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Rajasthan GK

इस ग्रुप में 5000+ प्रश्न डाले गये है क्विज़ के रूप मे सभी विषयों के (70%+प्रश्न पूर्व एग्जाम मे आए हुए) जो आपकी तैयार मे सहायक होंगे।

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राजस्थान प्रमुख नवीन संस्थान एव पार्क 🔰 [अति महत्वपूर्ण] ▪️राजस्थान राज्य रोड सेफ्टी इंस्टीट्यूट - जयपुर ▪️नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान - दौलतपुरा (जयपुर) ▪️ बाबा आम्टे दिव्यांग युनिवर्सिटी - जामडोली( जयपुर ) ▪️ 1st ई-वेस्ट पार्क - जयपुर ▪️ 1st education Hub - JLN रोड (जयपुर) ▪️ सविधान पार्क - जयपुर ▪️ फिनटेक पार्क - जयपुर ▪️सामाजिक समरसता सद्भावना उत्कृष्टता केन्द्र - जोधपुर ▪️ राजस्थान राज्य खेल संस्थान - जोधपुर ▪️ राजीव गांधी फिनटेक युनिवर्सिटी - जोधपुर
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♣️ मामा भांजा विशेष (अति महत्वपूर्ण जीके) [Special REET, RAS, SI, Patwari Exam] ▪️मामा - भांजा महल - झालावाड़ ▪️मामा - भांजा मंदिर - अटरू (बारां) व डूंगरपुर ▪️मामा - भांजा छतरी - मेहरानगढ़ (जोधपुर) ▪️मामा - भांजा की मजार - भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़) ▪️मामा- भांजा की मस्जिद - टोंक ▪️मामा- भांजा की दरगाह - जोधपुर ▪️मामा- भांजा डूंगरी - दौसा ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+3LUCQor6aCc3OWY1
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♣️ राजस्थान स्थित प्रमुख ऐतिहासिक स्रोत 1. मानमोरी का शिलालेख चितौड़गढ़ की प्राचीन स्थिति से सम्बन्धित — 713 ई. 2. दुर्गराज के शिलालेख में पुष्कर के तीर्थ का वर्णन — 925 ई. 3. प्रतापगढ़ के शिलालेख कृषि, समाज तथा धार्मिक स्थिति से सम्बन्धित — 946 ई. 4. सांडेश्वर के अभिलेख —953 ई. 5. कुमारपाल का समिधेश्वर का लेख-चालुक्यों की विजय का द्योतक — 1150 ई. 6. अल्हणदेव का किराडू का लेख — 1152 ई. 7. सोलंकी भीमदेव का शिलालेख-आबू के शिव मन्दिर के स्तम्भ-निर्माण के वर्णन से सम्बन्धित — 1208 ई. 8. बीठू अभिलेख राठौड़ सिहं की मृत्यु तिथि निर्धारण — 1273 ई. 9. चीरवे (गांव) का शिलालेख (गुहिलवंशीय) — 1273 ई. 10. रसिया की छत्री का शिलालेख (चित्तौड़) — 1274 ई. 11. चित्तौड़ के पार्श्वनाथ के मन्दिर का लेख — 1278 ई. 12. हिम्मतराम के मन्दिर का लेख (जैसलमेर) — 1834 ई. ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1
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🔰‌ राजस्थान की वर्तमान की पहाड़ियां एवं उनके जिले:- (1) त्रिकूट पहाड़ी - जैसलमेर (2) हल्देश्वर पहाड़ी - सिवाणा (बालोतरा) (3) 56 की पहाड़ियां - सिवाणा (4) सुंधा पहाड़ी - जालौर (5) जसवन्तपुरा पहाड़ियां - जालौर (6) भाकरी - तीव्रढाल/कटकनुमा पहाड़ी (सिरोही) (7) गिरवा - तश्तरीनुमा पहाड़िया (उदयपुर) (8) देशहरो - जरगा रागा पहाड़ी क्षेत्र (उदयपुर) (9) बिछामेड़ा पहाड़ी - उदयपुर (सोम माशी वाकल का उद्गम) (10) पादरला पहाड़ी - उदयपुर (साबरमती का उद्गम) (11) छपन पर्वत - उदयपुर (12) गोगून्दा पहाड़ियां - उदयपुर (13) भंवरमाता पहाड़ी - प्रतापगढ़ (14) बीजासण पहाड़ी - माण्डलगढ़ (भीलवाड़ा) (15) मुकन्दरा पहाड़ी - कोटा झालावाड़ (16) कुण्डला पहाड़ी - कोटा (17) चांदबड़ी - झालावाड़ (517मी.) (18) संतुर चोटी - बून्दी (19) होर्स शु आकार घोड़े के नाल पहाड़ियां - शाहबाद (बारा) (20) बांसदरी पहाड़ी - सज्जनगढ़ (21) रंगीन पहाड़िया - रणथम्भौर (22) त्रिकूट पर्वत - करौली  (23) नैना पहाड़ी - बयाना  (24) छँटकी पर्वत - बयाना  (25) उदयनाथ- अलवर  (26) बैराठ पहाड़ी - कोटपुतली (27) सारण - पाली  (28) ईगल पहाड़ी - जयपुर city (29) कालीखोह - उदयपुर से आगरा तक पहाड़िया (30) नानी सीरड़ी पहाड़ी - सोजत (31) बीजक डुंगरी, भीम डुंगरी - कोटपुतली (32) खण्डेला - सीकर (33) लोहागर्ल - नीम का थाना (34) चिड़ियाटूक- जोधपुर city (35) खमनौर - राजसमंद (36) देवगिरी - दौसा (37) नैरणा पहाड़ी - दूदू (38) बिजराल पहाड़ी - राजसमंद 🌍 Join Telegram 🌍 https://t.me/SarkariFreeYojana
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🔻दुर्गों के संबंध में इतिहासकारों के महत्वपूर्ण कथन ▪️"घोड़ा कीजे काट का पग कीजे पाषाण अख्तर कीजे लोहे का तब पहुंचे जेसाण" ➙ अबुल फजल (सोनारगढ़ किला जैसलमेर) ▪️"दूर से देखने पर यह दुर्ग ऐसे लगता है जैसे जहाज ने रेगिस्तान में लंगर डाल रखा है" ➙ सोनारगढ़ किला जैसलमेर ▪️"8 फिरंगी 9 गोरा लड़े जाट का 2 छोरा" ➙ दुर्जनशाल, माधोसिंह (लोहागढ़ दुर्ग भरतपुर) ▪️"बाकी सब दुर्ग नंगे हैं यह बख्तरबंद है" ➙ अबुल फजल (रणथंबोर दुर्ग सवाई माधोपुर) ▪️"गढ़ तो चित्तौड़गढ़ बाकी सब गठैया" - ➙अबुल फजल (चित्तौड़गढ़ दुर्ग) ▪️"आज कुफ्र का घर इस्लाम का घर बन गया है" ➙अमीर खुसरो (रणथंबोर दुर्ग) ▪️"गढ़ दिल्ली गढ़ आगरो अधगढ़ बीकानेर भलो चिणायो भाटियो सिरे टू जैसलमेर" ➙ यह कहावत सोनारगढ़ दुर्ग के लिए प्रसिद्ध Share जरूर करें ‼️..….
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♣️ राजस्थान दुर्गों का परिचय ▪️राजस्थान के राजपूतों के नगरों और प्रासदों का निर्माण पहाडि़यों में हुआ, क्योकि वहां शुत्रओं के विरूद्ध प्राकृतिक सुरक्षा के साधन थे। ▪️शुक्रनीति में दुर्गो की नौ श्रेणियों का वर्णन किया गया। 1. एरण दूर्ग ▪️खाई, कांटों तथा कठौर पत्थरों से युक्त जहां पहुंचना कठिन हो जैसे - रणथम्भौर दुर्ग। 2. पारिख दूर्ग ▪️जिसके चारों ओर खाई हो जैसे -लोहगढ़/भरतपुर दुर्ग। 3. पारिध दूर्ग ▪️ईट, पत्थरों से निर्मित मजबूत परकोटा -युक्त जैसे -चित्तौड़गढ दुर्ग 4. वन/ओरण दूर्ग ▪️चारों ओर वन से ढ़का हुआ जैसे- सिवाणा दुर्ग। 5. धान्व दूर्ग ▪️जो चारों ओर रेत के ऊंचे टीलों से घिरा हो जैसे-जैसलमेर । 6. जल/ओदक ▪️पानी से घिरा हुआ जैसे - गागरोन दुर्ग 7. गिरी दूर्ग ▪️एकांत में पहाड़ी पर हो तथा जल संचय प्रबंध हो जैसे-दुर्ग, कुम्भलगढ़ 8. सैन्य दूर्ग ▪️जिसकी व्यूह रचना चतूर वीरों के होने से अभेद्य हो यह दुर्ग माना जाता हैं 9. सहाय दूर्ग ▪️सदा साथ देने वाले बंधुजन जिसमें हो। ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1
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♣️ राजस्थान रा प्रमुख साहित्यकार और उणा री कृतियां 1. चंदवरदाई = ‘पृथ्वीराज रासौ’ 2. शिवदास गाडण (चारण) = ‘अचलदास खींची री वचनिका’ 3. सूर्यमल्ल मीसण = ‘वंशभास्कर‘ व ‘वीर सतसई’ 4. गिरधर आसिया = ‘सगत रासो’ 5. कवि कलोल = ‘ढोला मारू रा दूहा’ 6. मुहणोत = ‘नैणसी री ख्यात’ व ‘मारवाड़ रा परगना री विगत’ 7. जग्गा खिडि़या = ‘राठौड़ रतनसिंह महेस दासोत री वचनिका’ 8. बीठू सूजा =‘राव जैतसी रो छंद’ 9. नयनचंद्र सूरी = ‘हमीर महाकाव्य’ 10. मंडन = ‘राजवल्लभ’ 11. जयानक = ‘पृथ्वीराज विजय’ 12. रणछोड़दास भट्ट = ‘अमरकाव्य वंशावली’ 13. पदमनाभ = ‘कान्हड़दे प्रबंध’ व ‘हमीरायण’ 14. नरपतिनाल्ह = ‘वीसलदेव रासौ’ 15. महाकवि माघ = ‘शिशुपाल वध’ 16. भट्ट सदाशिव = ‘राजविनोद’ 17. कन्हैयालाल सेठिया = मींझर, गलगचिया, कूंक, पाताल पीथल तथा रमणिये रा सोरठा 18. विजयदान देथा = बातां री फुलवारी (लोक कथाएं) 19. सीताराम लालस = राजस्थानी शब्दकोश 20. कोमल कोठारी = राजस्थानी लोकगीतों, कथाओं आदि का संकलन (रूपायन संस्था द्वारा) 21. अगरचंद नाहटा = पांडुलिपी संग्रह एवं लघुकथाएं 22. बसीर अहमद मयूख = गालिब की रचनाओं का राजस्थानी अनुवाद 23. मणी मधुकर = भरत मुनी के बाद (उपन्यास), पगफैरो (काव्य) 24. मनोहर वर्मा = आग का गोला सूर्य, एक थी चुहिया दादी, मैं पृथ्वी हूं आदि 25. महेन्द्र भानावत = गेहरो फूल गुलाब रो, देव नारायण रो भारत आदि 26. रामपालसिंह राजपुरोहित = सुंदर नैण सुधा (कहानी संग्रह) 27. मेजर रतन जाँगिड़ = माई ऐड़ा पूत जण (कहानी संग्रह) 28. चेतन स्वामी = किस्तुरी मिरग (कहानी संग्रह) 29. नन्द भारद्वाज = सांम्ही खुलतो मारग (उपन्यास) 30. संतोष मायामोहन = सिमरण (कविता संग्रह) 31. भरत ओला = जीव री जात (कहानी संग्रह) 32. अब्दुल वाहीद ‘कमल’ = घराणो (उपन्यास) 33. जया प्रकाश पांड्या ‘ज्योतिपुँज’ = कंकू कबंध (नाटक) 34. वासु आचार्य = सीर रो घर (कविता संग्रह) 35. शांति भारद्वाज ‘राकेश’ = उड़ जा रे सुआ (उपन्यास) 36. मालचंद तिवाड़ी = उतरियो है आभो (कविता संग्रह) 37. नेम नारायण जोशी = ओळूं री अखियातां (संस्मरण) 38. किशोर कल्पनाकांत = कूख पड़ियै री पीड़ (कविता संग्रह) 39. करणीदान बारहठ = माटी री महक (कहानी संग्रह) 40. नृसिंह राजपुरोहित = अधुरा सुपणा (कहानी संग्रह) 41. डॉ॰ अर्जुनदेव चारण = धरमजुध (नाटक) 42. प्रेमजी प्रेम = म्हारी कवितावाँ (कविता संग्रह) 43. रेवतदान चारण ‘कलपित’ = उछाळो (कविता संग्रह) 44. यादवेन्द्र शर्मा `चन्द्र’ = जामरो (कहानी संग्रह) 45. भगवती लाल व्यास = आणहद नाद (कविता संग्रह) 46. नैण मल जैन = सागळां री पीड़ा स्वत मेघ (कविता संग्रह) 47. महावीर प्रसाद जोशी = द्वारका (खंड काव्य) 48. सांवर दइया = एक दुनिया म्हारी (कहानी संग्रह) 49. सुमेरसिंह शेखावत = मारु-मंगल (कविता संग्रह) 50. मोहन आलोक = गा-गीत (कविता संग्रह) 51. मूलचन्द ‘प्रणेश’ = चसमदीठ गवाह (कहानी संग्रह) 52. नारायण सिंह भाटी = बरसाँ रा डीगोड़ा डूँगर लांघियाँ (कविता संग्रह) 53. रमेश्वर दयाल श्रीमाली = म्हारो गाँव (कविता संग्रह) 54. डॉ॰ चन्द्र प्रकाश देवल = पागी (कविता संग्रह) 55. अन्ना राम ‘सुदामा’ = मेवै रा रूंख (उपन्यास) 56. सत्य प्रकाश जोशी = भारमली (कविता संग्रह) ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1
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♣️राजस्थान के प्रमुख व्यक्तियों के उपनाम ▪️डिंगल का हैरॉस : पृथ्वीराज राठौड़ ▪️राजस्थान का कबीर : दादूदयाल ▪️भारत की मोनालिसा : बनी ठनी ▪️राजस्थान की जलपरी : रीमा दत्ता ▪️पत्रकारिता का भीष्म पितामह : पं. झाब्बरमल शर्मा ▪️राजस्थान की राधा : मीराबाई ▪️राजपूताने का अबुल फजल : मुहणौत नैणसी ▪️मरू कोकिला : गवरी देवी ▪️हल्दीघाटी का शेर : महाराणा प्रताप ▪️मेवाड़ का उद्धारक : राणा हम्मीर ▪️आधुनिक राजस्थान का निर्माता : मोहन लाल सुखाड़िया ▪️वागड़ का गांधी : भोगीलाल पंड्या ▪️मारवाड़ का प्रताप : राव चंद्रसेन ▪️मेवाड़ का भीष्म पितामह : राणा चूड़ा ▪️कलीयुग का कर्ण : राव लूणकरण ▪️गाँधीजी का पाँचवाँ पुत्र : जमना लाल बजाज ▪️राजस्थान का लौहपुरुष : दामोदर व्यास ▪️राजस्थान का आदिवासियों का मसीहा : मोतीलाल तेजावत ▪️आधुनिक भारत का भागीरथ : महाराजा गंगा सिंह ▪️गरीब नवाज : ख्वाजा मोइनुद्धीन चिश्ती ▪️राजस्थान का नृसिंह : संत दुर्लभ जी ▪️राजस्थान में किसान आंदोलन के जनक : विजय सिंह पथिक ▪️राजस्थान का लोक नायक : जयनारायण व्यास ▪️शेर-ए-राजस्थान : जयनारायण व्यास ▪️दा साहब : हरिभाऊ उपाध्याय ▪️राजस्थान का गाँधी : गोकुल भाई भट्ट ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1
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♣️ राजस्थान की विभिन्न शैलियों के कलाकार शैलियां कलाकार 1. किशनगढ़ शैली - निहालचन्द, अमीरचन्द, धन्ना व छोटू 2. मारवाङ शैली - भाटी देवदास, भाटी शिवदास, भाटी किशनदास 3. नाथद्वारा शैली - खूबीराम, घासीराम, रेवाशंकर व पुरुषोत्तम 4. मेवाङ शैली - गंगाराम, भैंरोराम, कृपाराम, साहिबदीन, मनोहर व नासिरुद्दीन 5. अलवर शैली - गुलाम अली, सालिगराम, नन्दराम, बलदेव, जुमनादास, डालचन्द व छोटे लाल 6. बूँदी शैली - रामलाल, अहमद अली, श्रीकृष्ण व सुरजन 7. जयपुर शैली - सालिगराम, लक्ष्मणराम व साहबराम 8. कोटा शैली - गोविन्द, लक्ष्मीनारायण, लालचन्द व रघुनाथ दास 9. बीकानेर शैली - मथरेणा परिवार व उस्ता परिवार। ♣️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1
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❇️ मेहरानगढ़ दुर्ग (जोधपुर) 🔵 ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ 1. राठौड़ों के शौर्य के साक्षी मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव मई, 1459 में रखी गई। 2. मेहरानगढ़ दुर्ग चिडि़या-टूक पहाडी पर बना है। 3. मोर जैसी आकृति के कारण यह किला म्यूरघ्वजगढ़ कहलाता है। दर्शनिय स्थल 1.चामुण्डा माता मंदिर -यह मंदिर राव जोधा ने बनवाया। 1857 की क्रांति के समय इस मंदिर के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इसका पुनर्निर्माण महाराजा तखतसिंह न करवाया। 2.चैखे लाव महल- राव जोधा द्वारा निर्मित महल है। 3.फूल महल - राव अभयसिंह राठौड़ द्वारा निर्मित महल है। 4. फतह महल - इनका निर्माण अजीत सिंह राठौड ने करवाया। 5. मोती महल - इनका निर्माता सूरसिंह राठौड़ को माना जाता है। 6. भूरे खां की मजार 7. महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश (पुस्तकालय) 8. दौलतखाने के आंगन में महाराजा तखतसिंह द्वारा विनिर्मित एक शिंगगार चैकी (श्रृंगार चैकी) है जहां जोधपुर के राजाओं का राजतिलक होता था। दुर्ग के लिए प्रसिद्ध उन्ति - " जबरों गढ़ जोधाणा रो" ब्रिटिश इतिहासकार किप्लिन ने इस दुर्ग के लिए कहा है कि - इस दुर्ग का निर्माण देवताओ, फरिश्तों, तथा परियों के माध्यम से हुआ है। दुर्ग में स्थित प्रमुख तोपें- 1. किलकिला 2. शम्भू बाण 3. गजनी खां 4. चामुण्डा 5. भवानी ╭─❀⊰╯❇️ टेलीग्राम पर जुड़े 👇 https://t.me/+QmXjnYrFbwRkNjg1 ❇️ Promote- @Premkumarchoudhry ╨───────────────────━❥
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