
मे-मेहजी
ह-हड़बुजी
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🧶 बटरफ्लाई पार्क: अजमेर 🤩
💥 तितलियों के संरक्षण और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग बनाने जा रहा अजमेर में प्रदेश का दूसरा बटरफ्लाई पार्क 🥰
▪️ध्यातव्य है कि प्रदेश के पहले बटरफ्लाई पार्क की स्थापना उदयपुर में की जा चुकी है। 🦋
👨💻 राज्य का पहला बर्ड पार्क भी गुलाब बाग, उदयपुर में खोला जा चुका है। (Lab Assistant 2022)🕊️
🧣 Key Points 🎊
💥 वर्ष 2022 में राज्य तितली घोषित करने वाला देश का आठवां राज्य बन गया था राजस्थान 😎
▪️ हालांकि विभिन्न तितलियों के नामों के नॉमिनेशन के बाद भी राज्य सरकार किसी भी एक तितली को स्टेट बटरफ्लाई का दर्जा दिलाने में विफल रही. 🫠..
किशनगढ़ शैली
▪किशनगढ़ शैली को मारवाड़ स्कूल की प्रमुख चित्रशैली हैं |
▪स्वर्णकाल - सावन्तसिंह/नागरीदास
▪प्रकाश में लाने का श्रेय - ‘ एरिक डिकिन्सन और डॉ . फैयाज़ अली
◻ प्रमुख चित्र :-
▶बनी – ठनी - चित्रकार ‘ मोरध्वज निहालचन्द्र |
▶बणी-ठनी को भारत की मोनालिसा की संज्ञा एरिक डिक्सन ने ही दी थी |
▶बणी-ठणी पर भारत सरकार द्वारा 1973 में "राधा किशनगढ़" नाम से 20 पैसे का डाक टिकट जारी किया गया था।
▶चांदनी रात की संगोष्ठी - चित्रकार अमरचंद |
◻ प्रमुख चित्रकार - मोरध्वज निहालचंद, सीताराम, बदनसिंह, अमरचंद, सूरजमल, रामनाथ, नानकराम, मूलराज, जोशी, सवाईराम जोशी, लाड़लीदास, नगराम, छोटू, धन्ना, भैंरू |
◻ प्रमुख विशेषताएं -
▶किशनगढ़ शैली की सबसे प्रमुख विशेषता नारी का सौन्दर्य है |
▶प्राकृतिक परिवेश किशनगढ़ शैली के चित्रकारों के मुख्य विषय रहे है ।
▶इस शैली में राधा-कृष्ण की लीलाओं का साकार चित्रण अधिकता से हुआ।
नोट :- नारी सौन्दर्य में वेसरि नामक नाक का प्रमुख आभूषण का चित्रण हुआ हैं।
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इस बार नेट परीक्षा में एक नया प्रावधान यह भी किया है कि अगर कोई चार वर्षीय स्नातक अथवा 8 सेमेस्टर प्रणाली से स्नातक है , तो वो बिना मास्टर डिग्री के भी नेट का फॉर्म भर सकता है , बशर्ते उसके स्नातक में 75% अंक हो ।
हालाँकि ऐसे अभ्यर्थी अगर नेट उत्तीर्ण होंगे तो उन्हें असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के लिए तो पात्र नहीं माना जाएगा , परंतु जेआरएफ़ और पीएचडी के प्रवेश के लिए पात्र माना जाएगा । ।
इसका तात्पर्य यह हुआ कि अब पीएचडी करने के लिए मास्टर की ज़रूरत नहीं है अगर आपने चार वर्षीय अथवा आठ सेमेस्टर सिस्टम से स्नातक किया है तो ।✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
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◾️ चर्चित खिलाड़ी: पूनम चौधरी
🔹 झुंझुनू जिले की पैरा ताइक्वांडो खिलाड़ी पूनम चौधरी का चयन खेलो इंडिया के नेशनल शिविर के लिए हुआ।
🔹 वह राजस्थान की एकमात्र पैरा महीला एथलीट है जिनका चयन खेलो इंडिया नेशनल शिविर के लिए हुआ।
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🚨केसरियाजी [कालाजी]
👉स्थान - धुलेव (उदयपुर )में
👉नदी - कोयल नदी के तट पर
👉भील 'कालाजी की आण ' को सर्वोपरि मानते है l
👉कालाजी की शपथ लेकर वे कभी झूठ नहीं बोलते है l
👉Note -भीलों के आराध्य देव - धूलैव रा धणी ऋषभदेव जी
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