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सत्यार्थ प्रकाश 🚩

https://t.me/satyarth_prakash_prachar/3052 इस चैनल का उद्देश्य सभी को अमूल्य पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश के महत्व से अवगत कराना और सब तक इस पुस्तक को पहुंचाना है, आप सभी भी सहयोग जरूर करें। सभी भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास है , फाइल्स में देखें ⤵️

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🙏 प्रश्नोत्तरी ( पौराणिक गप्प खण्डन ) :- (1) प्रश्न :- क्या रावण के दस सिर थे ? उत्तर :- नहीं रावण ४ वेदों और ६ शास्त्रों का विद्वान था । तो जिसके कारण उसको दस दिमाग वाला दशानन कहा जाता था । तो इसी कारण ४+६ = १०, उसको दशानन कहा जाता है । जिसका अर्थ दस सिर कदापी नहीं है । (2) प्रश्न :- क्या हनुमान जी बंदर थे ? और उनकी पूँछ भी थी ? उत्तर :- नहीं वे मनुष्य थे । क्योंकि जिस जाती के वे थे वह वानर जाती कहलाती है । और जैसे भील नामक जाती थी वैसे ही वानर भी थी । वानर का तात्पर्य बंदर कभी नहीं होता है । और पूँछ वाली बात तुलसी कृत रामायण में आती है । वाल्मिक रामायण में ऐसी गप्पें नहीं हैं । आजकल जो TV serial रामायण पर बनते हैं वे भी तुलसी की रामायण के आधार पर बनते हैं । जिसके कारण लोगों के मनों में यह पूँछ वाले हनुमान जी बैठ गये हैं ! अपनी गदा लेकर !! और serial बनाने वालों से पूछना चाहिये कि जिन वानरों को आप Tv में बंदर मुखी दिखाते हो , तो उनकी स्त्रीयों को वैसा क्यों नहीं दिखाते ? क्यों वे मानवी ही होती हैं ? क्यों नहीं उनके भी पूँछ और बंदर का मुख होता ? (3) प्रश्न :- क्या महाभारत के कृष्ण की १६००० रानियाँ थीं ? उत्तर :- नहीं उनकी एक ही रानी थी । जिसका नाम रुकमणी था । ये १६००० वाली बकवास भागवत पुराण जैसे मिथ्या ग्रन्थ में लिखी हैं। जरा सोचें । यह भागवत पुराण मिथ्याचारियों ने अपने पाप छुपाने के लिये कृष्ण पर मिथ्या दोष लगाये हैं । (4) प्रश्न :- क्या कृष्ण गोपियों से क्रीड़ा करते थे ? और जब वे तालाब में नहातीं तो वे उनके कपड़े ले भागते थे ? उत्तर :- नहीं, कृष्ण का जन्म होते ही वह कुछ वर्ष अपनी प्रथम आयु के वहाँ रहे । करीब ६ वर्ष तक वह वृंदावन में खेलते कूदते रहे । और फिर अवनंतिकापुरी में सांदिपनी के गुरुकुल में भेजा गया । तो वह ३० वर्ष की आयु तक विद्या प्राप्त करके वापिस आये और आकर उनको मथुरा में जन संघ की स्थापना करनी थी । कंस का चक्रव्यूह तोड़ कर । तो उसके पश्चात वे कौरवों और पांडवों के झगड़े मिटाने को हस्तिनापुर और विदेह आदि राज्यों के चक्कर काटते रहे । तो यह रास रचाने और कपड़े उठाने का समय उनको कब मिला ? यह झूठी बातें भागवत में लिखी हैं । (5) प्रश्न :- क्या ब्रह्मा के चार मुख थे ? उत्तर :- नहीं , ब्रह्मा का एक ही मुख था । चारों वेदों के प्रकाण्ड विद्वान कहा जाता था। योगीराज श्री कृष्ण भी निराकार ईश्वर की उपासना में यज्ञ करते थे। 👇🏾👇🏾 (साभार)
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🙏 विवाह के समय स्त्री-पुरुष की प्रतिज्ञा:- दूसरी स्त्री और दूसरे पुरुष से मन से भी व्यभिचार न करेंगे। हे विद्वान् लोगों! तुम भी हमारे साक्षी रहो कि हम दोनों गृह आश्रम के लिए विवाह करते हैं। फिर स्त्री कहे कि मैं इस पति को छोड़ कर मन, वचन और कर्म से भी दूसरे पुरुष को पति न मानूंगी। तथा पुरुष भी प्रतिज्ञा करे कि मैं इसके सिवाय दूसरी स्त्री को अपने मन, कर्म और वचन  से कभी न चाहूॅंगा। [(महर्षिदयानंदकृत ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, विवाहविषय)
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अहिंसा क्या है ? गांधी vs ऋषि दयानंद आचार्य योगेश भारद्वाज #aryasamaj #sanatandharma #viral

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प्रश्न 104. परमेश्वर को ‘श्री’ नाम से क्यों जाना जाता है ? उत्तर— जिस का सेवन सब जगत्, विद्वान् और योगी जन करते हैं, इससे उस परमेश्वर का नाम ‘श्री’ है । @satyarth_prakash_prachar
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भजन || तुम मेरे जीवन के धन हो || आर्य समाज

भजन || तुम मेरे जीवन के धन हो और प्राणाधार हो || यह भजन ऋषि बोधोत्सव एवं शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम रामलीला मैदान, नई दिल्ली में प्रस्तुत किया गया आर्य समाज || आर्यसमाज

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*आवश्यक सूचना* आर्य समाज के यशस्वी मूर्धन्य विद्वान पूज्य स्वामी विष्वङ् जी का स्वास्थ्य अत्यंत बिगड गया है, स्विट्ज़रलैंड की यात्रा चल रही थी। emergency में हॉस्पिटल में admit करना पड़ा। आतें फंस गयीं, रक्त जाना बंद हो गया था। तत्काल शल्यक्रिया नहीं होती तो 6 घंटे में आंतें निष्क्रिय हो जाती, मृत्यु भी हो सकती है, ऐसी स्थिति में शल्यक्रिया वहीं करवानी पडी, शल्यक्रिया हो गई है। इसके भुगतान की प्रक्रिया करनी है। ऑपरेशन का खर्च 27500 स्विस फ्रेंक लगभग *25 लाख रुपए* हुआ है। अब आगे आगे चिकित्सालय का एक दिन का व्यय 3000 स्विस फ्रेंक, लगभग *3 लाख रुपये प्रतिदिन* का है l आपकी शुभकामनाएं व सहयोग अपेक्षित है l हमारा कर्तव्य बनता है कि ऐसी परिस्थिति में हम पूज्य स्वामी जी का अधिक से अधिक सहयोग करें।
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