Sunil ydv SS
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ना जाने किसकी दुआ से ज़िंदा हूँ
सौ शिकारी है और एक मैं परिंदा हूँ
अज्ञात
शुरुआत से ही आदमी ने
ग़लत को सही ठहराने के लिए
ईश्वर का इस्तेमाल किया ।
सलमान रुश्दी
Don’t judge me
You can’t handle half of
What i have survived
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वर्षों का संघर्ष और कर्म एक लंबे समय अंतराल के बाद आख़िर आज टकरा ही गया
- @SunilydvSS
Repost from SS Motivation
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मैं ये नहीं कहूंगा कि आज केवल खुशी का दिन है मेरे लिए,
बल्कि ये कहूंगा की बस आज ही के दिन का इंतजार था।
जब आपकी नियत और इरादे दोनों सही हों तो किस्मत को भी पलटना ही पड़ता है, अब तक ये बात रोज सोच के हिम्मत देता था खुद को की और बेहतर करना हैं कुछ जो लोगों के दिल और रूह को छू जाए। उम्मीद की एक छाया रोज मेरी पलकों पे बैठी होती थी।
और आज मेरा विश्वास यकीन में बदल गया।
आज शब्दों की कहानियां कम कहूंगा, बस जज्बातों को समझ लेना।
समय के झूले में रोज जिंदगी को धकेल रहा था, आज संघर्ष की कहानी सुनाऊंगा तो आंखे रो देगी।
जब 2018 में फेसबुक ने SS Motivation को वेरिफिकेशन देकर हमें इस काबिल होने का अहसास दिलाया तब से दिल में इच्छा थी इंस्टाग्राम पर भी हमारी एक अलग पहचान हो, और आज 5 साल बाद छलकती हुई आंखों से आप सबके सामने हूं आपका शुक्रिया कहने के लिए।
आपकी हसीं का रंग और गहरा करने का वादा करता हूं। आपका प्यार और साथ मेरे ज़िंदगी की कहानियों में सर्वोपरि रहेगा।
जलनखोरों को बस इतना ही कहूँगा 699/- rs में ब्राण्ड वेरिफ़ाइड नहीं होते 😁
आप जलते रहिये मैं यु ही आग लगाता रहूँगा 😛
सभी को प्यार और सम्मान। 🙏❤️
~ Sunil ydv SS
@SunilydvSS
क्योंकि तुम लड़के हों..
लड़के..जिनको ना कभी कविताओं में जगह मिलीं और ना हीं उनके हृदय के सौंदर्य को कभी कहीं जगह मिलीं,इंतजार करते रहें जीवन भर किसी की हां का,कह ना सकें कभी अपने मन में छुपे प्रेम को,रो ना सकें बहन की विदाई में क्योंकि उनको हमेशा कहा गया लड़कों तुम कठोर हों..
स्वाद ना चख सकें खाने का अपनी बहन की शादी में क्योंकि लड़के तो व्यस्त हैं पूर्ति करने में कि कहीं कोई कमी ना रह जाएं बहन की विदाई में.. बहन बेटी को बैठाने के लिए हमेशा खड़े रहे ट्रेनों बसों में अपनी सीट छोड़कर क्योंकि कहा गया कि तुम लड़के हों...
घर का कोई जिम्मेदारी का काम हैं लड़कों तुम्हें करना हैं क्योंकि तुम लड़के हों. लड़कों को कहां सहूलियत है कि घर पर बैठ जाएं...मां पिता की बीमारी से लेकर उनके अंतिम संस्कार की अंतिम लकड़ियों के जलने तक खड़े रहें..
उनकी गंगा में अस्थियां प्रवाहित होने तक विचलित होते हैं परंतु तुम दिखा नहीं सकतें क्योंकि तुम लड़के हों...
शरीर तो तुम्हारा भी ईश्वर की हीं रचना हैं क्या तुम्हें कभी कोई दर्द होता नहीं.. क्या कभी तुम्हारी पीठ अकड़ती नहीं क्योंकि तुम लड़के हों ❤️
~ वंदना
एक दिन तुम्हारे ही कर्म
तुमसे मिलने आयेंगे,
बस उस दिन
तुम हैरान ना होना
अज्ञात
मुझसे दामन ना छुड़ा
मुझको बचा कर रख ले ,
मुझसे एक रोज़
तुझे प्यार भी हो सकता है
Khalil UR
छिप छिप अश्रु बहाने वालों ,
मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से ,
जीवन नहीं मरा करते है
- गोपालदास नीरज
पैसा कमाइए ,
पूरा देश
आपको अच्छा व्यक्ति कहने की साज़िश रचेगा
- जॉर्ज बर्नॉर्ड शॉ
जो ये मंदी का जमाना है गुजर जाने दे
फिर पता चलेगा तुझे मेरी क़ीमत क्या है
राहत इंदौरी
सत्य को भी प्रचार चाहिए, अन्यथा वह मिथ्या मान लिया जाता है!
अज्ञात
ख़ाली जेब लेकर निकलो कभी बाज़ार में वहम दूर हो जाएगा इज़्ज़त कमाने का।
~ अज्ञात
इतना ना ढूँढ अपने आप को दूसरो में,
जो दूसरे मसरूफ़ हो गये अपनी ज़िंदगी में
तो तेरा वजूद भी साथ ले जाएँगे
अज्ञात
आपकी कृत्रिम महानता वही दम तोड़ देती है
जब आप किसी की तारीफ़ भी अहसान की तरह करते है
अशेष
मेरे मध्यमवर्गीय पिता ने मुझे बस एक महामंत्र सिखाया -
“ पढ़ाई मेरे पैसों से करो, ऐश अपने पैसों से करना “
अशेष
मर्द को जितना भी मार लो उसकी आँखों में आंसू नहीं आएंगे ,
तो सोचो वो दर्द कैसा होगा जो मर्द को रुलाता होगा
शब्द भंडार
वो बिक चुके थे जब हम ख़रीदने के काबिल हुए
ज़माना बीत गया ग़ालिब हमें अमीर होते होते
ग़ालिब
रुतबा रियासत और जायदाद का नहीं
स्वाभिमान और ज़मीर का होता है
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तुम मुझे हरा नहीं पाओगे क्यूंकि
मैं तुमसे जीतना ही नहीं चाहता !
दिल तुझे नाज़ है जिस शख़्स की दिलदारी पर
देख अब वो भी उतर आया अदाकारी पर
सलीम कौसर
चाँद मुझे दिलाता है तुम्हारी याद
कितनी ख़ूबसूरती से तुम दोनों करते हो कोशिश
अंधेरे से लड़ने की।
- आशीष बागरे द्वारा
नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अन्तर्मन,
तब सुख के मिले समुंदर का
रह जाता कोई अर्थ नहीं
रामधारी सिंह दिनकर
दोस्त कठिन है यहाँ किसी को भी
अपनी पीड़ा समझाना
दर्द उठे तो सुने पथ पर
पाँव बढ़ाना , चलते जाना
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
घर आधी रात में बड़बड़ाता है
आओ सब आओ मेरे पास बैठो
अपनी अपनी सुनाओ
क्या संजोया गठरी में क्या गवाया ?
मैं तुम्हारा पुरखा हूँ दोस्त हूँ
मुझसे कैसा दुराव ?
निर्मला गर्ग
दाने तक जब पहुँची चिड़िया
जाल में थी…..
ज़िंदा रहने की ख्वाहिशों ने मार दिया 🥲
परवीन शाकिर
जिससे आँखों में आ जाए आंसू ,
वो ख़ुशी लेके हम क्या करेंगे
नुसरत फतेह
अगर आप उड़ना चाहते है
तो वह सब कुछ छोड़ दे
जो आपको नीचे खींचता है
बुद्ध
आधुनिकता कपड़ों में नहीं
आपकी सोच और विचारों में होनी चाहिये
रवीन्द्रनाथ टैगोर
बुद्धिमान लोग हर चीज़ पर सवाल उठाते है
मूर्खों के पास हर बात का जवाब होता है
सुकरात
मुझसे कहते है वह
तुम ख़ुशबू हो
और चाहते है
मुट्ठी में रहूँ
श्रद्धा सुनील
थोड़ा सच झलकता है मेरे लहजे में
मैं मिज़ाजी तौर पर बहुत बुरा हूँ
अज्ञात
जाऊँगा कहा
रहूँगा यहीं
किसी किवाड़ पर
हाथ के निशान की तरह
पड़ा रहूँगा
केदारनाथ सिंह
Kirish qilib, tafsilotli ma'lumotlarga ega bo'ling
Biz sizga ushbu hazinani tasdiqlashdan so'ng ochamiz. Va'da qilamiz, tezroq!