नए फौजदारी क़ानून
1 जुलाई 2024 से लागू होंगे।
शिकायत दर्ज करना
ज़ीरो एफआईआर से किसी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की जा सकेगी, चाहे अपराध की जगह कहीं भी हो, जिससे क़ानूनी कार्रवाई का आरंभ आसान हो जाएगा।
*जांच*
पुलिस को केस की जांच के लिए 90 दिन दिए गए हैं (जो कि लिखित कारणों की बुनियाद पर 120 दिन तक बढ़ाए जा सकते हैं)। एफआईआर के दर्ज होने की तारीख से 90 दिन के भीतर केस की प्रगति रिपोर्ट पीड़ित को दी जाएगी।
*डिजिटल प्रक्रिया अपनाना*
शिकायतकर्ता अब एक विशेष पोर्टल या पुलिस वेबसाइट के माध्यम से पुलिस शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
गौरतलब है कि दर्ज की गई ई-एफआईआर को प्रारंभिक सत्यापन के लिए जांच अधिकारी को भेजा जाता है।
*न्याय*
*समावेशी और प्रगतिशील उपाय:*
नए क़ानून में किन्नर व्यक्तियों को शामिल करने के लिए व्याख्याओं को विस्तारित किया गया है, लैंगिक समावेशन को बढ़ावा दिया गया है, और कानूनी कार्रवाइयों के प्रभावी निष्पादन के लिए अदालत की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
*न्यायिक फैसलों के समय की सीमा*
मुक़दमे के फैसले 30 दिनों के भीतर सुनाए जाएंगे, जो दलीलों के पूरा होने की तारीख से शुरू होंगे, और उन्हें 45 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
*गवाहों का संरक्षण*
हर राज्य सरकार गवाहों की सुरक्षा के लिए एक योजना तैयार करेगी और उसे अधिसूचित करेगी ताकि गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
*वीडियो बयान*
नए क़ानूनों के तहत बलात्कार (रेप) की शिकार महिला का बयान ऑडियो-वीडियो रूप में रिकॉर्ड करना अनिवार्य है।
*हिरासत*
पुलिस अब किसी भी व्यक्ति को जो प्रतिरोध, इंकार, अनदेखा या किसी भी प्रकार के निर्देशों की परवाह नहीं कर रहा है, 24 घंटे के लिए हिरासत में ले सकती है।
*नए विवरण*
नए विवरण में नए अपराध जैसे कि शादी के झूठे वादे और नाबालिगों के साथ सामूहिक उत्पीड़न, और आतंकवाद की व्यापक परिभाषा शामिल है।
*अपराध की जगह की रिकॉर्डिंग*
साक्ष्य, खोज और ज़ब्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए अनिवार्य खंड प्रस्तुत किए गए हैं ताकि किसी को झूठे आरोप में फँसाने की गुंजाइश कम हो सके।
*महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध*
वेश्यावृत्ति आदि के लिए बच्चों की खरीद-बिक्री गंभीर अपराध है। बारह साल से कम उम्र की लड़की के अपहरण के परिणामस्वरूप मौत की सज़ा या आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है।
*चिकित्सा संस्थान का हस्तक्षेप*
गंभीर अपराधों की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों को अपराध स्थल पर साक्ष्य एकत्र करने के लिए भेजा जाएगा।
*आधुनिक युग*
अदालतों का भी नवीनीकरण जारी है और आईसीजीएस, फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, पुलिस स्टेशन, गृह विभाग, लोक अभियोजक कार्यालय, और जेल आदि एक ही सॉफ़्टवेयर के तहत ऑनलाइन होने के क़रीब हैं।
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प्रस्तुतकर्ता : मीडिया स्कैन व्हाट्सएप ग्रुप