╰⍆'सच्ची बातें मोटिवेशनल'┼╯
...✅ हम आपके साथ कुछ ऐसे मोटिवेशनल कोट्स (प्रेरणादायक विचार) Motivational Quotes & Thoughts in Hindi शेयर करेंगे जिन्हें अगर आप अपने निजी जीवन में implement करेंगे तो निश्चित ही आप सफलता (Success) की ओर बढ़ेंगे। ❤️🙏✔️ Admin 👉 @rav28
إظهار المزيد195 094
المشتركون
-15324 ساعات
-1 1847 أيام
-5 32930 أيام
- المشتركون
- التغطية البريدية
- ER - نسبة المشاركة
جاري تحميل البيانات...
معدل نمو المشترك
جاري تحميل البيانات...
♡ ㅤ ❍ㅤ ⎙ㅤ ⌲
ˡᶦᵏᵉ ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ ˢᵃᵛᵉ ˢʰᵃʳᵉ
✅️ MY OTHER MOTIVATION CHENAL 💯
Jᴏɪɴ ➠ MOTIVATION STORY
Jᴏɪɴ ➠ INSPIRATION QUOTES
👍 49❤ 11👏 1😁 1
6 3451822
♡ ㅤ ❍ㅤ ⎙ㅤ ⌲
ˡᶦᵏᵉ ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ ˢᵃᵛᵉ ˢʰᵃʳᵉ
✅️ MY OTHER MOTIVATION CHENAL 💯
Jᴏɪɴ ➠ MOTIVATION STORY
Jᴏɪɴ ➠ INSPIRATION QUOTES
👍 26❤ 8🔥 2
6 16274
♡ ㅤ ❍ㅤ ⎙ㅤ ⌲
ˡᶦᵏᵉ ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ ˢᵃᵛᵉ ˢʰᵃʳᵉ
✅️ MY OTHER MOTIVATION CHENAL 💯
Jᴏɪɴ ➠ MOTIVATION STORY
Jᴏɪɴ ➠ INSPIRATION QUOTES
👍 32😁 10❤ 3👎 1🔥 1
7 899547
*" अच्छे अच्छे महलों मे भी एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है ...*
*💥सेठ घनश्याम के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था*
और एक चार बेड रूम के घर को लेकर विवाद गहराता जा रहा था
*एकदिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले , तो पिता जी बहुत जोर से हँसे।*
*पिताजी को हँसता देखकर दोनो भाई लड़ाई को भूल गये,* और पिताजी से हँसी का कारण पूछा ।
*पिताजी ने कहा-- इस छोटे से ज़मीन के टुकडे के लिये इतना लड़ रहे हो*
*छोड़ो इसे आओ मेरे साथ एक अनमोल खजाना दिखता हूँ मैं तुम्हे !*
पिता घनश्याम जी
और दोनो पुत्र पवन और मदन उनके साथ रवाना हुये ।
पिताजी ने कहा देखो यदि तुम आपस मे लड़े तो फिर मैं तुम्हे उस खजाने तक नही लेकर जाऊँगा और बीच रास्ते से ही लौटकर आ जाऊँगा !
*अब दोनो पुत्रों ने खजाने के चक्कर मे एक समझौता किया की चाहे कुछ भी हो जाये पर हम लड़ेंगे नही प्रेम से यात्रा पे चलेंगे !*
गाँव जाने के लिये एक बस मिली पर सीट दो की मिली,
और वो तीन थे,
अब पिताजी के साथ थोड़ी देर पवन बैठे तो थोड़ी देर मदन ।
ऐसे चलते-चलते लगभग दस घण्टे का सफर तय किया ,तब गाँव आया।
*घनश्याम जी दोनो पुत्रों को लेकर एक बहुत बड़ी हवेली पर गये हवेली चारों तरफ से सुनसान थी।*
घनश्याम जी ने देखा कि हवेली मे जगह जगह कबूतरों ने अपना घोसला बना रखा है, तो घनश्याम वहीं बैठकर रोने लगे।
*पुत्रों ने पुछा क्या हुआ पिताजी आप रो क्यों रहे है ?*
रोते हुये उस वृद्ध पिता ने कहा जरा ध्यान से देखो इस घर को, जरा याद करो वो बचपन जो तुमने यहाँ बिताया था ,
*तुम्हे याद है बच्चों इसी हवेली के लिये मैं ने अपने बड़े भाई से बहुत लड़ाई की थी, ये हवेली तो मुझे मिल गई पर मैंने उस भाई को हमेशा के लिये खो दिया ।*
क्योंकि वो दूर देश में जाकर बस गया और फिर वक्त्त बदला
एक दिन हमें भी ये हवेली छोड़कर जाना पड़ा !
*अच्छा तुम ये बताओ बेटा कि जिस सीट पर हम बैठकर आये थे*
*क्या वो बस की सीट हमें मिल गई?*
*और यदि मिल भी जाती तो क्या वो सीट हमेशा-हमेशा के लिये हमारी हो जाती ?*
मतलब की उस सीट पर हमारे सिवा और कोई न बैठ सकता ।
*दोनो पुत्रों ने एक साथ कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है , बस की यात्रा तो चलती रहती है और उस सीट पर सवारियाँ बदलती रहती है।*
पहले हम बैठे थे ,
आज कोई और बैठा होगा
और
पता नही ,कल कोई और बैठेगा।
*और वैसे भी उस सीट में क्या धरा है जो थोड़ी सी देर के लिये हमारी है !*
पिताजी पहले हँसे और फिर आंखों में आंसू भरकर बोले , देखो यही मैं तुम्हे समझा रहा हूँ ,*कि जो थोड़ी देर के लिये जो तुम्हारा है , *तुमसे पहले उसका मालिक कोई और था, थोड़ी सी देर के लिये तुम हो और थोड़ी देर बाद कोई और हो जायेगा।*
*बस बेटा एक बात ध्यान रखना कि इस थोड़ी सी देर के लिये कही तुम अपने अनमोल रिश्तों की आहुति न दे देना*,
*यदि पैसों का प्रलोभन आये तो इस हवेली की इस स्थिति को देख लेना कि अच्छे अच्छे महलों में भी*
*एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है।*
*बेटा मुझे यही कहना था --कि बस की उस सीट को याद कर लेना जिसकी रोज सवारियां बदलती रहती है*
*उस सीट के खातिर अनमोल रिश्तों की आहुति न दे देना*
*जिस तरह से बस की यात्रा में तालमेल बिठाया था बस वैसे ही जीवन की यात्रा मे भी तालमेल बिठाते रहना !*
*दोनो पुत्र पिताजी का अभिप्राय समझ गये, और पिता के चरणों में गिरकर रोने लगे !*
*शिक्षा :-*
*मित्रों, जो कुछ भी ऐश्वर्य -धन सम्पदा हमारे पास है वो सबकुछ बस थोड़ी देर के लिये ही है ,
थोड़ी-थोड़ी देर मे यात्री भी बदल जाते है और मालिक भी।
*रिश्तें बड़े अनमोल होते है* छोटे से ऐश्वर्य धन या *सम्पदा* के चक्कर मे कहीं किसी *अनमोल रिश्तें को न खो देना* ...
🙏🙏
*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*
👍 61❤ 13
8 1743513
*" अच्छे अच्छे महलों मे भी एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है ...*
*💥सेठ घनश्याम के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था*
और एक चार बेड रूम के घर को लेकर विवाद गहराता जा रहा था
*एकदिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले , तो पिता जी बहुत जोर से हँसे।*
*पिताजी को हँसता देखकर दोनो भाई लड़ाई को भूल गये,* और पिताजी से हँसी का कारण पूछा ।
*पिताजी ने कहा-- इस छोटे से ज़मीन के टुकडे के लिये इतना लड़ रहे हो*
*छोड़ो इसे आओ मेरे साथ एक अनमोल खजाना दिखता हूँ मैं तुम्हे !*
पिता घनश्याम जी
और दोनो पुत्र पवन और मदन उनके साथ रवाना हुये ।
पिताजी ने कहा देखो यदि तुम आपस मे लड़े तो फिर मैं तुम्हे उस खजाने तक नही लेकर जाऊँगा और बीच रास्ते से ही लौटकर आ जाऊँगा !
*अब दोनो पुत्रों ने खजाने के चक्कर मे एक समझौता किया की चाहे कुछ भी हो जाये पर हम लड़ेंगे नही प्रेम से यात्रा पे चलेंगे !*
गाँव जाने के लिये एक बस मिली पर सीट दो की मिली,
और वो तीन थे,
अब पिताजी के साथ थोड़ी देर पवन बैठे तो थोड़ी देर मदन ।
ऐसे चलते-चलते लगभग दस घण्टे का सफर तय किया ,तब गाँव आया।
*घनश्याम जी दोनो पुत्रों को लेकर एक बहुत बड़ी हवेली पर गये हवेली चारों तरफ से सुनसान थी।*
घनश्याम जी ने देखा कि हवेली मे जगह जगह कबूतरों ने अपना घोसला बना रखा है, तो घनश्याम वहीं बैठकर रोने लगे।
*पुत्रों ने पुछा क्या हुआ पिताजी आप रो क्यों रहे है ?*
रोते हुये उस वृद्ध पिता ने कहा जरा ध्यान से देखो इस घर को, जरा याद करो वो बचपन जो तुमने यहाँ बिताया था ,
*तुम्हे याद है बच्चों इसी हवेली के लिये मैं ने अपने बड़े भाई से बहुत लड़ाई की थी, ये हवेली तो मुझे मिल गई पर मैंने उस भाई को हमेशा के लिये खो दिया ।*
क्योंकि वो दूर देश में जाकर बस गया और फिर वक्त्त बदला
एक दिन हमें भी ये हवेली छोड़कर जाना पड़ा !
*अच्छा तुम ये बताओ बेटा कि जिस सीट पर हम बैठकर आये थे*
*क्या वो बस की सीट हमें मिल गई?*
*और यदि मिल भी जाती तो क्या वो सीट हमेशा-हमेशा के लिये हमारी हो जाती ?*
मतलब की उस सीट पर हमारे सिवा और कोई न बैठ सकता ।
*दोनो पुत्रों ने एक साथ कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है , बस की यात्रा तो चलती रहती है और उस सीट पर सवारियाँ बदलती रहती है।*
पहले हम बैठे थे ,
आज कोई और बैठा होगा
और
पता नही ,कल कोई और बैठेगा।
*और वैसे भी उस सीट में क्या धरा है जो थोड़ी सी देर के लिये हमारी है !*
पिताजी पहले हँसे और फिर आंखों में आंसू भरकर बोले , देखो यही मैं तुम्हे समझा रहा हूँ ,*कि जो थोड़ी देर के लिये जो तुम्हारा है , *तुमसे पहले उसका मालिक कोई और था, थोड़ी सी देर के लिये तुम हो और थोड़ी देर बाद कोई और हो जायेगा।*
*बस बेटा एक बात ध्यान रखना कि इस थोड़ी सी देर के लिये कही तुम अपने अनमोल रिश्तों की आहुति न दे देना*,
*यदि पैसों का प्रलोभन आये तो इस हवेली की इस स्थिति को देख लेना कि अच्छे अच्छे महलों में भी*
*एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है।*
*बेटा मुझे यही कहना था --कि बस की उस सीट को याद कर लेना जिसकी रोज सवारियां बदलती रहती है*
*उस सीट के खातिर अनमोल रिश्तों की आहुति न दे देना*
*जिस तरह से बस की यात्रा में तालमेल बिठाया था बस वैसे ही जीवन की यात्रा मे भी तालमेल बिठाते रहना !*
*दोनो पुत्र पिताजी का अभिप्राय समझ गये, और पिता के चरणों में गिरकर रोने लगे !*
*शिक्षा :-*
*मित्रों, जो कुछ भी ऐश्वर्य -धन सम्पदा हमारे पास है वो सबकुछ बस थोड़ी देर के लिये ही है ,
थोड़ी-थोड़ी देर मे यात्री भी बदल जाते है और मालिक भी।
*रिश्तें बड़े अनमोल होते है* छोटे से ऐश्वर्य धन या *सम्पदा* के चक्कर मे कहीं किसी *अनमोल रिश्तें को न खो देना* ...
🙏🙏
*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*
जीवन की अनमोल निधि
आप भी अपने जानकर , दोस्त और परिवार के सदस्यों को add कर सकते है जिससे सभी को कहानी से प्रेरणा मिल सके और ज्यादा से ज्यादा लाभ हो धन्यवाद
100
♡ ㅤ ❍ㅤ ⎙ㅤ ⌲
ˡᶦᵏᵉ ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ ˢᵃᵛᵉ ˢʰᵃʳᵉ
✅️ MY OTHER MOTIVATION CHENAL 💯
Jᴏɪɴ ➠ MOTIVATION STORY
Jᴏɪɴ ➠ INSPIRATION QUOTES
❤ 47👍 38👏 4👌 4🥰 2😢 1
11 2202713
अंत केवल मृत्यु है,
हर दिन प्रयत्न करना ही जीवन है।
👍 52❤ 12
11 105116
जीवन मे सफल होने के लिये दो चीजें-
कड़ी मेहनत और खुद पर विश्वास।
👍 71🙏 7👏 4
12 2311412