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Manzil Academy

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*Requirements for primary teachers for an English medium Islamic  school at Sherani Abad, district Didwana-Kuchaman, Rajasthan*     *IQ SCHOOL* *English -01* *EVS - 01* *Maths -01(Abacus skilled)* *Hindi -01* *Art and craft -01* *Mother teachers -03* - *Female and couple preferred* - *ATTRACTIVE SALARY* no bar for deserving candidates, - fluency in English is must *Send ur resume on 📲8875299092, [email protected] , 📞01580-299092* *call & WhatsApp* Know more about IQ School at www.idaraequran.com
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नागौर लोकसभा चुनाव 2024 संभावित परिणाम by ऐंकर मक़बूल.pdf
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Document from Maqbool Ahmed
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" नागौर लोकसभा चुनाव 2024 संभावित परिणाम ", #एग्जिट_पोल

#नागौर_लोकसभा_चुनाव_2024_संभावित_परिणाम #नागौर_लोकसभा_चुनाव_एग्जिट_पोल_2024 #nagaur_loksbha_chunav_2024 " नागौर लोकसभा चुनाव 2024 संभावित परिणाम " 👉 कौन फ़तेह करेगा इस बार नागौर का चुनाव?? 👉 कितना नजदीक तक जा सकता है मुकाबला?? 👉 विधानसभा वाइज कुल कितने वोट किसको मिले ( संभावित )?? 👉 पोलिंग प्रतिशत इस बार कम होने का क्या कारण रहा?? 👉 राजस्थान में किसकी कितनी सीट आ सकती है?? 👉 पोलिंग प्रतिशत कम होने का फायदा या नुकसान किसको होगा ?? 👉 आइये देखते है, पूरा समीकरण तथ्यों और आंकड़ों के साथ..

मंजिल अकेडमी के तमाम परिवार को ईद की मुबारकबाद ❤️❤️
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*📢 ईद के हवाले से अहम अपील* ईद के दिन मस्जिदों और ईदगाहों के बाहर बहुत सारे पुलिस अफसरान और आम पुलिस वाले ड्यूटी पर तैनात होते हैं, वह हमारी हिफाजत के लिए ही तैनात किए जाते हैं, और यह पुलिस वाले इसी शहर के नहीं होते हैं बल्कि उनकी ड्यूटी उनके घरों से बहुत दूर-दराज़ इलाकों में लगाई जाती है, मगर उमूमन देखा यह गया है कि मुसलमान ईद की नमाज़ अदा करके आपस में मुसाफहा-मुआनक़ा करके मस्जिद से चले जाते हैं और इन पुलिस वालों को अपने इस्लामी किरदार से मुतअस्सिर करने की बिल्कुल भी फिक्र नहीं करते हैं जबकि हर ज़ी-शुऊर शख्स जानता है कि सरकारी इदारों में सबसे ज्यादा तअस्सुब इसी इदारे में पाया जाता है और मुसलमान को सबसे ज्यादा शिकायत पुलिस से ही रहती है, ईद का मौका एक बेहतरीन मौका होता है जब हम मुसलमान उन पुलिस वालों के दिलों में नर्मी पैदा कर सकते हैं, उन्हें अपने अख़लाक व किरदार से मुतअस्सिर कर सकते हैं, वह भी इंसान ही होते हैं मगर अपने बड़े अफसरों की वजह से बाज़ दफा सख्त मजबूर और मजदूर होते हैं।इसलिए हमें चाहिए की मस्जिद और ईदगाहों के बाहर जो पुलिस वाले ड्यूटी पर होते हैं👇 *(1) उनके लिए किसी साएदार जगह में बैठने का इंतजाम करें।* *(2) उनके बैठने के लिए कुर्सी वगैरा का बंदोबस्त करें।* *(3) इलाके और मस्जिद के ज़िम्मेदारान उनके लिए चाय-पानी नाश्ते वगैरा का थोड़ा बहुत इंतजाम कर दें।* *(4) उनकी ड्यूटी कई-कई घंटे तवील होती है, जिसमें बशरी तक़ाज़े यानी पेशाब-पख़ाना भी करना होता है, हो सके तो मुनासिब जगह पर इसका भी इंतजाम कर दें।* 👉 हमारे प्यारे नबी ने हदया यानी तोहफा लेने-देने को मोहब्बत बढ़ाने का सबब बताया है, अगर हो सके तो पुलिस वालों को गुलाब के फूल और मिठाई वगैरह से नवाज़ दें, यह सब छोटी-मोटी चीज़ें हैं मगर इंशाल्लाह इसके मुसबत (positive) नताइज ओर बहुत ज्यादा नफअ-बख्श साबित होंगे। 👉 अगर आप इन सब बातों से इत्तेफाक़ करते हैं तो इसे ईद से पहले-पहले हर ग्रुप में जरूर शेयर करें शुक्रिया 🌹
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एक शिक्षक के कंधों पर समाज के निर्माण की जिम्मेदारी होती है वो जब राष्ट्र निर्माण में तलीन होता है तब वो ना हिन्दू होता है, ना मुस्लिम होता और ना ही किसी अन्य मजहब का पैरोकार वो सिर्फ राष्ट्र का एक सेवक मात्र होता है, शिक्षक से मिला ज्ञान, गुण, संस्कार और आदर्श ही एक अच्छा नागरिक तैयार करते है जो आगे जाकर एक नागरिक के रूप में देश की सेवा, सुरक्षा और सौहार्द कायम करने वाला नायक बनता है ।
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*चेन्नई के एक स्कूल ने अपने बच्चों को छुट्टियों का जो एसाइनमेंट दिया वो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है.* वजह बस इतनी कि उसे बेहद सोच समझकर बनाया गया है. इसे पढ़कर अहसास होता है कि हम वास्तव में कहां आ पहुंचे हैं और अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं. अन्नाई वायलेट मैट्रीकुलेशन एंड हायर सेकेंडरी स्कूल ने बच्चों के लिए नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए होमवर्क दिया है, जिसे हर एक पेरेंट को पढ़ना चाहिए. उन्होंने लिखा- पिछले 10 महीने आपके बच्चों की देखभाल करने में हमें अच्छा लगा.आपने गौर किया होगा कि उन्हें स्कूल आना बहुत अच्छा लगता है. अगले दो महीने उनके प्राकृतिक संरक्षक यानी आप उनके साथ छुट्टियां बिताएंगे. हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जिससे ये समय उनके लिए उपयोगी और खुशनुमा साबित हो. - अपने बच्चों के साथ कम से कम दो बार खाना जरूर खाएं. उन्हें किसानों के महत्व और उनके कठिन परिश्रम के बारे में बताएं. और उन्हें बताएं कि अपना खाना बेकार न करें. - खाने के बाद उन्हें अपनी प्लेटें खुद धोने दें. इस तरह के कामों से बच्चे मेहनत की कीमत समझेंगे. - उन्हें अपने साथ खाना बनाने में मदद करने दें. उन्हें उनके लिए सब्जी या फिर सलाद बनाने दें. - तीन पड़ोसियों के घर जाएं. उनके बारे में और जानें और घनिष्ठता बढ़ाएं. - दादा-दादी/ नाना-नानी के घर जाएं और उन्हें बच्चों के साथ घुलने मिलने दें. उनका प्यार और भावनात्मक सहारा आपके बच्चों के लिए बहुत जरूरी है. उनके साथ तस्वीरें लें. - उन्हें अपने काम करने की जगह पर लेकर जाएं जिससे वो समझ सकें कि आप परिवार के लिए कितनी मेहनत करते हैं. - किसी भी स्थानीय त्योहार या स्थानीय बाजार को मिस न करें. - अपने बच्चों को किचन गार्डन बनाने के लिए बीज बोने के लिए प्रेरित करें. पेड़ पौधों के बारे में जानकारी होना भी आपके बच्चे के विकास के लिए जरूरी है. - अपने बचपन और अपने परिवार के इतिहास के बारे में बच्चों को बताएं. - अपने बच्चों का बाहर जाकर खेलने दें, चोट लगने दें, गंदा होने दें. कभी कभार गिरना और दर्द सहना उनके लिए अच्छा है. सोफे के कुशन जैसी आराम की जिंदगी आपके बच्चों को आलसी बना देगी. - उन्हें कोई पालतू जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया या मछली पालने दें. - उन्हें कुछ लोक गीत सुनाएं. - अपने बच्चों के लिए रंग बिरंगी तस्वीरों वाली कुछ कहानी की किताबें लेकर आएं. - अपने बच्चों को टीवी, मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखें. इन सबके लिए तो उनका पूरा जीवन पड़ा है. - उन्हें चॉकलेट्स, जैली, क्रीम केक, चिप्स, गैस वाले पेय पदार्थ और पफ्स जैसे बेकरी प्रोडक्ट्स और समोसे जैसे तले हुए खाद्य पदार्थ देने से बचें. - अपने बच्चों की आंखों में देखें और ईश्वर को धन्यवाद दें कि उन्होंने इतना अच्छा तोहफा आपको दिया. अब से आने वाले कुछ सालों में वो नई ऊंचाइयों पर होंगे. माता-पिता होने के नाते ये जरूरी है कि आप अपना समय बच्चों को दें. अगर आप माता-पिता हैं तो इसे पढ़कर आपकी आंखें नम जरूर हुई होंगी. और आखें अगर नम हैं तो वजह साफ है कि आपके बच्चे वास्तव में इन सब चीजों से दूर हैं. इस एसाइनमेंट में लिखा एक-एक शब्द ये बता रहा है कि जब हम छोटे थे तो ये सब बातें हमारी जीवनशैली का हिस्सा थीं, जिसके साथ हम बड़े हुए हैं, लेकिन आज हमारे ही बच्चे इन सब चीजों से दूर हैं, जिसकी वजह हम खुद हैं
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इस्लाम जिम्मेदारियों का नाम है, हर एक मोमिन पर अल्लाह ने एक दूसरे की हिफाज़त का जिम्मा दिया है, हमारे नबी ने इरशाद फरमाया कि तुम अपने मासरे का ख्याल रखो, जो माजुर है, मिशकीन है, लाचार है, यतीम है, बेवा है, बीमार है वे तुम्हारे हवाले है उनका भी ख्याल अपने परिवार की तरह रखोगे तो बेशक तुम्हारा रब तुमसे बहुत खुश होगा ।
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چند اہم اور کنفیوز کرنے والے سوالات انار کلی.... ڈرامہ.. امتیاز علی تاج✅ انار کلی.... افسانہ... منٹو ✅ انار کلی... ناول... مرزا حامد بیگ✅ روح اقبال.... یوسف حسین خاں✅ روح غالب.... غلام مصطفی تبسم/نشتر جا لندھری. ✅ کایا کلپ.... ناول... پریم چند ✅ کایا کلپ... افسانہ.. انتظار حسین ✅ سرخ فیتہ.... ناول..انتظار حسین ✅ سرخ فیتہ... افسانے... قدرت اللہ شہاب✅
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